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ओडिशा : कोरोना ने छीन ली टीचर की नौकरी, बनना पड़ा कुड़ा उठाने वाले गाड़ी का चालक

ओडिशा की राजधानी (Capital of Odisha) भुवनेश्वर (Bhubaneswar) में एक प्ले स्कूल की टीचर अपनी नौकरी खोने के बाद कचरा संग्रहण वाहन की चालक बन गई. वह कहती हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में भी घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करना काफी मुश्किल है. लेकिन, मुझे अपने परिवार के लिए आगे बढ़कर काम करना है. मैं, एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने से कभी नहीं हिचकिचाती हूं.

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Published : Jul 5, 2021, 1:13 PM IST

कोरोना ने छीन ली टीचर की नौकरी
कोरोना ने छीन ली टीचर की नौकरी

भुवनेश्वर : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने कई लोगों की नौकरी छीन ली. कोई लोग अपना घर चलाने के लिए छोटे-मोटे व्यवसाय करने लगे. लोग किसी काम को छोटा या बड़ा बगैर सोचे कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही ओडिशा की प्ले स्कूल की टीचर के साथ भी हुआ. भुवनेश्वर की ये स्कूल टीचर स्मृतिरेखा बेहरा है, जिसकी नौकरी कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण चली गई थी. अब शहर के नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहन (garbage collection vehicle) को चलाने का काम संभाल रही है.

जानकारी के मुताबिक, स्मृतिरेखा अपने पति, दो बेटियों और ससुराल वालों के साथ शहर के पथबंधा स्लम में रहती हैं. महामारी में उनकी नौकरी चली गई. स्कूल बंद कर दिया गया. यहां तक कि महामारी के मद्देनजर होम ट्यूशन भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. जब कोई अन्य विकल्प न बचा, तब स्मृतिरेखा भुवनेश्वर नगर निगम (Bhubaneswar Municipal Corporation-BMC) के कचरा संग्रहण वाहन ‘मु सफेईवाला’ की चालक बन गई.

पढ़ें : ओडिशा की मोना बिश्वरूपा को मिला दुबई का 'गोल्डन वीजा', मुख्यमंत्री ने दी बधाई

वाहन नगर निगम के क्षेत्रों से ठोस कचरे को एकत्र करता है और उन्हें हर दिन सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक डंपिंग यार्ड में पहुंचाता है. इस गाड़ी की चालक स्मृतिरेखा हैं.

वह कहती हैं कि नौकरी जाने के बाद BMC का कचरा वाहन चला रही हूं. मैं अपने परिवार का पेट पालने के लिए पिछले तीन महीनों से BMC के साथ काम कर रही हूं. दूसरी लहर के दौरान घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करना काफी मुश्किल है. लेकिन, मुझे अपने परिवार के लिए आगे बढ़कर काम करना है. मैं, एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने से कभी नहीं हिचकिचाती क्योंकि मैं अपने कर्तव्य का सम्मान करती हूं.

भुवनेश्वर : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने कई लोगों की नौकरी छीन ली. कोई लोग अपना घर चलाने के लिए छोटे-मोटे व्यवसाय करने लगे. लोग किसी काम को छोटा या बड़ा बगैर सोचे कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही ओडिशा की प्ले स्कूल की टीचर के साथ भी हुआ. भुवनेश्वर की ये स्कूल टीचर स्मृतिरेखा बेहरा है, जिसकी नौकरी कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण चली गई थी. अब शहर के नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहन (garbage collection vehicle) को चलाने का काम संभाल रही है.

जानकारी के मुताबिक, स्मृतिरेखा अपने पति, दो बेटियों और ससुराल वालों के साथ शहर के पथबंधा स्लम में रहती हैं. महामारी में उनकी नौकरी चली गई. स्कूल बंद कर दिया गया. यहां तक कि महामारी के मद्देनजर होम ट्यूशन भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. जब कोई अन्य विकल्प न बचा, तब स्मृतिरेखा भुवनेश्वर नगर निगम (Bhubaneswar Municipal Corporation-BMC) के कचरा संग्रहण वाहन ‘मु सफेईवाला’ की चालक बन गई.

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वाहन नगर निगम के क्षेत्रों से ठोस कचरे को एकत्र करता है और उन्हें हर दिन सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक डंपिंग यार्ड में पहुंचाता है. इस गाड़ी की चालक स्मृतिरेखा हैं.

वह कहती हैं कि नौकरी जाने के बाद BMC का कचरा वाहन चला रही हूं. मैं अपने परिवार का पेट पालने के लिए पिछले तीन महीनों से BMC के साथ काम कर रही हूं. दूसरी लहर के दौरान घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करना काफी मुश्किल है. लेकिन, मुझे अपने परिवार के लिए आगे बढ़कर काम करना है. मैं, एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने से कभी नहीं हिचकिचाती क्योंकि मैं अपने कर्तव्य का सम्मान करती हूं.

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