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मेरे ऊपर इस्तीफे का दबाव नहीं : गृह राज्य मंत्री

एक तरफ लखीमपुर खीरी घटना के बाद लगभग सभी सियासी पार्टियां, वहां पहुंचकर मारे गए किसानों के साथ हमदर्दी बटोरने में जुटी हैं, तो वहीं इसे घटना के शक के दायरे में चल रहे गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा बुधवार को दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनसे ना तो इस्तीफा मांगा गया है और ना ही वह फिलहाल इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि यह बात उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में कही. पढ़िए विरष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

अजय मिश्रा टेनी
अजय मिश्रा टेनी
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Published : Oct 6, 2021, 9:26 PM IST

नई दिल्ली : गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी जिनकी इस्तीफे की मांग पूरा विपक्ष कर रहा है. बुधवार को दिल्ली पहुंचे. गृह राज्य मंत्री के लिए बुधवार का दिन किसी आम कामकाज के दिन के सामान्य ही रहा है. ये अलग बात है कि पूरे दिन मीडिया उनके पीछे रही. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने अमित शाह से मुलाकात की और और उसके बाद मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुते कहा कि उन्हें ना तो इस्तीफा देने को कहा गया है और ना ही उनपर इस्तीफे का कोई दबाव है. मगर उन्होंने गृह मंत्री से कहा है कि वो जांच में सहयोग करेंगे.

इस घटना पर केंद्र भी आगामी चुनाव को देखते हुए ही सारे कदम उठा रही है. सूत्रों का मानना है कि जातिगत राजनीति और नाराज चल रहे ब्राह्मणों को भी ध्यान में रखते हुए ही सरकार कोई कदम उठाएगी. साथ ही चुनाव से पहले किसानों को खुश रखने के लिए भी सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है.

सूत्रों की मानें तो जितनी भी विपक्षी पार्टियों के नेता हैं वह सिर्फ मारे गए किसानों के घर जा रहे हैं, जबकि लिंचिंग में मारे गए वाहन में मौजूद लोगों में से ज्यादातर लोग ब्राह्मण जाति के थे और उन्हें मुआवजा देने की किसी विपक्षी पार्टियों ने मांग अभी तक नहीं उठाई है.

जानकारी देतीं संवाददाता

ऐसे में कहीं ना कहीं पार्टी इस बात को भी प्रचारित प्रसारित कर रही है कि मारे गए वाहन चालक क्या इंसान नहीं थे. यानी कि कहीं ना कहीं विपक्षी पार्टियों के चौतरफा हमले का जवाब सत्ताधारी पार्टी बड़े ही कूटनीति ढंग से तैयार कर रही है.

आने वाले दिनों में जांच की दिशा किस तरफ मुड़ती है यह तो जांच एजेंसियों के आगे बढ़ रही जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इतना तो तय है कि इस घटना से 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव और पंजाब के चुनाव पर भी असर हो सकता है और यह बात भारतीय जनता पार्टी को भलीभांति मालूम है. इसके लिए पार्टी जवाबदेही तैयार कर रही है.

इससे पहले यह खबर मिली थी कि गृह राज्य मंत्री को गुरुवार को जो सरकारी कार्यक्रम में जाना था उसे स्थगित किया गया है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार टेनी का इस्तीफा ले सकती है, लेकिन गृह मंत्री से मिलने के बाद ट्रेनी ने जिस आत्मविश्वास से अनौपचारिक बातचीत की और उसमें यह बात कही कि उन पर इस्तीफे का कोई दबाव नहीं है और उसके बाद वह नार्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय भी पहुंचे. उसे देख कर इस्तीफे का कयास फिलहाल थमता हुआ नजर आ रहा है.

पढ़ें - लखीमपुर खीरी सियासत से चमके चन्नी और भूपेश बघेल

हालांकि यह अलग बात है कि अजय मिश्र टेनी बार-बार यह बात कह रहे हैं कि उनका बेटा आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था, वह दूसरे कार्यक्रम में था. वहीं किसानों ने इस मामले पर आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.

