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आदित्य ठाकरे की बढ़ सकती है मुसीबत : NCPCR ने मुंबई पुलिस को भेजा नोटिस

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की मुसीबत बढ़ सकती है. आरे बचाओ प्रदर्शन के दौरान बच्चों का इस्तेमाल करने के आरोप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मुंबई पुलिस को नोटिस भेजा है.

Aditya Thackeray
आदित्य ठाकरे
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Published : Jul 11, 2022, 4:28 PM IST

मुंबई : बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली शीर्ष संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 'आरे वन बचाओ' अभियान में कथित तौर पर बच्चों का इस्तेमाल करने के लिए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मुंबई पुलिस को एक नोटिस भेजा है. नोटिस के अनुसार, उसे एक शिकायत मिली है जिसमें कहा गया है कि मुंबई जिला फुटबाल संघ के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शिव सेना के युवा प्रकोष्ठ युवा सेना में, 'आरे बचाओ' प्रदर्शनों में और राजनीतिक अभियानों में नाबालिगों का इस्तेमाल किया है.

उसने ट्विटर का एक लिंक भी साझा किया जिसमें प्रदर्शन के दौरान बच्चे हाथ में तख्तियां लिए खड़े हैं. आयोग ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए आयोग आरोपी के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके मामले की जांच करने का अनुरोध करता है. इसमें कहा गया, 'इस पत्र के प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट, प्राथमिकी की प्रति और बच्चों के बयान आयोग को सौंपे जाएं....'

पढ़ें- शिंदे मंत्रिमंडल का पहला फैसला- अब आरे कॉलोनी में बनेगा मेट्रो कार शेड

मुंबई : बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली शीर्ष संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 'आरे वन बचाओ' अभियान में कथित तौर पर बच्चों का इस्तेमाल करने के लिए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मुंबई पुलिस को एक नोटिस भेजा है. नोटिस के अनुसार, उसे एक शिकायत मिली है जिसमें कहा गया है कि मुंबई जिला फुटबाल संघ के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शिव सेना के युवा प्रकोष्ठ युवा सेना में, 'आरे बचाओ' प्रदर्शनों में और राजनीतिक अभियानों में नाबालिगों का इस्तेमाल किया है.

उसने ट्विटर का एक लिंक भी साझा किया जिसमें प्रदर्शन के दौरान बच्चे हाथ में तख्तियां लिए खड़े हैं. आयोग ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए आयोग आरोपी के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके मामले की जांच करने का अनुरोध करता है. इसमें कहा गया, 'इस पत्र के प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट, प्राथमिकी की प्रति और बच्चों के बयान आयोग को सौंपे जाएं....'

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