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गडकरी ने कहा, कृषि क्षेत्र का विविधीकरण ऊर्जा, बिजली क्षेत्र में करने की जरूरत

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Published : Aug 27, 2022, 4:49 PM IST

भारत को अपने कृषि क्षेत्र के विविधीकरण ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है. उक्त बातें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल कोजनरेशन अवार्ड समारोह में कहीं.

Union Minister Nitin Gadkari
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

मुंबई : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि ऊर्जा की कमी का सामना कर रहे भारत को अपने कृषि क्षेत्र का विविधीकरण ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्रों में भी करने की जरूरत है. गडकरी ने यहां आयोजित नेशनल कोजनरेशन अवार्ड 2022 समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हर साल बड़ी राशि आयात पर खर्च करनी पड़ती है.

उन्होंने कहा, 'हम हर साल पेट्रोल, डीजल एवं अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 15 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि हम कृषि क्षेत्र का विविधीकरण ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्र की तरफ भी करें.' उन्होंने उद्योग जगत से वैकल्पिक ईंधनों पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि भविष्योन्मुख प्रौद्योगिकी की सहायता से कृषि क्षेत्र का विविधीकरण किया जा सकता है.

गडकरी ने कहा, 'हमारी 65-70 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है लेकिन हमारी कृषि वृद्धि दर सिर्फ 12-13 प्रतिशत है. अगला कदम सह-उत्पादन का होना चाहिए ताकि चीनी से मिलने वाले राजस्व को बढ़ाया जा सके. उद्योग को कम चीनी और अधिक उप-उत्पादों का उत्पादन करना चाहिए जिसमें भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकी के लिए दृष्टिकोण और ज्ञान को पूंजी में बदलने वाला नेतृत्व भी हो.' उन्होंने कहा कि इस साल के लिए देश को 280 लाख टन चीनी के उत्पादन की ही जरूरत थी लेकिन 360 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा कि अधिक चीनी उत्पादन के बजाय एथेनॉल पैदा करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही उद्योग जगत को एथेनॉल की मांग बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए.

गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में फ्लेक्स ईंधन से चलने वाले इंजन लाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'बजाज, हीरो और टीवीएस जैसी वाहन कंपनियां पहले से ही फ्लेक्स इंजन बना रही हैं और कई कार कंपनियों ने भी फ्लेक्स इंजन से चलने वाले मॉडल लाने का वादा किया है.' उन्होंने कहा कि ऑटोरिक्शा को भी बायो-एथेनॉल से चलाया जा सकता है. इसके अलावा निर्माण क्षेत्र के उपकरण भी वैकल्पिक ईंधन से चलाए जा सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'जर्मनी ने बायो-एथेनॉल से ट्रेन के संचालन वाली प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया है. इसके अलावा बेहद परिष्कृत एथेनॉल का इस्तेमाल विमानन उद्योग में भी किया जा सकता है. वैमानिकी उद्योग इसके इस्तेमाल के तरीके तलाशने में जुटा हुआ है.'

ये भी पढ़ें - नितिन गडकरी ने स्थानीय स्वशासित निकायों के कामकाज में सुधार का आह्वान किया

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि ऊर्जा की कमी का सामना कर रहे भारत को अपने कृषि क्षेत्र का विविधीकरण ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्रों में भी करने की जरूरत है. गडकरी ने यहां आयोजित नेशनल कोजनरेशन अवार्ड 2022 समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हर साल बड़ी राशि आयात पर खर्च करनी पड़ती है.

उन्होंने कहा, 'हम हर साल पेट्रोल, डीजल एवं अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 15 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि हम कृषि क्षेत्र का विविधीकरण ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्र की तरफ भी करें.' उन्होंने उद्योग जगत से वैकल्पिक ईंधनों पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि भविष्योन्मुख प्रौद्योगिकी की सहायता से कृषि क्षेत्र का विविधीकरण किया जा सकता है.

गडकरी ने कहा, 'हमारी 65-70 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है लेकिन हमारी कृषि वृद्धि दर सिर्फ 12-13 प्रतिशत है. अगला कदम सह-उत्पादन का होना चाहिए ताकि चीनी से मिलने वाले राजस्व को बढ़ाया जा सके. उद्योग को कम चीनी और अधिक उप-उत्पादों का उत्पादन करना चाहिए जिसमें भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकी के लिए दृष्टिकोण और ज्ञान को पूंजी में बदलने वाला नेतृत्व भी हो.' उन्होंने कहा कि इस साल के लिए देश को 280 लाख टन चीनी के उत्पादन की ही जरूरत थी लेकिन 360 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा कि अधिक चीनी उत्पादन के बजाय एथेनॉल पैदा करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही उद्योग जगत को एथेनॉल की मांग बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए.

गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में फ्लेक्स ईंधन से चलने वाले इंजन लाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'बजाज, हीरो और टीवीएस जैसी वाहन कंपनियां पहले से ही फ्लेक्स इंजन बना रही हैं और कई कार कंपनियों ने भी फ्लेक्स इंजन से चलने वाले मॉडल लाने का वादा किया है.' उन्होंने कहा कि ऑटोरिक्शा को भी बायो-एथेनॉल से चलाया जा सकता है. इसके अलावा निर्माण क्षेत्र के उपकरण भी वैकल्पिक ईंधन से चलाए जा सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'जर्मनी ने बायो-एथेनॉल से ट्रेन के संचालन वाली प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया है. इसके अलावा बेहद परिष्कृत एथेनॉल का इस्तेमाल विमानन उद्योग में भी किया जा सकता है. वैमानिकी उद्योग इसके इस्तेमाल के तरीके तलाशने में जुटा हुआ है.'

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(पीटीआई-भाषा)

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