लखीमपुर खीरी को लेकर सियासत अभी गर्म है और ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है,लेकिन यह भी एक सच्चाई कि सात अक्टूबर को बीपीआरडी के होने वाले कार्यक्रम जिसमें टेनी मुख्य अतिथि के तौर पर जाने वाले थे उस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है, जिससे यह भी माना जा रहा है कि आलाकमान उनसे नाराज है और उनकी मंत्रालय से कभी भी विदाई भी हो सकती है.

नई दिल्ली : गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी जिनकी इस्तीफे की मांग पूरा विपक्ष कर रहा है. बुधवार को दिल्ली पहुंचे. गृह राज्य मंत्री के लिए बुधवार का दिन किसी आम कामकाज के दिन के सामान्य ही रहा है. ये अलग बात है कि पूरे दिन मीडिया उनके पीछे रही. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने अमित शाह से मुलाकात की और और उसके बाद मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुते कहा कि उन्हें ना तो इस्तीफा देने को कहा गया है और ना ही उनपर इस्तीफे का कोई दबाव है. मगर उन्होंने गृह मंत्री से कहा है कि वो जांच में सहयोग करेंगे.

इस घटना पर केंद्र भी आगामी चुनाव को देखते हुए ही सारे कदम उठा रही है. सूत्रों का मानना है कि जातिगत राजनीति और नाराज चल रहे ब्राह्मणों को भी ध्यान में रखते हुए ही सरकार कोई कदम उठाएगी. साथ ही चुनाव से पहले किसानों को खुश रखने के लिए भी सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है.

सूत्रों की मानें तो जितनी भी विपक्षी पार्टियों के नेता हैं वह सिर्फ मारे गए किसानों के घर जा रहे हैं, जबकि लिंचिंग में मारे गए वाहन में मौजूद लोगों में से ज्यादातर लोग ब्राह्मण जाति के थे और उन्हें मुआवजा देने की किसी विपक्षी पार्टियों ने मांग अभी तक नहीं उठाई है.

जानकारी देतीं संवाददाता

ऐसे में कहीं ना कहीं पार्टी इस बात को भी प्रचारित प्रसारित कर रही है कि मारे गए वाहन चालक क्या इंसान नहीं थे. यानी कि कहीं ना कहीं विपक्षी पार्टियों के चौतरफा हमले का जवाब सत्ताधारी पार्टी बड़े ही कूटनीति ढंग से तैयार कर रही है.

आने वाले दिनों में जांच की दिशा किस तरफ मुड़ती है यह तो जांच एजेंसियों के आगे बढ़ रही जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इतना तो तय है कि इस घटना से 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव और पंजाब के चुनाव पर भी असर हो सकता है और यह बात भारतीय जनता पार्टी को भलीभांति मालूम है. इसके लिए पार्टी जवाबदेही तैयार कर रही है.

इससे पहले यह खबर मिली थी कि गृह राज्य मंत्री को गुरुवार को जो सरकारी कार्यक्रम में जाना था उसे स्थगित किया गया है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार टेनी का इस्तीफा ले सकती है, लेकिन गृह मंत्री से मिलने के बाद ट्रेनी ने जिस आत्मविश्वास से अनौपचारिक बातचीत की और उसमें यह बात कही कि उन पर इस्तीफे का कोई दबाव नहीं है और उसके बाद वह नार्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय भी पहुंचे. उसे देख कर इस्तीफे का कयास फिलहाल थमता हुआ नजर आ रहा है.

पढ़ें - लखीमपुर खीरी सियासत से चमके चन्नी और भूपेश बघेल

हालांकि यह अलग बात है कि अजय मिश्र टेनी बार-बार यह बात कह रहे हैं कि उनका बेटा आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था, वह दूसरे कार्यक्रम में था. वहीं किसानों ने इस मामले पर आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.

लखीमपुर खीरी को लेकर सियासत अभी गर्म है और ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है,लेकिन यह भी एक सच्चाई कि सात अक्टूबर को बीपीआरडी के होने वाले कार्यक्रम जिसमें टेनी मुख्य अतिथि के तौर पर जाने वाले थे उस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है, जिससे यह भी माना जा रहा है कि आलाकमान उनसे नाराज है और उनकी मंत्रालय से कभी भी विदाई भी हो सकती है.

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