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एसएफजे मामला : एनआईए ने पत्रकार और किसान नेताओं को किया तलब

एनआईए ने एसएफजे मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को तलब किया. जिनमें एक पत्रकार और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े बलदेव सिंह सिरसा सहित कुछ किसान नेताओं के नाम शामिल हैं. हालांकि, किसान नेता सिरसा पोती की शादी के कारण पारिवारिक मामलों में व्यस्त होने के चलते एनआईए के सामने पेश नहीं होंगे.

एसएफजे मामला
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Published : Jan 16, 2021, 4:21 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 4:46 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें एक पत्रकार और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'एनआईए ने जांच के सिलसिले में कई लोगों को नोटिस भेजा है.'

अधिकारी ने कहा कि मामले के कुछ विवरणों का पता लगाने के लिए उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया है.

यह पूछे जाने पर कि पत्रकार के अलावा और किसे तलब किया गया है, इस पर अधिकारी ने कहा, 'मैं विशेष रूप से उन व्यक्तियों के पेशे के बारे में नहीं कह सकता, जिन्हें जांच के लिए बुलाया गया है.'

एनआईए का नोटिस
एनआईए का नोटिस

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कई लोगों को जांच के लिए गवाह के रूप में बुलाया है. अधिकारी ने कहा, 'उन्हें जांच के लिए कुछ विवरणों की पड़ताल करने के लिए बुलाया गया है.'

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है.

एनआईए के समन के अनुसार, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है.

एनआईए के समक्ष पेश नहीं होंगे सिरसा
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि वह अपनी पोती की शादी के कारण रविवार को एनआईए के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाएंगे. सिरसा ने कहा कि पोती की शादी के कारण वह सात फरवरी तक पारिवारिक मामलों में व्यस्त हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें वॉट्सएप पर नोटिस मिला है और एजेंसी की ओर से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली.

किसान नेता सुरेंद्र सिंह, पलविंदर सिंह, प्रदीप सिंह, नोबेलजीत सिंह और करनैल सिंह को भी 17 और 18 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है.

एनआईए ने पिछले साल 15 दिसंबर को आईपीसी की कई धाराओं सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

एसएफजे पर अराजकता फैलाने की साजिश का आरोप
एफआईआर में एनआईए ने आरोप लगाया है कि एक गैर-कानूनी संगठन एसएफजे और अन्य खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने भय और अराजकता का माहौल बनाने के लिए एक साजिश रची है. आरोप लगाया गया है कि ऐसे अलगाववादी संगठनों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए लोगों को उकसाने का काम किया है.

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों में जमीनी स्तर पर अभियान तेज करने और प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन भी एकत्र किया जा रहा है.

पढ़ें- एसएफजे केस : एनआईए ने 16 विदेशी लोगों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

इन अभियानों को नामित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर और अन्य द्वारा चलाया जा रहा है.

एनआईए की प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि इस साजिश में शामिल एसएफजे और अन्य खालिस्तानी समर्थक तत्व लगातार सोशल मीडिया अभियान और अन्य माध्यमों से भारत में अलगाववाद के बीज बोना चाहते हैं. यह नेता भारत के टुकड़े करना चाहते हैं और खालिस्तान के नाम से अलग राष्ट्र के निर्माण का मंसूबा रखे हुए हैं. यही नहीं, ये समूह आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए युवाओं को उग्र और कट्टरपंथी बना रहे हैं और उनकी भर्ती भी कर रहे हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें एक पत्रकार और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'एनआईए ने जांच के सिलसिले में कई लोगों को नोटिस भेजा है.'

अधिकारी ने कहा कि मामले के कुछ विवरणों का पता लगाने के लिए उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया है.

यह पूछे जाने पर कि पत्रकार के अलावा और किसे तलब किया गया है, इस पर अधिकारी ने कहा, 'मैं विशेष रूप से उन व्यक्तियों के पेशे के बारे में नहीं कह सकता, जिन्हें जांच के लिए बुलाया गया है.'

एनआईए का नोटिस
एनआईए का नोटिस

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कई लोगों को जांच के लिए गवाह के रूप में बुलाया है. अधिकारी ने कहा, 'उन्हें जांच के लिए कुछ विवरणों की पड़ताल करने के लिए बुलाया गया है.'

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है.

एनआईए के समन के अनुसार, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है.

एनआईए के समक्ष पेश नहीं होंगे सिरसा
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि वह अपनी पोती की शादी के कारण रविवार को एनआईए के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाएंगे. सिरसा ने कहा कि पोती की शादी के कारण वह सात फरवरी तक पारिवारिक मामलों में व्यस्त हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें वॉट्सएप पर नोटिस मिला है और एजेंसी की ओर से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली.

किसान नेता सुरेंद्र सिंह, पलविंदर सिंह, प्रदीप सिंह, नोबेलजीत सिंह और करनैल सिंह को भी 17 और 18 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है.

एनआईए ने पिछले साल 15 दिसंबर को आईपीसी की कई धाराओं सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

एसएफजे पर अराजकता फैलाने की साजिश का आरोप
एफआईआर में एनआईए ने आरोप लगाया है कि एक गैर-कानूनी संगठन एसएफजे और अन्य खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने भय और अराजकता का माहौल बनाने के लिए एक साजिश रची है. आरोप लगाया गया है कि ऐसे अलगाववादी संगठनों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए लोगों को उकसाने का काम किया है.

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों में जमीनी स्तर पर अभियान तेज करने और प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन भी एकत्र किया जा रहा है.

पढ़ें- एसएफजे केस : एनआईए ने 16 विदेशी लोगों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

इन अभियानों को नामित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर और अन्य द्वारा चलाया जा रहा है.

एनआईए की प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि इस साजिश में शामिल एसएफजे और अन्य खालिस्तानी समर्थक तत्व लगातार सोशल मीडिया अभियान और अन्य माध्यमों से भारत में अलगाववाद के बीज बोना चाहते हैं. यह नेता भारत के टुकड़े करना चाहते हैं और खालिस्तान के नाम से अलग राष्ट्र के निर्माण का मंसूबा रखे हुए हैं. यही नहीं, ये समूह आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए युवाओं को उग्र और कट्टरपंथी बना रहे हैं और उनकी भर्ती भी कर रहे हैं.

Last Updated : Jan 16, 2021, 4:46 PM IST
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