नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (NEET-PG) दाखिले के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section) के लिए आरक्षण से संबंधित याचिका की बुधवार को सुनवाई करने पर सहमत (neet pg admissions- sc agrees to hear plea) हो गया है.
केंद्र ने न्यायालय से इस मामले की तत्काल सुनवाई किए जाने का आग्रह किया था. चीफ जस्टिस एन. वी. रमना (Chief justice N V Ramana) और न्यायमूर्ति सूर्य कांत (justices Surya Kant) एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की पीठ ने केंद्र की ओर से न्यायालय में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) के उन अभिवेदनों पर गौर किया कि यह मामला स्नातकोत्तर चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों में दाखिले से जुड़ा है और छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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चीफ जस्टिस ने कहा, ‘‘यदि यह तीन न्यायाधीशों की पीठ का मामला है, तो इसे कल तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा’’ न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को केंद्र से कहा था कि EWS आरक्षण मामले पर तीन न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है, इसलिए चीफ जस्टिस न्यायाधीशों की अपेक्षित संख्या वाली पीठ का गठन कर सकते हैं.
नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग ना होने के कारण दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (FORDA) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं. EWS आरक्षण तय करने के मापदंड पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण नीट-पीजी की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी.
(पीटीआई-भाषा)