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ओडिशा के वैज्ञानिक ने स्तन कैंसर की दवा बनाने का किया दावा

ओडिशा के एक वैज्ञानिक ने स्तन कैंसर की दवा विकसित करने का दावा किया है. यह दवा क्लीनिकल एग्जामिनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है.

Odia scientist claims to have developed drug to cure breast cancer
ओडिया वैज्ञानिक ने स्तन कैंसर को ठीक करने के लिए दवा विकसित करने का दावा किया
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Published : Jun 28, 2022, 7:31 AM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा के वैज्ञानिक डॉ संदीप कुमार मिश्रा ने एक ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है जो स्तन कैंसर के रोगियों को ठीक करने का काम करेगी. डॉ मिश्रा, भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (ILS) में कैंसर जीव विज्ञान विभाग में आणविक ऑन्कोलॉजी लैब के प्रमुख हैं.

उन्होंने 'आर्टेमिसिनिन' नामक दवा विकसित की है. उनका दावा है कि यह दवा स्तन कैंसर के रोगियों को ठीक करने में सफल है. उन्होंने साबित किया कि एस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव (ईआर-पॉजिटिव) स्तन कैंसर कोशिकाओं में आर्टीमिसिनिन द्वारा कैंसर कोशिकाओं के प्रवास और आक्रमण को प्रतिबंधित और नियंत्रित किया जा सकता है.

डॉ मिश्रा की इस नयी खोज के बारे में ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर के नेचर ग्रुप में एक लेख प्रकाशित हुआ था. यह दवा स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगा. अध्ययन को बायोमेड सेंट्रल, बीएमसी कैंसर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया है.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में पहली बार पैदा किए गए हेचरी से सफेद मोर के बच्चे

डॉ मिश्रा दवा का उपयोग करके स्तन कैंसर के इलाज के लिए क्लीनिकल एग्जामिनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. एम्स भुवनेश्वर और केआईआईटी भुवनेश्वर डॉ मिश्रा के साथ सहयोग कर रहे हैं.

भुवनेश्वर: ओडिशा के वैज्ञानिक डॉ संदीप कुमार मिश्रा ने एक ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है जो स्तन कैंसर के रोगियों को ठीक करने का काम करेगी. डॉ मिश्रा, भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (ILS) में कैंसर जीव विज्ञान विभाग में आणविक ऑन्कोलॉजी लैब के प्रमुख हैं.

उन्होंने 'आर्टेमिसिनिन' नामक दवा विकसित की है. उनका दावा है कि यह दवा स्तन कैंसर के रोगियों को ठीक करने में सफल है. उन्होंने साबित किया कि एस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव (ईआर-पॉजिटिव) स्तन कैंसर कोशिकाओं में आर्टीमिसिनिन द्वारा कैंसर कोशिकाओं के प्रवास और आक्रमण को प्रतिबंधित और नियंत्रित किया जा सकता है.

डॉ मिश्रा की इस नयी खोज के बारे में ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर के नेचर ग्रुप में एक लेख प्रकाशित हुआ था. यह दवा स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगा. अध्ययन को बायोमेड सेंट्रल, बीएमसी कैंसर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया है.

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डॉ मिश्रा दवा का उपयोग करके स्तन कैंसर के इलाज के लिए क्लीनिकल एग्जामिनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. एम्स भुवनेश्वर और केआईआईटी भुवनेश्वर डॉ मिश्रा के साथ सहयोग कर रहे हैं.

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