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Odisha Train Tragedy : बालासोर ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद नेपाल दंपति को मिला बेटा वापस

नेपाल का एक 15 वर्षीय लड़का, जो हाल ही में बालासोर के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर हुए ट्रेन दुर्घटना में बच गया था, कटक एससीबी अस्पताल में अपने परिवार से मिला. हादसे के तीन दिन बाद नेपाल की दंपति को अपना बेटा जीवित मिला.

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Published : Jun 7, 2023, 1:44 PM IST

Updated : Jun 7, 2023, 5:55 PM IST

कटक : ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे ने कई परिवारों को बिखर कर रख दिया है. कई लोगों ने अपनों को खो दिया तो कई परिवार अब तक अपने की तलाश कर रहे हैं. वहीं, एक ऐसा मामला भी सामने आया, जिसमें 15 साल के बेटे की तलाश में एक दंपति को नेपाल से कटक आना पड़ा. उन्हें यह तक पता नहीं था कि उनका बेटा जीवित है या मृत.

जानकारी के मुताबिक, 15 साल का रामानंद पासवानी नेपाल से अपने तीन रिश्तेदारों के साथ भारत आया था. सभी शालीमार से कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे. बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद भारत आए रामानंद के बारे में नेपाल में रह रहे उसके माता-पिता को कोई खबर नहीं मिली. उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनका बेटा मर गया था या जिंदा था. इसलिए वह अपने बेटे की तलाश में नेपाल से ओडिशा आए. अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद वह कटक एससीबी अस्पताल पहुंचे, जहां हादसे के तीन दिन बाद उन्हें आखिरकार अपना लापता बेटा रामानंद मिल गया. अपने बेटे को जिंदा देख ये नेपाली दंपति की खुशी का ठिकाना नहीं है.

रामानंद पासवानी के परिजनों की मौत : रामानंद पासवानी अपने तीन रिश्तेदारों के साथ कोलकाता आया था. हादसे वाले दिन ये सभी लोग कोरोमंडल ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये सफर उनका आखिरी सफर बन जाएगा. ट्रेन बालेश्वर बाहानगा में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसमें रामानंद के साथ आए तीन अन्य रिश्तेदारों की मौत हो गई, जबकि रामानंद मौत से बाल-बाल बच गया. उसे गंभीर हालत में कटक के एससीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

खोया बेटा मिला : इधर, नेपाल में रामानंद के माता-पिता ट्रेन हादसे की खबर सुनकर टूट पड़े थे. वह अपने बेटे की तलाश में तुरंत नेपाल से ओडिशा आ गये. उन्होंने सभी अस्पतालों में उसे तलाशा लेकिन, उसका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा था. जब वे एम्स भुवनेश्वर में अपने बेटे की तलाश कर रहे थे, तब कुछ मीडियाकर्मियों ने इस दंपति के बारे में भी खबर प्रसारित की. वहीं, मेडिकल सेंटर में इलाज करा रहे रामानंद ने टीवी स्क्रीन पर अपने माता-पिता को देखकर उन्हें पहचान लिया. अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी देने के बाद उसके माता-पिता से संपर्क किया गया. इसके बाद रामानंद के माता-पिता कटक एससीबी अस्पताल पहुंचे और अपने बेटे से मिले. बेटे के बचने की उम्मीद छोड़ चुके इस दंपति ने उसे जिंदा देखकर खुशी से झूम उठे थे.

कटक : ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे ने कई परिवारों को बिखर कर रख दिया है. कई लोगों ने अपनों को खो दिया तो कई परिवार अब तक अपने की तलाश कर रहे हैं. वहीं, एक ऐसा मामला भी सामने आया, जिसमें 15 साल के बेटे की तलाश में एक दंपति को नेपाल से कटक आना पड़ा. उन्हें यह तक पता नहीं था कि उनका बेटा जीवित है या मृत.

जानकारी के मुताबिक, 15 साल का रामानंद पासवानी नेपाल से अपने तीन रिश्तेदारों के साथ भारत आया था. सभी शालीमार से कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे. बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद भारत आए रामानंद के बारे में नेपाल में रह रहे उसके माता-पिता को कोई खबर नहीं मिली. उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनका बेटा मर गया था या जिंदा था. इसलिए वह अपने बेटे की तलाश में नेपाल से ओडिशा आए. अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद वह कटक एससीबी अस्पताल पहुंचे, जहां हादसे के तीन दिन बाद उन्हें आखिरकार अपना लापता बेटा रामानंद मिल गया. अपने बेटे को जिंदा देख ये नेपाली दंपति की खुशी का ठिकाना नहीं है.

रामानंद पासवानी के परिजनों की मौत : रामानंद पासवानी अपने तीन रिश्तेदारों के साथ कोलकाता आया था. हादसे वाले दिन ये सभी लोग कोरोमंडल ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये सफर उनका आखिरी सफर बन जाएगा. ट्रेन बालेश्वर बाहानगा में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसमें रामानंद के साथ आए तीन अन्य रिश्तेदारों की मौत हो गई, जबकि रामानंद मौत से बाल-बाल बच गया. उसे गंभीर हालत में कटक के एससीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

खोया बेटा मिला : इधर, नेपाल में रामानंद के माता-पिता ट्रेन हादसे की खबर सुनकर टूट पड़े थे. वह अपने बेटे की तलाश में तुरंत नेपाल से ओडिशा आ गये. उन्होंने सभी अस्पतालों में उसे तलाशा लेकिन, उसका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा था. जब वे एम्स भुवनेश्वर में अपने बेटे की तलाश कर रहे थे, तब कुछ मीडियाकर्मियों ने इस दंपति के बारे में भी खबर प्रसारित की. वहीं, मेडिकल सेंटर में इलाज करा रहे रामानंद ने टीवी स्क्रीन पर अपने माता-पिता को देखकर उन्हें पहचान लिया. अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी देने के बाद उसके माता-पिता से संपर्क किया गया. इसके बाद रामानंद के माता-पिता कटक एससीबी अस्पताल पहुंचे और अपने बेटे से मिले. बेटे के बचने की उम्मीद छोड़ चुके इस दंपति ने उसे जिंदा देखकर खुशी से झूम उठे थे.

Last Updated : Jun 7, 2023, 5:55 PM IST
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