भुवनेश्वर : ओडिशा के माहांगा डबल मर्डर (Mahanga Double Murder Case) मामले में पंचायती राज व कानून मंत्री प्रताप जेना मुश्किलें बढ़ गई हैं. कटक जिला सालेपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (Judicial Magistrate First Class- JMFC) कोर्ट ने इस मामले में मंत्री की कथित संलिप्तता के आरोप की दोबारा जांच कराने का निर्देश दिया है.
जानकारी के मुताबिक, माहांगा भाजपा नेता कुलमणि बराल के पुत्र रमाकांत बराल ने इस मामले को लेकर सालेपुर JMFC कोर्ट में विरोध याचिका (protest petition) दायर किया था. इस याचिका में उन्होंने घटना की दोबारा जांच कराने के लिए निर्देश देने का अदालत से निवेदन किया है.
रमाकांत बराल ने बताया कि माहांगा डबल मर्डर केस में 13 आरोपी हैं. जब अदालत में पुलिस ने चार्जशीट दायर की, उसमें 13वें आरोपी मंत्री प्रताप जेना का नाम हटा दिया गया था. चार्जशीट में आरोपियों की सूची से मंत्री का नाम हटाने को लेकर रमाकांत ने आपत्ति जताई. उन्होंने इसके लिए माहांगा पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए सभी गवाहों व सबूतों की दोबारा जांच कराने का उन्होंने अदालत से निवेदन किया था.
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इस याचिका की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने इस मामले की पुनःजांच कराने का माहांगा पुलिस को निर्देश दिया है.
बता दें कि इस साल दो जनवरी को माहांगा भाजपा नेता कुलमणि बराल और उनके एक सहयोगी दिव्यसिंह बराल की कुछ बदमाशों ने हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद कुलमणि के पुत्र रमाकांत बराल ने मंत्री प्रताप जेना समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.