ETV Bharat / bharat

नेताजी के पोते बोले-औपनिवेशिक युग के राजद्रोह जैसे कानून निरस्त होने चाहिए

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सुगाता बोस (Sugata Bose) चाहते हैं कि औपनिवेशिक युग के राजद्रोह जैसे कानूनों (sedition law) को निरस्त किया जाए.

सुगाता बोस
सुगाता बोस
author img

By

Published : Aug 20, 2021, 4:15 PM IST

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सुगाता बोस ने कहा है कि औपनिवेशिक युग के राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए, जिनका इस्तेमाल असंतोष को दबाने के लिए किया जाता है.

सुगाता बोस ने 2014 में जादवपुर से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन वह पिछले संसदीय चुनाव में मुकाबले में नहीं उतरे. सुगाता ने कहा कि 'लोकतंत्र के समर्थन में' गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने के लिए वह 'भूमिका निभाना' चाहते हैं. उनकी इस टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वह जल्द ही सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं.

उन्होंने चिंता जताई कि औपनिवेशिक युग के कई कानून, जो नेताजी, महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को चुप कराने के लिए इस्तेमाल किए गए थे, अभी भी सरकार द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं.

सुगाता ने कहा, 'हमें अपने लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत करना है और औपनिवेशिक युग के इन अराजक कानूनों को निरस्त करने की आवश्यकता है... मैं विशेष रूप से इस तथ्य से चिंतित हूं कि कुछ मामलों में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को भी निलंबित किया जा सकता है.'

'नेताजी रिसर्च ब्यूरो' के अध्यक्ष के अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर सुगाता बोस ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने भी हाल में राजद्रोह कानून की आवश्यकता पर सवाल उठाया था.

नए नियमों का दुरुपयोग होने की आशंका

उन्होंने कहा, 'हमने कई औपनिवेशिक कानूनों को जारी रखा है. इनमें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) जैसे कानून भी हैं जिसे नए नाम के तहत जारी रखा गया है. लोकतंत्र कमजोर ना हो इसके लिए इन कानूनों को खत्म करने की जरूरत है.' सुगाता ने कहा, 'औपचारिक आपातकाल के बिना भी, इन कानूनों को लागू करना आपातकाल की स्थिति पैदा करने के लिए पर्याप्त है.'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कई बार देशद्रोह का आरोप लगाया गया. सुगाता बोस ने उल्लेख किया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के प्रावधान समेत कुछ नए नियम भले नेक इरादे से लाए गए हों लेकिन इसका दुरुपयोग होने की आशंका है.

पढ़ें- इस जेल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने काटी थी सजा, अब बन रहा संग्रालय

सुगाता बोस को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और गांधी परिवार का करीबी माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सुगाता बोस ने कहा है कि औपनिवेशिक युग के राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए, जिनका इस्तेमाल असंतोष को दबाने के लिए किया जाता है.

सुगाता बोस ने 2014 में जादवपुर से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन वह पिछले संसदीय चुनाव में मुकाबले में नहीं उतरे. सुगाता ने कहा कि 'लोकतंत्र के समर्थन में' गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने के लिए वह 'भूमिका निभाना' चाहते हैं. उनकी इस टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वह जल्द ही सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं.

उन्होंने चिंता जताई कि औपनिवेशिक युग के कई कानून, जो नेताजी, महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को चुप कराने के लिए इस्तेमाल किए गए थे, अभी भी सरकार द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं.

सुगाता ने कहा, 'हमें अपने लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत करना है और औपनिवेशिक युग के इन अराजक कानूनों को निरस्त करने की आवश्यकता है... मैं विशेष रूप से इस तथ्य से चिंतित हूं कि कुछ मामलों में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को भी निलंबित किया जा सकता है.'

'नेताजी रिसर्च ब्यूरो' के अध्यक्ष के अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर सुगाता बोस ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने भी हाल में राजद्रोह कानून की आवश्यकता पर सवाल उठाया था.

नए नियमों का दुरुपयोग होने की आशंका

उन्होंने कहा, 'हमने कई औपनिवेशिक कानूनों को जारी रखा है. इनमें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) जैसे कानून भी हैं जिसे नए नाम के तहत जारी रखा गया है. लोकतंत्र कमजोर ना हो इसके लिए इन कानूनों को खत्म करने की जरूरत है.' सुगाता ने कहा, 'औपचारिक आपातकाल के बिना भी, इन कानूनों को लागू करना आपातकाल की स्थिति पैदा करने के लिए पर्याप्त है.'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कई बार देशद्रोह का आरोप लगाया गया. सुगाता बोस ने उल्लेख किया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के प्रावधान समेत कुछ नए नियम भले नेक इरादे से लाए गए हों लेकिन इसका दुरुपयोग होने की आशंका है.

पढ़ें- इस जेल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने काटी थी सजा, अब बन रहा संग्रालय

सुगाता बोस को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और गांधी परिवार का करीबी माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.