नूरदागी (तुर्की): तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 34,000 पार हो गई है. बचाव के प्रयास लगातार जारी हैं. इस बीच भारत की एनडीआरएफ टीम ने चमत्कारिक रूप से छह साल की एक बच्ची बेरेन को बचाया है. इस साहस भरे काम में रोमियो और जूली ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. रोमियो और जूली एनडीआरएफ टीम के डॉग स्क्वॉड के हिस्सा हैं.
कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने बताया कि 'हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है. इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया. उन्होंने कहा कि जहां मशीनें फेल हो रही हैं, वहां रोमियो और जूली मदद कर रहे हैं.
कुंदन कुमार ने बताया कि टनों मलबे के नीचे छोटी बच्ची के ठिकाने का पता लगाने में डॉग स्क्वायड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनकी मदद के बिना बच्ची की जान नहीं बच सकती थी.
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तुर्की: NDRF की लैब्राडोर जूली ने छः साल की बेरेन को नूरदागी में मलबे से बचाया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने कहा,"हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है। इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया।" pic.twitter.com/T94WTdbSyA
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कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने कहा,"हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है। इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया।" pic.twitter.com/T94WTdbSyAतुर्की: NDRF की लैब्राडोर जूली ने छः साल की बेरेन को नूरदागी में मलबे से बचाया।
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कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने कहा,"हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है। इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया।" pic.twitter.com/T94WTdbSyA
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उन्होंने बताया कि हमारे पास मलबे में फंसे एक जीवित व्यक्ति के बारे में एक सुराग था लेकिन जब उन्होंने जूली को मलबे के अंदर जाने के लिए कहा तो वह अंदर गई और भौंकने लगी, जो एक संकेत था कि मलबे में कोई जीवित व्यक्ति फंसा है.
बता दें, नूरदगी में एक छह मंजिला इमारत ढह गई और मलबे में तब्दील हो गई है, जहां एनडीआरएफ की टीम खोज और बचाव अभियान चला रही है. स्थानीय लोगों ने एनडीआरएफ को मलबे के अंदर जीवित व्यक्तियों के बारे में सूचित किया, जिसके बाद जूली और रोमियो को जीवित पीड़ितों का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जिसमें वे सफल हुए हैं.