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राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव 28 अक्टूबर से रायपुर में, कई देश लेंगे भाग - chattisgarh

रायपुर में 28 अक्टूबर से होने होने वाले तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव आयोजित किया गया है. उत्सव में उज्बेकिस्तान, नाइजीरिया, श्रीलंका, युगांडा, सीरिया, माली, फिलिस्तीन और किंगडम ऑफ एस्वातिनी सहित देशों के कलाकार भाग लेंगे.

राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव
राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव
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Published : Oct 25, 2021, 3:36 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने सोमवार को बताया कि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय नृत्य समूह 28 अक्टूबर से रायपुर में होने वाले राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में हिस्सा लेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार की पर्यटन विकास योजना के तहत आयोजित तीन दिवसीय उत्सव में उज्बेकिस्तान, नाइजीरिया, श्रीलंका, युगांडा, सीरिया, माली, फिलिस्तीन सहित देशों के विविध आदिवासी समुदायों के कलाकार भाग लेंगे.

इस दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरिया, कोरबा, बिलासपुर, गरियाबंध, मैनपुर, धुरा, धमतरी, सरगुजा और जशपुर के कलाकार अपना विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपराएं पेश करेंगे. बोर्ड ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भारत की कई स्वदेशी जनजातियों का घर है, जो राज्य की जीवंत संस्कृति में योगदान करते हैं, जिस पर हमें बहुत गर्व है.

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बयान में कहा, राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को बढ़ावा देगा और इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के आदिवासी जीवन की समृद्धि और विविधता को दुनिया को दिखाया जाएगा.

इससे पहले 2019 में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव के पहले संस्करण में भारत के 25 राज्यों और छह अतिथि देशों के आदिवासी समुदायों ने भाग लिया था. इस दौरान एक लाख से अधिक लोग मौजूद थे. लेकिन इस वर्ष महोत्सव में 27 राज्यों में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की जनजातियों के विशेष नृत्य रूप शामिल होंगे. नृत्य प्रदर्शन दो श्रेणियों विवाह समारोहों और अन्य प्रमुख अनुष्ठानों में आयोजित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें - भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है एकता : नितिन गडकरी

उत्सव के दौरान आदिवासी कला और संस्कृति को उजागर करने के अलावा आदिवासी समुदायों के आर्थिक विकास की पहल पर भी चर्चा होगी. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कुल आबादी में आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा है. उत्सव का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति के मूर्त और अमूर्त भागों को बढ़ावा देने वाली पहल को विकसित करने के अलावा आदिवासी विरासत को संरक्षित करना है.

इस संबंध में प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एक अनूठा उत्सव है जो न केवल विभिन्न आदिवासी नृत्य रूपों का प्रदर्शन करेगा बल्कि हमारी आदिवासी परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी मदद करेगा. आयोजन के दौरान आगंतुकों को छत्तीसगढ़ के मनोरम आदिवासी व्यंजनों का आनंद लेने, आदिवासी के पहनावे के अलावा आदिवासी हस्तशिल्प के बारे में जानकारी मिल सकेगी. महोत्सव का समापन 30 अक्टूबर को होगा.

(पीटीआई)

रायपुर : छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने सोमवार को बताया कि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय नृत्य समूह 28 अक्टूबर से रायपुर में होने वाले राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में हिस्सा लेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार की पर्यटन विकास योजना के तहत आयोजित तीन दिवसीय उत्सव में उज्बेकिस्तान, नाइजीरिया, श्रीलंका, युगांडा, सीरिया, माली, फिलिस्तीन सहित देशों के विविध आदिवासी समुदायों के कलाकार भाग लेंगे.

इस दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरिया, कोरबा, बिलासपुर, गरियाबंध, मैनपुर, धुरा, धमतरी, सरगुजा और जशपुर के कलाकार अपना विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपराएं पेश करेंगे. बोर्ड ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भारत की कई स्वदेशी जनजातियों का घर है, जो राज्य की जीवंत संस्कृति में योगदान करते हैं, जिस पर हमें बहुत गर्व है.

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बयान में कहा, राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को बढ़ावा देगा और इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के आदिवासी जीवन की समृद्धि और विविधता को दुनिया को दिखाया जाएगा.

इससे पहले 2019 में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव के पहले संस्करण में भारत के 25 राज्यों और छह अतिथि देशों के आदिवासी समुदायों ने भाग लिया था. इस दौरान एक लाख से अधिक लोग मौजूद थे. लेकिन इस वर्ष महोत्सव में 27 राज्यों में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की जनजातियों के विशेष नृत्य रूप शामिल होंगे. नृत्य प्रदर्शन दो श्रेणियों विवाह समारोहों और अन्य प्रमुख अनुष्ठानों में आयोजित किया जाएगा.

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उत्सव के दौरान आदिवासी कला और संस्कृति को उजागर करने के अलावा आदिवासी समुदायों के आर्थिक विकास की पहल पर भी चर्चा होगी. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कुल आबादी में आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा है. उत्सव का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति के मूर्त और अमूर्त भागों को बढ़ावा देने वाली पहल को विकसित करने के अलावा आदिवासी विरासत को संरक्षित करना है.

इस संबंध में प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एक अनूठा उत्सव है जो न केवल विभिन्न आदिवासी नृत्य रूपों का प्रदर्शन करेगा बल्कि हमारी आदिवासी परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी मदद करेगा. आयोजन के दौरान आगंतुकों को छत्तीसगढ़ के मनोरम आदिवासी व्यंजनों का आनंद लेने, आदिवासी के पहनावे के अलावा आदिवासी हस्तशिल्प के बारे में जानकारी मिल सकेगी. महोत्सव का समापन 30 अक्टूबर को होगा.

(पीटीआई)

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