हैदराबाद : तेलंगाना के दो जिले से सोमवार को दो नवजात के बेचने की खबर आई. निजामाबाद में एक मामले में दाने-दाने को मोहताज दंपती ने गरीबी से तंग आकर अपने नवजात बच्चे को बेचा था. जबकि दूसरे मामले में भद्राद्री कोठागुडेम निवासी बच्चे का पिता पैसे का लालची निकला. फिलहाल दोनों मामलों की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है.
निजामाबाद जिले में एक नवजात बच्चे को उसके माता-पिता ने इसलिए बेच दिया क्योंकि उनके पास अपने कलेजे के टुकड़े की देखभाल करने का सामर्थ्य नहीं है. पुलिस के अनुसार बच्चे को बेचने का आरोपी दंपति सिद्दीपेट जिले का रहने वाला है. यह दंपति घनपुर गांव के बाहरी इलाके में बसे महालक्ष्मी नगर में एक तंबू में रहता है. पति का नाम कोमुरैया और पत्नी का नाम भीमाव्वा है. पिछले दिनों गर्भवती भीमाव्वा को दिचपल्ली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां बच्चे को जन्म देने बाद भीमाव्वा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बाद में पता चला कि दंपति ने 20 हजार रुपये में अपने बच्चे को बेच दिया है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने उनसे पूछताछ की. दंपति ने अधिकारियों को बताया कि वे बच्चे की परवरिश नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने बच्चे को अपने रिश्तेदारों को दे दिया. फिलहाल बच्चे को निजामाबाद जिला सरकारी अस्पताल ले जाया गया है. दिचपल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
दूसरी घटना, जहां बाप ने 2 लाख में बेटे को बेचा
बच्चे को बेचने की दूसरी घटना भद्राद्री कोठागुडेम जिले में हुई. यहां एक शख्स ने अपने नवजात को दो लाख रुपये में बेच दिया. ऐसा करने के बाद उसने पत्नी को झूठ बोला. उसने अपनी पत्नी को बताया कि जन्म लेने के बाद ही उसके बेटे की मौत हो गई थी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कारण उसका छल पकड़ा गया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
पश्चिम गोदावरी जिले में रहने वाली चिलकम्मा ने 3 मार्च को भद्राद्री कोठागुडेम जिले के अश्वरावपेट के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. प्रसव के बाद जब चिलकम्मा बेहोश हो गई तो उसके पति घंटा अरुण कुमार, सास मैरी, आरएमपी डॉक्टर बुचिबाबू और चिंतालापुडी क्षेत्र के श्रीनिवास राव उसके नवजात को ले गए. आरोपियों ने बच्चे को विशाखापत्तनम के कुछ लोगों के हाथों दो लाख रुपये में बेच दिया. जब चिलकम्मा को होश आया तो उसे आरोपियों ने बताया कि उसका बच्चा मर गया है. उसके पहले से पांच का बेटा और दो साल की बेटी है.
इस झूठ की पोल तब खुली जब चिलकम्मा की सास मैरी आंगबाड़ी टीचर विजयलक्ष्मी और नैनी नागमणि से उलझ गईं. दरअसल मैरी अपने पोते-पोती को लेकर रोज आंगनबाड़ी जाती थी, जहां बच्चों को मुफ्त खाना मिलता है. वहीं मैरी ने अपने तीसरे पोते के लिए अंडे और अन्य पौष्टिक आहार मांगी. इस पर विजयलक्ष्मी ने कहा कि आपके तीसरे पोते के लिए खाना क्यों दें जबकि आप बता चुकी हैं कि वह गर्भ में ही मर गया है. इस हकरत के बाद आंगबाड़ी टीचर विजयलक्ष्मी ने छानबीन शुरू की तो उन्हें पता चला कि मैरी के बेटे ने बच्चे को कहीं बेच दिया है. उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. अश्वरावपेट पुलिस की पूछताछ में कहानी खुलकर सामने आ गई. एसआई अरुणा के अनुसार, पुलिस बच्चे को उसकी मां तक लाने के लिए कार्रवाई कर रही है.