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जम्मू कश्मीर में टेरर फंडिंग, जल्द छापेमारी की तैयारी में है राष्ट्रीय जांच एजेंसी

बीते 8-9 अगस्त को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बारामूला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, रामबन में एनआईए ने करीब 61 स्थानों पर छापेमारी की थी. यह अभियान टेरर फंडिंग मामले में चलाया गया था. अब इसी क्रम में जल्द ही जांच एजेंसी अन्य जिलों में भी छापेमारी कर सकती है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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Published : Sep 25, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जल्द ही डोडा, राजौरी सहित जम्मू-कश्मीर के कुछ अन्य जिलों में एनआईए की छापेमारी की जाएगी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ टेरर फंडिंग के मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक छापे मारने का फैसला किया है.

पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में जमात के कम से कम एक दर्जन सदस्यों से पूछताछ के बाद छापेमारी हुई है. ईटीवी भारत को नाम न छापने की शर्त पर एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शनिवार को NIA पहले ही जमात-ए-इस्लामी और उसके छाया संगठन फलाह-ए-आम के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.

उन्होंने कहा कि हमें आतंकी फंडिंग मामले में जमात कैडरों की संलिप्तता के संबंध में कुछ और सुराग मिले हैं. इसलिए हम अगले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर और छापेमारी करने जा रहे हैं.

2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद जमात-ए-इस्लामी को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था. एनआईए ने इस साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद संगठन के खिलाफ आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज किया.

अधिकारी ने जांच का हवाला देते हुए कहा कि अवैध संगठन के सदस्य देश-विदेश से चैरिटी और कल्याणकारी गतिविधियों के नाम पर चंदा इकट्ठा करते रहे हैं. खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि जमात स्वास्थ्य और शिक्षा सहित धर्मार्थ कार्यों के लिए कथित तौर पर जकात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में धन इकट्ठा करता रहा है.

हालांकि एकत्र किए गए धन को जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. एनआईए की जांच के अनुसार जमात पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और अन्य को फंडिंग कर रहा है.

पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में जमात-ए-इस्लामी के कम से कम 15 सदस्यों से एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ की है. अधिकारी ने कहा कि हम जेईआई के कुछ और सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं और हमें कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है.

अगले सप्ताह एनआईए द्वारा की जाने वाली छापेमारी श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बारामूला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, रामबन, डोडा और राजौरी में 8 और 9 अगस्त को किए गए 61 तलाशी अभियानों के क्रम में जारी रहेगी.

यह भी पढ़ें-कश्मीर में कई जगहों पर एनआईए की छापेमारी

जमात सदस्यों के आवास और परिसर से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. खुफिया जानकारी से पता चलता है कि संगठन जम्मू-कश्मीर में पथराव की घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवाओं की भर्ती भी कर रहा था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि हम जमात-ए-इस्लामी से जुड़े मामले को जल्द से जल्द बंद करने का प्रयास करेंगे.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जल्द ही डोडा, राजौरी सहित जम्मू-कश्मीर के कुछ अन्य जिलों में एनआईए की छापेमारी की जाएगी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ टेरर फंडिंग के मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक छापे मारने का फैसला किया है.

पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में जमात के कम से कम एक दर्जन सदस्यों से पूछताछ के बाद छापेमारी हुई है. ईटीवी भारत को नाम न छापने की शर्त पर एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शनिवार को NIA पहले ही जमात-ए-इस्लामी और उसके छाया संगठन फलाह-ए-आम के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.

उन्होंने कहा कि हमें आतंकी फंडिंग मामले में जमात कैडरों की संलिप्तता के संबंध में कुछ और सुराग मिले हैं. इसलिए हम अगले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर और छापेमारी करने जा रहे हैं.

2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद जमात-ए-इस्लामी को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था. एनआईए ने इस साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद संगठन के खिलाफ आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज किया.

अधिकारी ने जांच का हवाला देते हुए कहा कि अवैध संगठन के सदस्य देश-विदेश से चैरिटी और कल्याणकारी गतिविधियों के नाम पर चंदा इकट्ठा करते रहे हैं. खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि जमात स्वास्थ्य और शिक्षा सहित धर्मार्थ कार्यों के लिए कथित तौर पर जकात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में धन इकट्ठा करता रहा है.

हालांकि एकत्र किए गए धन को जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. एनआईए की जांच के अनुसार जमात पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और अन्य को फंडिंग कर रहा है.

पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में जमात-ए-इस्लामी के कम से कम 15 सदस्यों से एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ की है. अधिकारी ने कहा कि हम जेईआई के कुछ और सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं और हमें कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है.

अगले सप्ताह एनआईए द्वारा की जाने वाली छापेमारी श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बारामूला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, रामबन, डोडा और राजौरी में 8 और 9 अगस्त को किए गए 61 तलाशी अभियानों के क्रम में जारी रहेगी.

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जमात सदस्यों के आवास और परिसर से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. खुफिया जानकारी से पता चलता है कि संगठन जम्मू-कश्मीर में पथराव की घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवाओं की भर्ती भी कर रहा था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि हम जमात-ए-इस्लामी से जुड़े मामले को जल्द से जल्द बंद करने का प्रयास करेंगे.

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