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महिलाओं के लिए गर्भपात पर नया कानून सकारात्मक- लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे - एमटीपी एक्ट 1971

केंद्र सरकार के गर्भपात कराने की समय सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने के फैसले को लागू कर दिया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे ने कहा, 'यह महिलाओं के लिए एक सकारात्मक निर्णय है और यह अदालत जाने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा.'

महिलाओं के लिए गर्भपात पर नया कानून सकारात्मक- लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे
महिलाओं के लिए गर्भपात पर नया कानून सकारात्मक- लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे
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Published : Nov 13, 2021, 6:30 PM IST

औरंगाबाद: केंद्र सरकार की ओर से 20 सप्ताह के बजाय 24 सप्ताह के गर्भपात की अनुमति देने के निर्णय को अक्टूबर से लागू किया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे ने कहा, 'यह महिलाओं के लिए एक सकारात्मक निर्णय है और यह अदालत जाने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा.'

गर्भपात को लेकर केंद्र सरकार ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी एक्ट 1971) एक्ट 1971 में संशोधन किया था. अक्टूबर से इसे लागू कर दिया गया है. इसके अनुसार अब गर्भपात 24 सप्ताह तक किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- ट्रैक्टर से ससुराल पहुंची दुल्हन, दूल्हे ने बताई ये वजह

धागे ने कहा कि अगर बच्चे को कुछ विकृति या अन्य समस्याएं हैं तो उसकी गर्भपात करना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला महिलाओं को अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने की आजादी भी देता है. यदि 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की जरूरत पड़ती है तो मामला मेडिकल बोर्ड को भेजा जाएगा. एक सप्ताह के भीतर बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाएगा.

औरंगाबाद: केंद्र सरकार की ओर से 20 सप्ताह के बजाय 24 सप्ताह के गर्भपात की अनुमति देने के निर्णय को अक्टूबर से लागू किया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. सतीश धागे ने कहा, 'यह महिलाओं के लिए एक सकारात्मक निर्णय है और यह अदालत जाने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा.'

गर्भपात को लेकर केंद्र सरकार ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी एक्ट 1971) एक्ट 1971 में संशोधन किया था. अक्टूबर से इसे लागू कर दिया गया है. इसके अनुसार अब गर्भपात 24 सप्ताह तक किया जा सकता है.

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धागे ने कहा कि अगर बच्चे को कुछ विकृति या अन्य समस्याएं हैं तो उसकी गर्भपात करना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला महिलाओं को अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने की आजादी भी देता है. यदि 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की जरूरत पड़ती है तो मामला मेडिकल बोर्ड को भेजा जाएगा. एक सप्ताह के भीतर बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाएगा.

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