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Odisha Train Accident : कांग्रेस ने उठाए सवाल, 'कहां थी कवच प्रणाली, जिसका रेल मंत्री करते थे गुणगान' - ओडिशा ट्रेन हादसा

दो ट्रेनों की टक्कर न हो, इसके लिए कवच प्रणाली को विकसित किया गया था. रेल मंत्री ने खुद इस व्यवस्था को लेकर प्रचार-प्रसार भी किया था. लेकिन ओडिशा हादसे को नहीं रोका जा सका. अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर यहां पर कवच प्रणाली का उपयोग क्यों नहीं किया गया. कांग्रेस पार्टी ने इस पर सवाल उठाए हैं.

kavach
कवच प्रणाली
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Published : Jun 3, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Jun 3, 2023, 2:16 PM IST

नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए हैं. कुछ महीने पहले रेल मंत्री ने कवच सिस्टम को लेकर खूब प्रचार किया था. तब कहा गया था कि इसकी वजह से आमने-सामने आ रही दो ट्रेनों की भिड़न्त नहीं होगी. वे एक खास सिग्नल भेजेंगे, इससे सामने से आ रही दूसरी ट्रेन को रोकने में मदद मिलेगी. पर शुक्रवार को हुई ट्रेन भिड़न्त ने पोल खोल दी है.

ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को सीधे ही निशाने पर लिया है. कांग्रेस यूथ विंग के अध्यक्ष बी श्रीनिवास ने कहा कि रेल मंत्री कवच सुरक्षा तकनीक के बारे में खूब बताते थे, पर क्या हुआ. उन्होंने आगे कहा कि इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा.

  • जब एक Train Derail होकर दूसरे Railway Track पर आ गयी थी, तब 'Kavach' कहाँ था??

    300 के आसपास मौतें, करीब 1000 लोग घायल। इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा? pic.twitter.com/Ys3RGZFRVS

    — Srinivas BV (@srinivasiyc) June 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि कवच में भी कांड हो गया. पार्टी ने रेल मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए लिखा कि मोदी सरकार के लिए सिर्फ वंदे भारत ट्रेन की महत्वपूर्ण है. शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह हादसा सरकार की लापरवाही है, इसलिए रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

क्या है कवच प्रणाली - कवच प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है. यह सिग्नल सिस्टम से संबंध स्थापित करता है. सिग्नल सिस्टम से मिल रही जानकारी को कंट्रोल रूम में भेजता है. वहां पर परिचालन अधिकारी उस मैसेज के आधार पर निर्णय लेते हैं. अगर यह व्यवस्था काम करती है, तो पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनें सुरक्षा के मद्देनजर रूक जाएंगी. यह सिस्टम इमरजेंसी में स्टेशन एवं लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करता है.

ये भी पढ़ें : Odisha Train Accident : मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हुई, 900 से अधिक घायल, रेस्कयू ऑपरेशन हुआ पूरा

नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए हैं. कुछ महीने पहले रेल मंत्री ने कवच सिस्टम को लेकर खूब प्रचार किया था. तब कहा गया था कि इसकी वजह से आमने-सामने आ रही दो ट्रेनों की भिड़न्त नहीं होगी. वे एक खास सिग्नल भेजेंगे, इससे सामने से आ रही दूसरी ट्रेन को रोकने में मदद मिलेगी. पर शुक्रवार को हुई ट्रेन भिड़न्त ने पोल खोल दी है.

ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को सीधे ही निशाने पर लिया है. कांग्रेस यूथ विंग के अध्यक्ष बी श्रीनिवास ने कहा कि रेल मंत्री कवच सुरक्षा तकनीक के बारे में खूब बताते थे, पर क्या हुआ. उन्होंने आगे कहा कि इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा.

  • जब एक Train Derail होकर दूसरे Railway Track पर आ गयी थी, तब 'Kavach' कहाँ था??

    300 के आसपास मौतें, करीब 1000 लोग घायल। इन दर्दनाक मौतों के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा? pic.twitter.com/Ys3RGZFRVS

    — Srinivas BV (@srinivasiyc) June 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि कवच में भी कांड हो गया. पार्टी ने रेल मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए लिखा कि मोदी सरकार के लिए सिर्फ वंदे भारत ट्रेन की महत्वपूर्ण है. शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह हादसा सरकार की लापरवाही है, इसलिए रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

क्या है कवच प्रणाली - कवच प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है. यह सिग्नल सिस्टम से संबंध स्थापित करता है. सिग्नल सिस्टम से मिल रही जानकारी को कंट्रोल रूम में भेजता है. वहां पर परिचालन अधिकारी उस मैसेज के आधार पर निर्णय लेते हैं. अगर यह व्यवस्था काम करती है, तो पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनें सुरक्षा के मद्देनजर रूक जाएंगी. यह सिस्टम इमरजेंसी में स्टेशन एवं लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करता है.

ये भी पढ़ें : Odisha Train Accident : मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हुई, 900 से अधिक घायल, रेस्कयू ऑपरेशन हुआ पूरा

Last Updated : Jun 3, 2023, 2:16 PM IST
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