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NEET-PG Admission: ईडब्ल्यूएस आरक्षण मामले में केंद्र का तत्काल सुनवाई का आग्रह

NEET-PG प्रवेश के मामले (NEET-PG Admission) में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है कि केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ (Benefits of reservation under EWS quota) मिले, जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है.

सुनवाई का आग्रह
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Published : Jan 3, 2022, 2:14 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने किसी अत्यावश्यक स्थिति का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (NEET-PG) दाखिले के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण संबंधी मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित करे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से न्यायालय के समक्ष इस मामले का जिक्र किया, जिसके बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने उनसे कहा कि EWS आरक्षण मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज का काम समाप्त होते ही, मैं प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण से मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध करूंगा. मेहता ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करना संभव नहीं है, तो इसे बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.

आरक्षण के क्रियान्वयन संबंधी सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाले चिकित्सकों की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध किया जाता है, तो उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. फिलहाल इस मामले को छह जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

NEET-PG 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर 'फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन' (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं. EWS आरक्षण तय करने के मापदंड (Criteria for deciding EWS reservation) पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण NEET-PG की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी.

केंद्र ने शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि उसने EWS के तहत लाभ हासिल करने के लिए पारिवारिक आय की सीमा आठ लाख रुपये सालाना या इससे कम कायम रखने की तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है. सरकार ने कहा था कि समिति के अनुसार, EWS को परिभाषित करने के लिए परिवार की आय व्यावहारिक मापदंड है और मौजूदा परिस्थिति में आठ लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय का मापदंड EWS तय करने के लिए तार्किक प्रतीत होता है.

NEET-PG प्रवेश के मामले (NEET-PG Admission) में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है कि केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ (Benefits of reservation under EWS quota) मिले, जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र ने किसी अत्यावश्यक स्थिति का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (NEET-PG) दाखिले के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण संबंधी मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित करे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से न्यायालय के समक्ष इस मामले का जिक्र किया, जिसके बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने उनसे कहा कि EWS आरक्षण मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज का काम समाप्त होते ही, मैं प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण से मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध करूंगा. मेहता ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करना संभव नहीं है, तो इसे बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.

आरक्षण के क्रियान्वयन संबंधी सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाले चिकित्सकों की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि यदि इस मामले को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध किया जाता है, तो उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. फिलहाल इस मामले को छह जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

NEET-PG 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर 'फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन' (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं. EWS आरक्षण तय करने के मापदंड (Criteria for deciding EWS reservation) पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण NEET-PG की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी.

केंद्र ने शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि उसने EWS के तहत लाभ हासिल करने के लिए पारिवारिक आय की सीमा आठ लाख रुपये सालाना या इससे कम कायम रखने की तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है. सरकार ने कहा था कि समिति के अनुसार, EWS को परिभाषित करने के लिए परिवार की आय व्यावहारिक मापदंड है और मौजूदा परिस्थिति में आठ लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय का मापदंड EWS तय करने के लिए तार्किक प्रतीत होता है.

NEET-PG प्रवेश के मामले (NEET-PG Admission) में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है कि केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ (Benefits of reservation under EWS quota) मिले, जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है.

(पीटीआई-भाषा)

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