नई दिल्ली : आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन शुक्रवार से शुरू होगा. इसमें 72 देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इस संबंध में एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वीकार किया कि भारत में आतंकवाद में भारी कमी देखी गई है लेकिन देश के लिए आतंकी फंडिंग एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत में जम्मू-कश्मीर, एलडब्ल्यूई क्षेत्रों, पूर्वोत्तर या पंजाब में आतंकी घटनाएं कम हो रही हैं. लेकिन आतंकी फंडिंग एक बड़ी चुनौती बन गई है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि टेरर फंडिंग का एक पैटर्न है जिससे लड़ने की जरूरत है. गुप्ता ने नई दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' पर तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर कहा, 'हमें अंतरराष्ट्रीय आतंक वित्तपोषण के खतरे से लड़ने के लिए अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा.'
शुक्रवार से शुरू होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में 72 देशों और 15 बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे इंटरपोल और अन्य के प्रतिनिधि भाग लेंगे. सम्मेलन में विभिन्न देशों के 20 से अधिक मंत्री भाग लेंगे. दिलचस्प बात यह है कि सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, भाग लेने वाले देशों के साथ, चीन को भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है, हालांकि हमें अभी तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिली है. वर्मा ने कहा, सोशल मीडिया सम्मेलन के एजेंडे में फिट बैठता है क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल क्राउड फाइनेंसिंग के रूप में आतंक के वित्तपोषण के लिए किया जाता है और इस पर चर्चा करने की जरूरत है. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को करेंगे जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता करेंगे.
एनआईए डीजी ने एजेंडे की जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को टेरर फंडिंग के ट्रेंड्स और टेरर फंडिंग के औपचारिक तरीकों पर चर्चा होगी, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री शाह और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी करेंगे.
बता दें कि गृह मंत्रालय 18-19 नवंबर को 'आतंकवाद के लिए कोई धन नहीं : आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबले के लिए मंत्रियों का सम्मेलन' की मेजबानी करेगा. सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण की वैश्विक प्रवृत्तियों, आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक व अनौपचारिक स्रोतों, मसलन 'हवाला' या 'हुंडी' नेटवर्क के उपयोग, उभरती प्रौद्योगिकियां एवं आतंकवाद का वित्तपोषण और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में पेश आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे विविध विषयों पर चर्चा की जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चल रही है और वह इस बुराई के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके संकल्प से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराएगी. दिल्ली में 18-19 नवंबर को 'आतंकवाद के लिए कोई पैसा नहीं' (एनएमएफटी) विषयक तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
मंत्रालय के अनुसार, इस सम्मेलन का मकसद पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) में हुए पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच हुई चर्चा को आगे ले जाना है.
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