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स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य, 2025 तक NCD रोगों से पीड़ित 75 मिलियन लोगों को मिले मानक देखभाल - गैर संचारी रोग

भारत में उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित गैर-संचारी रोग की वजह से 63 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. अब स्वास्थ्य मंत्रालय 2025 तक एनसीडी वाले 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल के अंतर्गत लाने वाला है. पढ़ें इसे लेकर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Ministry of Health
स्वास्थ्य मंत्रालय
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Published : May 17, 2023, 6:33 PM IST

नयी दिल्ली: उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित गैर-संचारी रोग (एनसीडी) भारत में सभी मौतों के 63 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं, इन आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2025 तक ऐसे एनसीडी वाले 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल के तहत लाने के लिए एक कदम उठाया. 63 प्रतिशत मौतों में से, हृदय रोग (सीवीडी) की कुल मृत्यु दर 27 प्रतिशत है, इसके बाद पुरानी सांस की बीमारी 11 प्रतिशत, कैंसर 9 प्रतिशत, मधुमेह 3 प्रतिशत और अन्य 13 प्रतिशत है.

भारत-राज्य स्तरीय रोग बोझ पहल सीवीडी सहयोगी-2016 के अनुसार, हृदय रोग के 54.5 मिलियन मामले, इस्केमिक हृदय रोग के 23.8 मिलियन मामले, स्ट्रोक के 6.5 मिलियन मामले, सीओपीडी के 55 मिलियन मामले, अस्थमा के 38 मिलियन मामले और मधुमेह के 65 मिलियन मामले थे. इस तथ्य से वाकिफ, भारत सरकार ने 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह वाले 7.5 करोड़ लोगों को मानक देखभाल पर लाने की योजना शुरू की है.

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह के साथ 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल पर लाने के लिए भारत सरकार की यह एक बड़ी पहल है. इस पहल के तहत, प्रत्येक व्यक्ति की ठीक से जांच और निदान किया जाएगा. लोगों में रक्तचाप और मधुमेह को उचित दवा से नियंत्रित करने की आवश्यकता है. डॉ पॉल नई दिल्ली में उच्च रक्तचाप, मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने वाले एक कार्यक्रम के इतर ईटीवी भारत से बात कर रहे थे.

कार्यक्रम का आयोजन 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर किया गया था. डॉ. पॉल ने कहा कि हम देशवासियों को इस तरह के गैर संचारी रोग से बचाने के लिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह के इलाज के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. यह बताते हुए कि उच्च रक्तचाप के लिए कोई विशेष टीका नहीं है, मधुमेह रोगियों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए नियमित रक्तचाप की जांच, नियमित व्यायाम के साथ-साथ नियंत्रित आहार लेने की आवश्यकता है.

पढ़ें: केरल सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत लोगों की सुरक्षा से जुड़े अध्यादेश को दी मंजूरी

डॉ. पॉल ने एक अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि 30 साल से ऊपर के एक तिहाई लोगों को ब्लड प्रेशर और 10 फीसदी लोगों को डायबिटीज की समस्या है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ (प्रो) बलराम भार्गव ने कहा कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह स्पर्शोन्मुख रोग हैं और इसके लिए दवाओं की आपूर्ति पर्याप्त होनी चाहिए. डॉ भार्गव ने कहा कि उचित स्वास्थ्य जांच और आहार प्रणाली के बाद उच्च रक्तचाप, मधुमेह दवाओं के लिए आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

नयी दिल्ली: उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित गैर-संचारी रोग (एनसीडी) भारत में सभी मौतों के 63 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं, इन आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2025 तक ऐसे एनसीडी वाले 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल के तहत लाने के लिए एक कदम उठाया. 63 प्रतिशत मौतों में से, हृदय रोग (सीवीडी) की कुल मृत्यु दर 27 प्रतिशत है, इसके बाद पुरानी सांस की बीमारी 11 प्रतिशत, कैंसर 9 प्रतिशत, मधुमेह 3 प्रतिशत और अन्य 13 प्रतिशत है.

भारत-राज्य स्तरीय रोग बोझ पहल सीवीडी सहयोगी-2016 के अनुसार, हृदय रोग के 54.5 मिलियन मामले, इस्केमिक हृदय रोग के 23.8 मिलियन मामले, स्ट्रोक के 6.5 मिलियन मामले, सीओपीडी के 55 मिलियन मामले, अस्थमा के 38 मिलियन मामले और मधुमेह के 65 मिलियन मामले थे. इस तथ्य से वाकिफ, भारत सरकार ने 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह वाले 7.5 करोड़ लोगों को मानक देखभाल पर लाने की योजना शुरू की है.

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह के साथ 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल पर लाने के लिए भारत सरकार की यह एक बड़ी पहल है. इस पहल के तहत, प्रत्येक व्यक्ति की ठीक से जांच और निदान किया जाएगा. लोगों में रक्तचाप और मधुमेह को उचित दवा से नियंत्रित करने की आवश्यकता है. डॉ पॉल नई दिल्ली में उच्च रक्तचाप, मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने वाले एक कार्यक्रम के इतर ईटीवी भारत से बात कर रहे थे.

कार्यक्रम का आयोजन 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर किया गया था. डॉ. पॉल ने कहा कि हम देशवासियों को इस तरह के गैर संचारी रोग से बचाने के लिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह के इलाज के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. यह बताते हुए कि उच्च रक्तचाप के लिए कोई विशेष टीका नहीं है, मधुमेह रोगियों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए नियमित रक्तचाप की जांच, नियमित व्यायाम के साथ-साथ नियंत्रित आहार लेने की आवश्यकता है.

पढ़ें: केरल सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत लोगों की सुरक्षा से जुड़े अध्यादेश को दी मंजूरी

डॉ. पॉल ने एक अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि 30 साल से ऊपर के एक तिहाई लोगों को ब्लड प्रेशर और 10 फीसदी लोगों को डायबिटीज की समस्या है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ (प्रो) बलराम भार्गव ने कहा कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह स्पर्शोन्मुख रोग हैं और इसके लिए दवाओं की आपूर्ति पर्याप्त होनी चाहिए. डॉ भार्गव ने कहा कि उचित स्वास्थ्य जांच और आहार प्रणाली के बाद उच्च रक्तचाप, मधुमेह दवाओं के लिए आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

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