ETV Bharat / bharat

Jharkhand News: नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड कई कार्यक्रम में हुए शामिल, कहा- हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे

भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड का दुमका दौरा जारी है. अपने दौरे के दूसरे दिन राजदूत हैंस जैकब बेनागड़िया मिशन पहुंचे, इसके अलावा उन्होंने सदर प्रखंड के घासीपुर में बांस शिल्पकारी कार्य का जायजा लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यहां आकर वो काफी प्रभावित हुए, इससे हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे.

norwegian-ambassador-hans-jacob-frydenlund-participated-in-many-programs-in-dumka
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : May 22, 2023, 9:27 PM IST

देखें वीडियो

दुमकाः सोमवार को भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने जिला प्रशासन के कई कार्यक्रमों में भाग लिया. साथ ही नॉर्वे के लोगों द्वारा 1868-70 में बनाये गये बेनागड़िया मिशन का दौरा किया. इसके अलावा वो मोहुल पहाड़ी क्रिश्चियन अस्पताल का निरीक्षण किया. वहीं दुमका में स्थित आदिवासी संथाल समाज के धार्मिक स्थल मांझी थान भी जाकर माथा टेका.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand News: दुमका में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड, परंपरागत आदिवासी तौर तरीकों से किया गया स्वागत

दुमका में नॉर्वे के राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के साथ सदर प्रखंड के घासीपुर गांव का दौरा किया. मोहली टोला में स्थित बांस शिल्पकारी शेड में महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे बांस से बनी चीजों को देखा. उन्होंने कारीगरों और अधिकारियों से बातचीत कर जाना कि कच्चा माल कहां से आता है, आप क्या क्या बनाते हैं, इसका मार्केट कहां है. उन्होंने कहा कि आज घासीपुर गांव आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा, बांस की उत्तम कारीगरी देखने को मिली और इसे बनाने वालों को ज्यादा करीब से जाना.

बेनागड़िया मिशन का किया दौराः शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित बेनागड़िया मिशन में राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड पहुंचे. यह मिशन नॉर्वे के लोगों के सहयोग से 1868-70 में बनवाया था. यहां आदिवासी परंपरा के तहत उनका स्वागत किया गया. वो वहां के कब्रिस्तान में गए और अपने देश के पूर्वजों की कब्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित की. हैंस जैकब ने मिशन के फादर और अन्य कर्मियों से मुलाकात की.

यहां पर राजदूत ने स्थानीय लोगों से भी उनका हालचाल जाना, उन्होंने काफी समय इस मिशन में गुजारा. उनके चेहरे पर बेनागड़िया मिशन के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानने की जिज्ञासा नजर आई. इसके बाद वो शिकारीपाड़ा प्रखंड में ही स्थित मोहुल पहाड़ी अस्पताल पहुंचे. यहां आकर वो काफी आनंदित नजर आए. उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में बनाया अस्पताल लंबे समय से लोगों की सेवा करता आ रहा है. मात्र सात बेड से इसकी शुरुआत हुई थी पर आज यहां 120 बेड उपलब्ध है. राजदूत ने कहा कि यहां कुछ एएनएम की ट्रेनिंग होती थी लेकिन आज की तिथि में यह झारखंड का सबसे प्रसिद्ध एएनएम ट्रेनिंग सेंटर है, जहां नामांकन के लिए होड़ मची रहती है.

उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान प्रदान विषय पर परिचर्चा में लिया भागः नॉर्वे के राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने दुमका के कन्वेंशन हॉल में आयोजित उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान प्रदान विषय पर परिचर्चा में भाग लिया. इस कार्यक्रम में एसकेएमयू की कुलपति डॉ. सोना झरिया मिंज, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के अलावा चेंबर ऑफ कॉमर्स, रेड क्रॉस सोसाइटी, दुमका सिविल सोसायटी सहित सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में काम कर रहे कई संगठन के लोगों ने भाग लिया. इस अवसर पर सबों ने अपने अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और अनुभवों की जानकारी साझा किया. यहां मौजूद लोगों ने आशा व्यक्त किया कि नॉर्वे और हमारे देश के बीच शिक्षा, संस्कृति, सभ्यता जैसे विषयों पर ज्यादा मजबूत हों. हैंस जैकब ने कहा कि संथाल परगना के दुमका में पहली बार आना बहुत अच्छा लग रहा है.

