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राष्ट्रीय महिला आयोग पर मणिपुर मामले में निष्क्रियता का आरोप, मानवाधिकार नेताओं से इस्तीफे की मांग - पीपुल्स वॉच के कार्यकारी निदेशक हेनरी टीफाग्ने

पीपुल्स वॉच के कार्यकारी निदेशक हेनरी टीफाग्ने ने मणिपुर में चल रहे मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग सहित कई अन्य मानवाधिकार निकायों की कड़ी आलोचना की है.

Henri Tifagne, executive director of People's Watch
पीपुल्स वॉच के कार्यकारी निदेशक हेनरी टीफाग्ने
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Published : Aug 1, 2023, 4:07 PM IST

मदुरै: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और यहां के हालात लगातार हिंसक बने हुए हैं. इसे लेकर पीपुल्स वॉच के कार्यकारी निदेशक हेनरी टीफाग्ने ने मणिपुर में चल रहे मुद्दों को संबोधित करने में उनकी कथित निष्क्रियता के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) सहित विभिन्न मानवाधिकार निकायों की आलोचना की है. टीफाग्ने ने इन संगठनों के सभी नेताओं और सदस्यों के तत्काल इस्तीफे का आह्वान किया.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, टीफाग्ने ने बीते मई माह से मणिपुर में हो रही घटनाओं, विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और आदिवासी लोगों को प्रभावित करने वाली घटनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि ये घटनाएं गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन हैं.

जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग और राष्ट्रीय सूचना आयोग सहित कई राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय मानवाधिकार संस्थान ऐसे उल्लंघनों को संबोधित करने के लिए स्थापित किए गए हैं, टीफाग्ने ने उनकी कार्रवाई की कमी पर निराशा व्यक्त की.

मानवाधिकारों का उल्लंघन होने पर इन संस्थानों से तत्परता और स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन टीफाग्ने ने मणिपुर में चल रही अशांति के सामने उनकी कथित निष्क्रियता की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन संगठनों की जिम्मेदारी मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल उपाय करना और प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है.

मदुरै: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और यहां के हालात लगातार हिंसक बने हुए हैं. इसे लेकर पीपुल्स वॉच के कार्यकारी निदेशक हेनरी टीफाग्ने ने मणिपुर में चल रहे मुद्दों को संबोधित करने में उनकी कथित निष्क्रियता के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) सहित विभिन्न मानवाधिकार निकायों की आलोचना की है. टीफाग्ने ने इन संगठनों के सभी नेताओं और सदस्यों के तत्काल इस्तीफे का आह्वान किया.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, टीफाग्ने ने बीते मई माह से मणिपुर में हो रही घटनाओं, विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और आदिवासी लोगों को प्रभावित करने वाली घटनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि ये घटनाएं गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन हैं.

जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग और राष्ट्रीय सूचना आयोग सहित कई राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय मानवाधिकार संस्थान ऐसे उल्लंघनों को संबोधित करने के लिए स्थापित किए गए हैं, टीफाग्ने ने उनकी कार्रवाई की कमी पर निराशा व्यक्त की.

मानवाधिकारों का उल्लंघन होने पर इन संस्थानों से तत्परता और स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन टीफाग्ने ने मणिपुर में चल रही अशांति के सामने उनकी कथित निष्क्रियता की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन संगठनों की जिम्मेदारी मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल उपाय करना और प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है.

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