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राष्ट्रीय ध्वज को फहराने साथ उसका सम्मान किया जाना चाहिए : जान्हवी बहल

देश भर में हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) को लेकर में लोगों में काफी उत्साह है और इसको लेकर तैयारियां भी जोर-शोर से की जा रही हैं. इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता जान्हवी बहल (Jhanvi Behal) का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज को सभी को अपने घरों पर फहराना चाहिए लेकिन ध्वज का अनादर नहीं होना चाहिए. उसके सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Aug 4, 2022, 8:57 PM IST

चंडीगढ़ : आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं और अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है. इस अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा देशवासियों से तीन दिन के लिए तिरंगा लहराने की अपील की गई है. इसी के मद्देनजर पूरे देश में तैयारियां की जा रही हैं. वहीं तिरंगे को लेकर लोगों को विशेष ध्यान रखने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है क्योंकि हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी देश की आन बान का प्रतीक है. इसका किसी भी प्रकार से अनादर बर्दाश्त करने लायक नहीं है, यहां तक के इसका अपमान करने वाले को जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान है. इसी क्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जान्हवी बहल (Jhanvi Behal) ने लोगों से अपील की है कि वह तिरंगा तो फहराएं लेकिन साथ में उसके रखरखाव का भी ध्यान जरूर रखें.

तिरंगे का अपमान देश का अपमान : हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान देश के अपमान के रूप में माना जाता है. इसको लेकर 2002 में बनाए गए नए एक्ट एवं संविधान में संशोधित किया गया है कि अगर तिरंगे का किसी भी तरह का अपमान होता है तो उसे देश के अपमान के बराबर ही माना जाएगा और ऐसे में वह शख्स पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. इतना ही नहीं इस मामले में 3 साल की सजा जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. जान्हवी ने बताया है कि तिरंगे के रखरखाव के लिए विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तिरंगा कभी भी उल्टा नहीं किया जाता और ना ही फटा हुआ तिरंगा कभी फहराया जाता है. इसके अलावा तिरंगा बिल्कुल साफ सुथरा होना चाहिए. तीनों रंग पूरे साफ होने चाहिए.

एक रिपोर्ट

देश की आन बान का प्रतीक तिरंगा : देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ना सिर्फ हमारे लोकतंत्र का बल्कि भारत की प्रभुसत्ता के अलावा धर्मनिरपेक्षता और सभी को समानता के दर्जे का प्रतीक है. 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज के अध्ययन के बाद हमारे राष्ट्रीय झंडे को संविधान सभा ने मंजूरी दी थी इसीलिए हमारा तिरंगा देश की आन बान का प्रतीक है. समाज सेविका और देश प्रेमी जान्हवी बहल ने कहा कि हमारी सुरक्षा के लिए देश की सरहदों पर तैनात शहीदों के शव को तिरंगे में इसीलिए लाया जाता है क्योंकि उन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी होती है और तिरंगा उनकी कुर्बानी का प्रतीक है.

लाल चौक पर फहराया था तिरंगा : सामाजिक कार्यकर्ता जान्हवी का तिरंगे के प्रति सम्मान और आदर कई सालों से है. उन्होंने 17 साल की उम्र में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था, उस समय श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा लहराना सीधे तौर पर आतंकवादियों को चैलेंज देने के बराबर था. इसके बावजूद जानवी ने रात के समय लाल चौक में कड़ी सुरक्षा के बावजूद तिरंगा लहराया और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए देशवासियों से अपील की. उन्होंने कहा कि पूरा देश एक है और पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करता है. जानवी ने कहा कि जो भारतवर्ष में रहता है उसके लिए राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान उतना ही जरूरी है जितना एक देश प्रेमी के लिए .

ये भी पढ़ें - सरकार ने झंडा संहिता में किया बदलाव, अब दिन-रात फहराया जा सकता है तिरंगा

चंडीगढ़ : आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं और अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है. इस अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा देशवासियों से तीन दिन के लिए तिरंगा लहराने की अपील की गई है. इसी के मद्देनजर पूरे देश में तैयारियां की जा रही हैं. वहीं तिरंगे को लेकर लोगों को विशेष ध्यान रखने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है क्योंकि हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी देश की आन बान का प्रतीक है. इसका किसी भी प्रकार से अनादर बर्दाश्त करने लायक नहीं है, यहां तक के इसका अपमान करने वाले को जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान है. इसी क्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जान्हवी बहल (Jhanvi Behal) ने लोगों से अपील की है कि वह तिरंगा तो फहराएं लेकिन साथ में उसके रखरखाव का भी ध्यान जरूर रखें.

तिरंगे का अपमान देश का अपमान : हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान देश के अपमान के रूप में माना जाता है. इसको लेकर 2002 में बनाए गए नए एक्ट एवं संविधान में संशोधित किया गया है कि अगर तिरंगे का किसी भी तरह का अपमान होता है तो उसे देश के अपमान के बराबर ही माना जाएगा और ऐसे में वह शख्स पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. इतना ही नहीं इस मामले में 3 साल की सजा जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. जान्हवी ने बताया है कि तिरंगे के रखरखाव के लिए विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तिरंगा कभी भी उल्टा नहीं किया जाता और ना ही फटा हुआ तिरंगा कभी फहराया जाता है. इसके अलावा तिरंगा बिल्कुल साफ सुथरा होना चाहिए. तीनों रंग पूरे साफ होने चाहिए.

एक रिपोर्ट

देश की आन बान का प्रतीक तिरंगा : देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ना सिर्फ हमारे लोकतंत्र का बल्कि भारत की प्रभुसत्ता के अलावा धर्मनिरपेक्षता और सभी को समानता के दर्जे का प्रतीक है. 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज के अध्ययन के बाद हमारे राष्ट्रीय झंडे को संविधान सभा ने मंजूरी दी थी इसीलिए हमारा तिरंगा देश की आन बान का प्रतीक है. समाज सेविका और देश प्रेमी जान्हवी बहल ने कहा कि हमारी सुरक्षा के लिए देश की सरहदों पर तैनात शहीदों के शव को तिरंगे में इसीलिए लाया जाता है क्योंकि उन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी होती है और तिरंगा उनकी कुर्बानी का प्रतीक है.

लाल चौक पर फहराया था तिरंगा : सामाजिक कार्यकर्ता जान्हवी का तिरंगे के प्रति सम्मान और आदर कई सालों से है. उन्होंने 17 साल की उम्र में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था, उस समय श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा लहराना सीधे तौर पर आतंकवादियों को चैलेंज देने के बराबर था. इसके बावजूद जानवी ने रात के समय लाल चौक में कड़ी सुरक्षा के बावजूद तिरंगा लहराया और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए देशवासियों से अपील की. उन्होंने कहा कि पूरा देश एक है और पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करता है. जानवी ने कहा कि जो भारतवर्ष में रहता है उसके लिए राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान उतना ही जरूरी है जितना एक देश प्रेमी के लिए .

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