हाथरस : शहर में घूम रहे बंदर के एक बच्चे की गर्दन में प्लास्टिक की रस्सी फंस गई थी. इससे उसकी गर्दन में जख्म हो गए थे. एक समाजसेवी ने इसकी शिकायत भाजपा सांसद मेनका गांधी से की थी. सांसद ने बच्चे काे बचाने के निर्देश दिए थे. सोमवार काे आगरा से वाइल्ड लाइफ की टीम पहुंची, लेकिन काफी मशक्कत के बाद टीम बंदर के बच्चे को नहीं पकड़ पाई. बंदरों का झुंड होने के कारण टीम काे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे टीम लौट गई थी. मंगलवार काे टीम संशाधनों के साथ फिर पहुंची. इसके बाद बंदर के बच्चे को पकड़ कर प्लास्टिक की रस्सी काट दी. इसके बाद जख्म की मरहम-पट्टी भी की गई. टीम के सदस्यों ने बताया कि बंदर स्वस्थ है.
बता दें कि समाजसेवी व अधिवक्ता मुकेश चतुर्वेदी ने कुछ दिन पहले बंदर के एक बच्चे को देखा था. उसकी गर्दन में प्लास्टिक की रस्सी लिपटी हुई थी. रस्सी से उसके गर्दन में जख्म हो गया था. वह कराह रहा था. इस पर उन्होंने भाजपा सांसद मेनका गांधी से इसकी शिकायत कर दी थी. सांसद ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके बाद आगरा से वाइल्ड लाइफ की टीम सोमवार को हाथरस पहुंची. झुंड में होने की वजह से बंदर का बच्चा टीम के हाथ नहीं लग पा रहा था. कुछ देर के प्रयास के बाद टीम लौट गई थी.
हाथरस वन विभाग के रेंजर राजवीर सिंह ने बताया कि आगरा से टीम मंगलवार काे फिर पहुंची. इसके बाद बंदर के बच्चे को पकड़ा गया. वन विभाग की टीम भी लगी हुई थी. वाइल्ड लाइफ की टीम ने गर्दन से प्लास्टिक की रस्सी काट दी. इसके बाद उसका उपचार किया गया. रेस्क्यू टीम के इंचार्ज ताज मोहम्मद ने बताया कि सोमवार काे संशाधन न होने से हम असफल रहे थे. मंगलवार काे हम पूरी तैयारी से आए. आधे घंटे में बंदर के बच्चे को पकड़ लिया. स्थानीय वन विभाग की टीम भी साथ थी. टीम ने पिंजरे के सहारे बंदर को पकड़ा. इसका इलाज कराया गया. डाक्टर के अनुसार उसे कोई खतरा नहीं है. केवल उसके गले के उपर की स्किन कट गई थी.
यह भी पढ़ें : बंदर के बच्चे के गले में फंसा फंदा, मेनका गांधी के निर्देश पर रेस्क्यू करने पहुंची टीम पकड़ नहीं पाई