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ज्ञानवापी ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर अब बहस 24 को, 3 और मामलों की सुनवाई उसी दिन होगी - ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट

ज्ञानवापी मामले में दाखिल एएसआई सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi ASI Survey Report) को सार्वजनिक न करने को लेकर अब 24 जनवरी को सुनवाई होगी. एएसआई के वकील ने इसको सार्वजनिक न करने के लिए 4 सप्ताह की अपील कोर्ट से की थी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2024, 9:28 PM IST

वादी पक्ष के वकील मदन मोहन से बातचीत

वाराणसी: आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की तरफ से 2 नवंबर तक ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे के बाद इसकी रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किए जाने के बाद अब तक यह बात सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है कि रिपोर्ट को सामने लाने के लिए मुस्लिम पक्ष विरोध में है या हिंदू पक्ष इसके समर्थन में है. इन सबके बीच एएसआई ने पिछले दिनों कोर्ट में एक एप्लीकेशन देकर 4 सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने की मांग की थी. क्योंकि, ज्ञानवापी से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के लॉर्ड विशेश्वर प्रकरण के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इस मामले में हाईकोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि सर्वे रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की जाए, ताकि मुख्य मुकदमे में भी इस प्रकरण से मदद ली जा सके.

19 दिसंबर को कोर्ट ने आदेश देकर 19 जनवरी को होने वाली सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. इस पर आज जिला जज ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि एएसआई 19 जनवरी को वहां रिपोर्ट दाखिल करे और उसके बाद अब 24 जनवरी को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और अन्य तीन मुकदमों पर सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

इस बारे में वाराणसी में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से पैरवी कर रहे स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल के अमित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने 19 जनवरी तक कोर्ट रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने की अपील करते हुए 4 सप्ताह का समय मांगा था. क्योंकि, यही रिपोर्ट हाईकोर्ट और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के आदेश पर उनके कोर्ट में मुख्य मुकदमे के लिए दाखिल करनी है. कोर्ट ने डायरेक्ट तो नहीं. लेकिन, इनडायरेक्ट वे में इस एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया है और यह कहा जा सकता है कि आंशिक रूप से इस पर कोर्ट ने आदेश देते हुए उन्हें 24 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए तारीख दी है. इस पर यह निश्चित हो जाएगा कि अब रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं. वहीं, इसके अतिरिक्त कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई करने के एप्लीकेशन के अतिरिक्त व्यास जी का तहखाना और रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के एप्लीकेशन पर वादी पक्ष की तरफ से और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से विरोध के संदर्भ में भी 24 जनवरी को ही सुनवाई की जाएगी.

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में 2 नवंबर तक हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे के बाद रिपोर्ट 18 दिसंबर को दाखिल कर दी गई. इन सब के बीच अब इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में लाने को लेकर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है कि अंदर क्या मिला और जांच में क्या चीज सामने आई यह वादी प्रतिवादी के बीच ही रहना चाहिए. जबकि, हिंदू पक्ष इसे सार्वजनिक करने की मांग कर रहा है. कोर्ट में इसमें प्रार्थना पत्र भी दिया है. इस पर जिला कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए अगली तारीख 24 जनवरी दे दी है.

उसके पहले ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से उनके वकील अमित श्रीवास्तव ने 4 जनवरी को एक एप्लीकेशन देकर 4 सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने की अपील कोर्ट से की है. इस पर कोर्ट लगातार तीन दिनों से कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा था. आज कोर्ट ने इस पर इनडायरेक्ट वे में सुनवाई करते हुए इस रिपोर्ट को आगे बढ़कर अब 24 जनवरी की तिथि निर्धारित की है. इस मामले में एएसआई की तरफ से सील बंद रिपोर्ट दाखिल करने को भी गलत बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है. इस पर भी कोर्ट 24 जनवरी को ही सुनवाई करेगा.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने की मछलिया मरी, डेढ़ साल से नहीं हुई सफाई, कमेटी ने डीएम से की सफाई की मांग

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वादी पक्ष के वकील मदन मोहन से बातचीत

वाराणसी: आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की तरफ से 2 नवंबर तक ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे के बाद इसकी रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किए जाने के बाद अब तक यह बात सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है कि रिपोर्ट को सामने लाने के लिए मुस्लिम पक्ष विरोध में है या हिंदू पक्ष इसके समर्थन में है. इन सबके बीच एएसआई ने पिछले दिनों कोर्ट में एक एप्लीकेशन देकर 4 सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने की मांग की थी. क्योंकि, ज्ञानवापी से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के लॉर्ड विशेश्वर प्रकरण के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इस मामले में हाईकोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि सर्वे रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की जाए, ताकि मुख्य मुकदमे में भी इस प्रकरण से मदद ली जा सके.

19 दिसंबर को कोर्ट ने आदेश देकर 19 जनवरी को होने वाली सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. इस पर आज जिला जज ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि एएसआई 19 जनवरी को वहां रिपोर्ट दाखिल करे और उसके बाद अब 24 जनवरी को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और अन्य तीन मुकदमों पर सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

इस बारे में वाराणसी में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से पैरवी कर रहे स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल के अमित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने 19 जनवरी तक कोर्ट रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने की अपील करते हुए 4 सप्ताह का समय मांगा था. क्योंकि, यही रिपोर्ट हाईकोर्ट और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के आदेश पर उनके कोर्ट में मुख्य मुकदमे के लिए दाखिल करनी है. कोर्ट ने डायरेक्ट तो नहीं. लेकिन, इनडायरेक्ट वे में इस एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया है और यह कहा जा सकता है कि आंशिक रूप से इस पर कोर्ट ने आदेश देते हुए उन्हें 24 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए तारीख दी है. इस पर यह निश्चित हो जाएगा कि अब रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं. वहीं, इसके अतिरिक्त कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई करने के एप्लीकेशन के अतिरिक्त व्यास जी का तहखाना और रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के एप्लीकेशन पर वादी पक्ष की तरफ से और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से विरोध के संदर्भ में भी 24 जनवरी को ही सुनवाई की जाएगी.

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में 2 नवंबर तक हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे के बाद रिपोर्ट 18 दिसंबर को दाखिल कर दी गई. इन सब के बीच अब इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में लाने को लेकर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है कि अंदर क्या मिला और जांच में क्या चीज सामने आई यह वादी प्रतिवादी के बीच ही रहना चाहिए. जबकि, हिंदू पक्ष इसे सार्वजनिक करने की मांग कर रहा है. कोर्ट में इसमें प्रार्थना पत्र भी दिया है. इस पर जिला कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए अगली तारीख 24 जनवरी दे दी है.

उसके पहले ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से उनके वकील अमित श्रीवास्तव ने 4 जनवरी को एक एप्लीकेशन देकर 4 सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने की अपील कोर्ट से की है. इस पर कोर्ट लगातार तीन दिनों से कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा था. आज कोर्ट ने इस पर इनडायरेक्ट वे में सुनवाई करते हुए इस रिपोर्ट को आगे बढ़कर अब 24 जनवरी की तिथि निर्धारित की है. इस मामले में एएसआई की तरफ से सील बंद रिपोर्ट दाखिल करने को भी गलत बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है. इस पर भी कोर्ट 24 जनवरी को ही सुनवाई करेगा.

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