जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में जहां घरों की दरारें लोगों को डरा रही हैं, वहीं दूसरी ओर बदरीनाथ हाईवे भी जगह-जगह धंसने लग गया है. बीते कुछ दिनों में हाईवे पर दरारें अधिक चौड़ी हुई हैं. साथ ही जोशीमठ के नये घरों पर भी दरारें उभरने के साथ साथ पुरानी दरारों वाले घरों की दरारें भी अधिक तेज हुई हैं. इन दिनों बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का दबाव न के बराबर हैं. अप्रैल माह से यात्रा शुरू होनी हैं. हजारों की संख्या में प्रतिदिन तीर्थयात्रियों के वाहन इस हाईवे से गुजरेंगे. ऐसे में बदरीनाथ हाईवे दरारों वाले स्थानों पर वाहनों के दबाव को झेल पायेगा, यह चिंता अभी तक बनी हुई है.
बदरीनाथ हाईवे भू धंसाव से हो रहा प्रभावित: जोशीमठ नगर में 20 से अधिक स्थानों पर बदरीनाथ हाईवे भूधंसाव से प्रभावित है. हाईवे पर लगातार नई दरारें आ रही हैं. पुरानी दरारों की चौड़ाई बढ़ रही है. बीते दिनों उभर रही इन दरारों को बीआरओ के द्वारा मिट्टी और मलबा डालकर भरा गया था, लेकिन अब दरारों की चौढ़ाई बढ़ने से एक बार फिर दरारें दिखने लगी हैं. बदरीनाथ हाईवे पर सार्वधिक भू धंसाव मारवाड़ी क्षेत्र में है, जहां एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सड़क धंसी है. मारवाड़ी स्थित जेपी कालोनी से सीमा सड़क संगठन के कैंप कार्यालय के बीच भी करीब 400 मीटर के अन्तर्गत नई दरारें उभरी हैं.
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जाने का प्रमुख मार्ग: जबकि छावनी बाजार में लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन के पास भी सड़क पर दरारों के आकार में इजाफा हुआ है. बता दें चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. जोशीमठ से ही बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के साथ ही फूलों की घाटी की यात्रा होती है. कपाट खुलने पर बदरीनाथ धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. ऐसे में बदरीनाथ हाईवे पर आवाजाही कैसे होगी ये सवाल सबसे मन में उठ रहा है. वहीं जोशीमठ में भूधंसाव से लोग अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं, जहां सरकार उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया करा रही है.
चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर जेपी से मारवाड़ी तक सड़क पर नई दरारें आने की बात सामने आई है. बीआआरओ को दरारों का परीक्षण कर सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसके साथ ही जोशीमठ के लोगों द्वारा कुछ घरों पर दरारें आने की बाद सामने आई हैं. जोशीमठ में तैनात इंजीनियरों की टीमो को घरों पर आ रही दरारों का परीक्षण करने के लिये भेजा गया है, ताकि स्थिति का आकलन किया जा सके.