नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार और ओएमएसएस नीति के तहत खुले बाजार में खाद्यान्न की अच्छी बिक्री को देखते हुए पीएमजीकेएवाई के जरिये मुफ्त राशन वितरण को नवंबर से आगे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है.
पीएमजीकेएवाई की घोषणा मार्च, 2020 में कोविड-19 के कारण उत्पन्न संकट को दूर करने के लिए की गई थी. प्रारंभ में, यह योजना अप्रैल-जून 2020 के तीन माह की अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में संकट के जारी रहने पर इस योजना का विस्तार पांच और माह (जुलाई-नवंबर 2020) तक के लिए किया गया था.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के शुरू होने पर पीएमजीकेएवाई को एक बार फिर से दो महीने (मई-जून 2021) के लिए लागू किया गया और बाद इसका पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2021) तक विस्तार किया गया.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस योजना को आगे और बढ़ायेगी, पांडेय ने एक प्रेस वार्ता के दौरान संवाददाताओं से कहा, चूंकि अर्थव्यवस्था उबर रही है और हमारी मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खाद्यान्न की बिक्री भी इस साल असाधारण रूप से अच्छा रही है. इसलिए पीएमजीकेएवाई का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
उन्होंने कहा कि ओएमएसएस नीति इस साल उपभोक्ताओं के अनुकूल रही है. पीएमजीकेएवाई के तहत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करती है. राशन की दुकानों के माध्यम से उन्हें सब्सिडी वाले अनाज के अतिरिक्त मुफ्त राशन दिया जाता है.
सरकार घरेलू बाजार में उपलब्धता में सुधार और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओएमएसएस नीति के तहत थोक उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं दे रही है.
(पीटीआई-भाषा)