नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को टेरर फंडिंग मामले में जमात-ए-इस्लामी संगठन के 20 संदिग्ध सदस्यों से नई दिल्ली में पूछताछ की. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि पूछताछ बुधवार तक जारी रहेगी.
अधिकारी ने कहा, 'टेरर फंडिंग में संदिग्ध संलिप्तता के मामले में पूछताछ की जा रही है. उन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की सहायता करने का संदेह है. इससे पहले अगस्त में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 61 स्थानों पर छापे मारे थे. एनआईए अधिकारी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को फंड देना चाहता है.
वहीं, एनआईए ने 27 जून को आईईडी की बरामदगी के सिलसिले में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में आठ स्थानों पर तलाशी ली. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद से जम्मू क्षेत्र के डोडा और किश्तवाड़ जिलों तथा कश्मीर घाटी में अनंतनाग, बारामूला, कुलगाम और श्रीनगर में तलाशी ली गई.
एजेंसी ने कहा, 'तलाशी के दौरान संदिग्धों के परिसरों से कई डिजिटल उपकरण और अन्य सामग्री बरामद की गई है.' प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू के बठिंडी इलाके में 27 जून को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के पास से पांच किलोग्राम का आईईडी बरामद किया गया था.
उन्होंने बताया कि इस बाबत जम्मू के बाहु फोर्ट थाने में शुरू में मामला दर्ज किया गया था. प्रवक्ता ने बताया, 'लश्कर की साजिश का मकसद जम्मू में आईईडी का इस्तेमाल करके विस्फोट करना था. एनआईए ने 19 जुलाई को फिर से मामला दर्ज किया था और पहले इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.'
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उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में बैठे आका और जम्मू-कश्मीर में उनके सहयोगी, 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) का उपयोग करके केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मामले की जांच जारी है.