नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर(EDFC) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन’ और प्रयागराज में EDFC के परिचालन नियंत्रण केन्द्र(OCC) का उद्घाटन किया. साथ ही न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन से मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
संबोधन की प्रमुख बातें :
कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरु की गई है. किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है. अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी.
विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है. इसका करीब 60% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा.
ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे. उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है.
पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं. मालगाड़ी की गति धीमीं होती है. ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है. इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी.
पीएम मोदी ने कहा आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है. इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है.
प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है. ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है. इसमें मैजेनमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है. भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है. आज हम आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है. भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है. आज हम आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं.
आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से भारत में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री के उद्घाटन करने से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पहले खंड न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा से मालगाड़ियों की औसत गति जो पहले 25 किलोमीटर प्रति घंटा थी वो बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी.
रेल मंत्री ने कहा लगभग 81,500 करोड़ रुपये की कुल लागत से शुरु की गई दोनों DFC परियोजना सिर्फ वस्तु का ही नहीं बल्कि विकास का परिवहन करेगी. वर्तमान में एक ही रेल पटरी पर पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों ही चलती हैं. अब DFC पर सिर्फ मालगाड़ियां ही चलेगी और इससे मालढुलाई भी बढ़ेगी.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद डा. महेश शर्मा ने कहा गलियारे के शुरू होने से क्षेत्र को बहुत लाभ होगा. वहीं स्थानीय सांसद डा. भोला सिंह ने कहा कि इससे खुर्जा के पॉटरी उद्योग केा विशेष लाभ होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में पहले कहा गया था कि इस गलियारे का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा खंड उत्तर प्रदेश में स्थित है और इसे 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. उसके अनुसार, यह खंड स्थानीय उद्योगों जैसे कानपुर देहात जिले के पुखरायां क्षेत्र स्थित एल्यूमीनियम उद्योग, औरैया जिले के दुग्ध उत्पाद उद्योग, इटावा जिले के कपड़ा और ब्लॉक प्रिंटिंग, फिरोजाबाद जिले के कांच के सामान के उद्योग, बुलंदशहर जिले के खुर्जा के पॉटरी उद्योग, हाथरस जिले के हींग उत्पादन और अलीगढ़ के ताले तथा हार्डवेयर उद्योग के लिए नए अवसर खोलेगा.
यह खंड मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम करेगा और उस हिस्से में ट्रेनें तेज रफ्तार से चल सकेंगी. उल्लेखनीय है कि पूर्वी ईडीएफसी (1856 मार्ग किमी) लुधियाना (पंजाब) के पास साहनेवाल से शुरू होता है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से गुजरकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी में समाप्त होता है. इसका निर्माण 'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड' (डीएफसीसीआईएल) द्वारा किया जा रहा है, जिसे समर्पित मालवहन गलियारा के निर्माण और संचालन के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया है.
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डीएफसीसीआईएल पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (1504 मार्ग किमी) का निर्माण भी कर रहा है जो उत्तर प्रदेश के दादरी को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जोड़ता है. वह गलियारा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से गुजरेगा.