ETV Bharat / bharat

NIA अदालत ने ISIS से जुड़ने का अपराध स्वीकार करने की अर्जी मंजूर की - यूएपीए के तहत दोषी

2016 से जेल में बंद दो आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है कि वह 2015 में आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) में शामिल हुए थे. एनआईए कोर्ट में उनकी सजा पर सुनवाई कल होगी.

concept image
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Jan 6, 2022, 4:07 PM IST

मुंबई : एक स्थानीय विशेष अदालत ने दो व्यक्तियों की अपराध स्वीकार करने की अर्जी मंजूर कर ली जो 2015 में आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) में शामिल हुए थे (two men accused of ISIS links). अदालत ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी पाया. विशेष एनआईए न्यायाधीश ए. टी. वानखेड़े ने बुधवार को कहा कि वह दोषी पाए गए व्यक्तियों की सजा पर सात जनवरी को सुनवाई करेंगे.

मोहसिन सय्यद (32) और रिजवान अहमद (25) ने पिछले महीने अपराध स्वीकार करने की अर्जी दायर की थी. अदालत ने बुधवार को आरोपियों को उन पर लगे आरोप समझाये और दोषी पाए जाने पर सजा के बारे में बताया. यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दोषी पाए जाने पर दोनों को कम से कम तीन साल कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

आरोपियों ने अदालत में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी थी और उन्होंने स्वेच्छा से अपराध स्वीकार किया है. इसके बाद अदालत ने उनकी अर्जी मंजूर कर ली और यूएपीए तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया.

2016 से जेल में बंद हैं
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुंबई के मलवानी के चार व्यक्ति घर छोड़कर आईएसआईएस में शामिल होने गए थे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दावा है कि सय्यद और अहमद ने मलवानी से मुस्लिम युवकों को 'फिदायीन' लड़ाके बनने और आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसाया.

पढ़ें- NIA ने ISIS से जुड़े केस में पूर्व विधायक के पोते की पत्नी को गिरफ्तार किया

दोनों आरोपियों ने गत माह दाखिल अर्जी में दावा किया था कि वे दुष्प्रचार वाले वीडियो से प्रभावित हुए थे लेकिन अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है. दोनों आरोपी 2016 से जेल में बंद हैं.

पढ़ें-IS लिंक : कश्मीर, मेंगलुरु और बेंगलुरु में कई लोगों पर NIA की नजर

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : एक स्थानीय विशेष अदालत ने दो व्यक्तियों की अपराध स्वीकार करने की अर्जी मंजूर कर ली जो 2015 में आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) में शामिल हुए थे (two men accused of ISIS links). अदालत ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी पाया. विशेष एनआईए न्यायाधीश ए. टी. वानखेड़े ने बुधवार को कहा कि वह दोषी पाए गए व्यक्तियों की सजा पर सात जनवरी को सुनवाई करेंगे.

मोहसिन सय्यद (32) और रिजवान अहमद (25) ने पिछले महीने अपराध स्वीकार करने की अर्जी दायर की थी. अदालत ने बुधवार को आरोपियों को उन पर लगे आरोप समझाये और दोषी पाए जाने पर सजा के बारे में बताया. यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दोषी पाए जाने पर दोनों को कम से कम तीन साल कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

आरोपियों ने अदालत में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी थी और उन्होंने स्वेच्छा से अपराध स्वीकार किया है. इसके बाद अदालत ने उनकी अर्जी मंजूर कर ली और यूएपीए तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया.

2016 से जेल में बंद हैं
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुंबई के मलवानी के चार व्यक्ति घर छोड़कर आईएसआईएस में शामिल होने गए थे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दावा है कि सय्यद और अहमद ने मलवानी से मुस्लिम युवकों को 'फिदायीन' लड़ाके बनने और आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसाया.

पढ़ें- NIA ने ISIS से जुड़े केस में पूर्व विधायक के पोते की पत्नी को गिरफ्तार किया

दोनों आरोपियों ने गत माह दाखिल अर्जी में दावा किया था कि वे दुष्प्रचार वाले वीडियो से प्रभावित हुए थे लेकिन अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है. दोनों आरोपी 2016 से जेल में बंद हैं.

पढ़ें-IS लिंक : कश्मीर, मेंगलुरु और बेंगलुरु में कई लोगों पर NIA की नजर

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.