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Karnataka High court NEET PG-2023: कर्नाटक हाईकोर्ट ने नीट पीजी में शून्य कट ऑफ को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया

नीट पीजी 2023 कट ऑफ परसेंटाइल को जीरो (NEET PG 2023 zero Cut off) तक कम करने के मामले में दायर याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा (Karnataka High court issues notice to Central govt) है.

NEET PG -2023: Karnataka High court issues notice to Central govt on plea Challenging zero Cut off
कर्नाटक हाईकोर्ट ने जीरो कट ऑफ मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 8:42 AM IST

बेंगलुरु: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET PG) 2023 कट ऑफ परसेंटाइल को जीरो तक कम करने को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी (Karnataka High court issues notice to Central govt) किया है. मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हुबली स्थित डॉक्टर और वकील डॉ. विनोद जी कुलकर्णी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) और अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और सुनवाई स्थगित कर दी.

पिछले 10 वर्षों से नीट पीजी (NEET- PG) कटऑफ अंक 50फीसदी था लेकिन, एमसीसी ने 20 सितंबर, 2023 को एक अधिसूचना जारी कर वर्ष 2023 के लिए एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में उपस्थित होने के लिए कट ऑफ अंक शून्य कर दिया. इसलिए एनईईटी पीजी के लिए उपस्थित होने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को पीजी सीट मिल सकती है.

ये भी पढ़ें- MBBS Course Fees: एमबीबीएस कोर्स की पूरी फीस चुकाने के बाद ही अमेरिकी नागरिक को एग्जिट परमिट: कर्नाटक हाईकोर्ट

तब देश डॉक्टर पैदा करने का भण्डार या गोदाम बन जायेगा. सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि पीजी दाखिले के लिए सिर्फ योग्यता ही मानदंड होनी चाहिए. काउंसलिंग कट-ऑफ को शून्य करने से निजी मेडिकल कॉलेजों की पैरवी में और आसानी होगी. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में शिकायत की. एमसीसी द्वारा 20 सितंबर 2023 को जारी नीट पीजी पात्रता कट ऑफ अंक को शून्य करने की अधिसूचना को वापस लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए. वहीं याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि काउंसलिंग को पिछली 50प्रतिशत कट ऑफ मार्क्स प्रणाली के अनुसार आयोजित करने का आदेश दिया जाए.

बेंगलुरु: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET PG) 2023 कट ऑफ परसेंटाइल को जीरो तक कम करने को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी (Karnataka High court issues notice to Central govt) किया है. मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हुबली स्थित डॉक्टर और वकील डॉ. विनोद जी कुलकर्णी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) और अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और सुनवाई स्थगित कर दी.

पिछले 10 वर्षों से नीट पीजी (NEET- PG) कटऑफ अंक 50फीसदी था लेकिन, एमसीसी ने 20 सितंबर, 2023 को एक अधिसूचना जारी कर वर्ष 2023 के लिए एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में उपस्थित होने के लिए कट ऑफ अंक शून्य कर दिया. इसलिए एनईईटी पीजी के लिए उपस्थित होने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को पीजी सीट मिल सकती है.

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तब देश डॉक्टर पैदा करने का भण्डार या गोदाम बन जायेगा. सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि पीजी दाखिले के लिए सिर्फ योग्यता ही मानदंड होनी चाहिए. काउंसलिंग कट-ऑफ को शून्य करने से निजी मेडिकल कॉलेजों की पैरवी में और आसानी होगी. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में शिकायत की. एमसीसी द्वारा 20 सितंबर 2023 को जारी नीट पीजी पात्रता कट ऑफ अंक को शून्य करने की अधिसूचना को वापस लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए. वहीं याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि काउंसलिंग को पिछली 50प्रतिशत कट ऑफ मार्क्स प्रणाली के अनुसार आयोजित करने का आदेश दिया जाए.

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