क्या कहते हैं नॉर्वे के राजदूतः हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने कहा कि नॉर्वे का संथाल परगना की संस्कृति और परंपरा से पुराना नाता रहा है. उनका यहां आने का मकसद इस जगह से अपने रिश्तों को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करना है. जिससे यहां की सभ्यता, संस्कृति और भाषा को नजदीक से समझ सके और इसके बारे में दूसरों को बता सकें.

देखें वीडियो

दुमकाः सोमवार को भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने जिला प्रशासन के कई कार्यक्रमों में भाग लिया. साथ ही नॉर्वे के लोगों द्वारा 1868-70 में बनाये गये बेनागड़िया मिशन का दौरा किया. इसके अलावा वो मोहुल पहाड़ी क्रिश्चियन अस्पताल का निरीक्षण किया. वहीं दुमका में स्थित आदिवासी संथाल समाज के धार्मिक स्थल मांझी थान भी जाकर माथा टेका.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand News: दुमका में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड, परंपरागत आदिवासी तौर तरीकों से किया गया स्वागत

दुमका में नॉर्वे के राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के साथ सदर प्रखंड के घासीपुर गांव का दौरा किया. मोहली टोला में स्थित बांस शिल्पकारी शेड में महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे बांस से बनी चीजों को देखा. उन्होंने कारीगरों और अधिकारियों से बातचीत कर जाना कि कच्चा माल कहां से आता है, आप क्या क्या बनाते हैं, इसका मार्केट कहां है. उन्होंने कहा कि आज घासीपुर गांव आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा, बांस की उत्तम कारीगरी देखने को मिली और इसे बनाने वालों को ज्यादा करीब से जाना.

बेनागड़िया मिशन का किया दौराः शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित बेनागड़िया मिशन में राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड पहुंचे. यह मिशन नॉर्वे के लोगों के सहयोग से 1868-70 में बनवाया था. यहां आदिवासी परंपरा के तहत उनका स्वागत किया गया. वो वहां के कब्रिस्तान में गए और अपने देश के पूर्वजों की कब्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित की. हैंस जैकब ने मिशन के फादर और अन्य कर्मियों से मुलाकात की.

यहां पर राजदूत ने स्थानीय लोगों से भी उनका हालचाल जाना, उन्होंने काफी समय इस मिशन में गुजारा. उनके चेहरे पर बेनागड़िया मिशन के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानने की जिज्ञासा नजर आई. इसके बाद वो शिकारीपाड़ा प्रखंड में ही स्थित मोहुल पहाड़ी अस्पताल पहुंचे. यहां आकर वो काफी आनंदित नजर आए. उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में बनाया अस्पताल लंबे समय से लोगों की सेवा करता आ रहा है. मात्र सात बेड से इसकी शुरुआत हुई थी पर आज यहां 120 बेड उपलब्ध है. राजदूत ने कहा कि यहां कुछ एएनएम की ट्रेनिंग होती थी लेकिन आज की तिथि में यह झारखंड का सबसे प्रसिद्ध एएनएम ट्रेनिंग सेंटर है, जहां नामांकन के लिए होड़ मची रहती है.

उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान प्रदान विषय पर परिचर्चा में लिया भागः नॉर्वे के राजूदत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने दुमका के कन्वेंशन हॉल में आयोजित उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान प्रदान विषय पर परिचर्चा में भाग लिया. इस कार्यक्रम में एसकेएमयू की कुलपति डॉ. सोना झरिया मिंज, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के अलावा चेंबर ऑफ कॉमर्स, रेड क्रॉस सोसाइटी, दुमका सिविल सोसायटी सहित सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में काम कर रहे कई संगठन के लोगों ने भाग लिया. इस अवसर पर सबों ने अपने अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और अनुभवों की जानकारी साझा किया. यहां मौजूद लोगों ने आशा व्यक्त किया कि नॉर्वे और हमारे देश के बीच शिक्षा, संस्कृति, सभ्यता जैसे विषयों पर ज्यादा मजबूत हों. हैंस जैकब ने कहा कि संथाल परगना के दुमका में पहली बार आना बहुत अच्छा लग रहा है.

क्या कहते हैं नॉर्वे के राजदूतः हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने कहा कि नॉर्वे का संथाल परगना की संस्कृति और परंपरा से पुराना नाता रहा है. उनका यहां आने का मकसद इस जगह से अपने रिश्तों को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करना है. जिससे यहां की सभ्यता, संस्कृति और भाषा को नजदीक से समझ सके और इसके बारे में दूसरों को बता सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.