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छत्तीसगढ़ : नक्सलियों ने फैक्ट्री में घुसकर की अंधाधुंध फायरिंग, मुंशी का गला रेता

छत्तीसगढ़क के नारायणपुर में छोटेडोंगर क्षेत्र के निको जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान (iron ore mine) में नक्सलियों ने हमला कर दिया. यहां काम में लगी गाड़ियों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया. नक्सलियों ने यहां काम करने वाले मुंशी की हत्या भी कर दी.

छोटेडोंगर में नक्सली हमला
छोटेडोंगर में नक्सली हमला
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Published : Jul 3, 2021, 10:51 PM IST

नारायणपुर : छोटेडोंगर क्षेत्र के निको जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान (iron ore mine) में नक्सलियों ने हमला कर दिया. नारायणपुर-ओरछा मार्ग स्थित आमदई खदान (amdai mines) में शनिवार की सुबह बड़ी संख्या में नक्सली वहां पहुंचे. खदान की सुरक्षा में लगी फोर्स के कैंप पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. नक्सलियों ने खदान में चार चेन माउंटेन मशीन और दो हाइवा को आग के हवाले कर दिया.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौके पर काम करवा रहे मुंशी की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी. वहीं एक अन्य सुपरवाइजर की डंडों से पिटाई होने से गंभीर रूप से घायल होने की भी जानकारी बताई जा रही है, लोगों का कहना है कि 100 से 200 की संख्या में आए नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

मुंशी की गला रेतकर की हत्या

आमदई खदान की पहाड़ी पर आयरन खुदाई का काम (iron excavation work) चल रहा था. लौह अयस्क खनन (iron ore mining) की सुरक्षा में एक कैंप की स्थापना की गई है. घाटी के कैंप से कुछ किलोमीटर की दूरी पर खनन कार्य में चार चेन माउंटेन और दो हाइवा लगी थीं. जिसके ऑपरेटर सहित 15 लोग काम कर रहे थे. इस बीच अचानक नक्सली पहुंचे. नक्सलियों ने सभी वाहनों को आग के हवाले कर दिया और मुंशी की गला रेतकर हत्या कर दी. इसके बाद बाकी ऑपरेटर और मजदूरों को पहाड़ी की दूसरी तरफ से उतरकर चले जाने को कहा. जिसके बाद छोटेडोंगर पहुंचे मजदूर काफी दहशत में थे.

यह भी पढ़े-कोरोना से ठीक हुए मरीजों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी

एएसपी ने की पुष्टि

जिले के एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर (Additional SP Neeraj Chandrakar) ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है. नक्सलियों ने खदान पर हमला किया था. तीन आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) भी किए. फिलहाल इलाके में सर्च अभियान जारी है.

खदान का हो चुका है विरोध

आमदई स्थित आयरन ओर खदान बहुत लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी को आवंटित की गई थी. खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैंप भी बनाया गया है. इसी साल जनवरी महीने में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों ने खदान और कैंप के विरोध में यहां प्रदर्शन किया था. दस साल पहले भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी.

नारायणपुर : छोटेडोंगर क्षेत्र के निको जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान (iron ore mine) में नक्सलियों ने हमला कर दिया. नारायणपुर-ओरछा मार्ग स्थित आमदई खदान (amdai mines) में शनिवार की सुबह बड़ी संख्या में नक्सली वहां पहुंचे. खदान की सुरक्षा में लगी फोर्स के कैंप पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. नक्सलियों ने खदान में चार चेन माउंटेन मशीन और दो हाइवा को आग के हवाले कर दिया.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौके पर काम करवा रहे मुंशी की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी. वहीं एक अन्य सुपरवाइजर की डंडों से पिटाई होने से गंभीर रूप से घायल होने की भी जानकारी बताई जा रही है, लोगों का कहना है कि 100 से 200 की संख्या में आए नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

मुंशी की गला रेतकर की हत्या

आमदई खदान की पहाड़ी पर आयरन खुदाई का काम (iron excavation work) चल रहा था. लौह अयस्क खनन (iron ore mining) की सुरक्षा में एक कैंप की स्थापना की गई है. घाटी के कैंप से कुछ किलोमीटर की दूरी पर खनन कार्य में चार चेन माउंटेन और दो हाइवा लगी थीं. जिसके ऑपरेटर सहित 15 लोग काम कर रहे थे. इस बीच अचानक नक्सली पहुंचे. नक्सलियों ने सभी वाहनों को आग के हवाले कर दिया और मुंशी की गला रेतकर हत्या कर दी. इसके बाद बाकी ऑपरेटर और मजदूरों को पहाड़ी की दूसरी तरफ से उतरकर चले जाने को कहा. जिसके बाद छोटेडोंगर पहुंचे मजदूर काफी दहशत में थे.

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एएसपी ने की पुष्टि

जिले के एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर (Additional SP Neeraj Chandrakar) ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है. नक्सलियों ने खदान पर हमला किया था. तीन आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) भी किए. फिलहाल इलाके में सर्च अभियान जारी है.

खदान का हो चुका है विरोध

आमदई स्थित आयरन ओर खदान बहुत लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी को आवंटित की गई थी. खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैंप भी बनाया गया है. इसी साल जनवरी महीने में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों ने खदान और कैंप के विरोध में यहां प्रदर्शन किया था. दस साल पहले भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी.

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