भुवनेश्वर : ओडिशा में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सरकार ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के साथ लगती अपनी सीमा सील कर दी और अंतरराज्यीय सीमा पर गश्त तेज कर दी. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सीमा से लगते जिलों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं जिसके चलते प्रशासन ने एक आदेश जारी कर पड़ोसी राज्य के लोगों से ओडिशा में प्रवेश के लिए कोविड-19 से संक्रमित न होने की रिपोर्ट देने को कहा है.
मुख्य सचिव एससी महापात्र ने पश्चिमी जिलों कालाहांडी और नुआपाड़ा का दौरा किया और अधिकारियों से फिर से जागरूकता अभियान चलाने तथा लोगों के स्वास्थ्य नियमों का पालन न करते हुए पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
मुख्य सचिव ने नुआपाड़ा में एक समीक्षा बैठक में कहा, 'दो से तीन दिन जागरूकता अभियान चलाने के बाद कोविड-19 नियमों का पालन न करने वाले लोगों के प्रति कोई नरम रुख न दिखाएं. लोगों को यह समझना होगा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है.'
इस बीच मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रशासन को मास्क न पहनने पर जुर्माना राशि दोगुना करने का आदेश दिया है. पहले दो उल्लंघनों के लिए लोगों को 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उसके बाद मास्क नहीं पहनने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सीमा से लगते नुआपाड़ा जिले में कोविड-19 की स्थिति 'गंभीर' है. पिछले चार दिनों में यहां संक्रमण के मामले पांच गुना बढ़े हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार के बाद अपने-अपने कार्य स्थलों पर पहुंचे प्रवासी मजदूर भी अब समूहों में लौट रहे हैं.
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राज्य के श्रम मंत्री सुशांत सिंह ने कहा कि प्रवासियों की वापसी के लिए प्रबंध किए गए हैं. ओडिशा में शनिवार को कोरोना वायरस के इस साल के सबसे अधिक 1,374 मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही राज्य में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,48,182 हो गए हैं.तटीय राज्य में दो और लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 1,926 पर पहुंच गई है.