नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित नया कानून बनने के बाद केजरीवाल सरकार ने नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (NCCSA) की नियमित रूप से बैठक बुलाने का फैसला लिया है. दिल्ली में सर्विसेज को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश में इस अथॉरिटी का जिक्र था. इस अथॉरिटी के गठन के बाद अब तक सिर्फ दो मीटिंग हुई है. यह अध्यादेश अब एक्ट बन चुका है. इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई निर्णय नहीं देती है दिल्ली सरकार ने अथॉरिटी की नियमित बैठक बुलाने का फैसला लिया है.
दिल्ली सरकार की सर्विस विभाग की मंत्री आतिशी ने कहा कि नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी की मीटिंग के गतिरोध खत्म होंगे, अब जल्द अथॉरिटी की मीटिंग बुलाई जाएंगी. दिल्ली की सर्विस विभाग की मंत्री आतिशी ने आदेश जारी करते हुए बताया कि सर्विसेज अथॉरिटी की बैठक कब, कैसे हो, सभी विभागों का अथॉरिटी के साथ समन्वय हो, इसके लिए सरकार सिस्टम बनाएगी.
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आतिशी ने कहा कि पिछले काफी समय से नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक नहीं हुई है. केंद्र सरकार ने भी माना है कि 'सर्विस' दिल्ली की चुनी हुई सरकार का अधिकार क्षेत्र है. इसलिए अध्यादेश में केंद्र सरकार ने ये अधिकार ले लिया था, लेकिन जो विधेयक संसद से पास हुआ और कानून बना उसमें इसका जिक्र नहीं था. अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाई गई है, दिल्ली सरकार चाहती है कि इसकी बैठक कराने के लिए समन्वय और सिस्टम बनाया जाए.
जानिए क्यों हुआ नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी: दिल्ली के लिए बनाए गए नए कानून के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 2023 के लिए एक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी का गठन किया है. दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और सेवा से जुड़े फैसले अब ऑथोरिटी के जरिए होंगे. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रमुख बनाया गया है. लेकिन फैसला बहुमत से होगा. नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह विभाग के सदस्य है. किसी भी विवाद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम होगा. केंद्र के अधीन आने वाले विषयों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में यह अथॉरिटी ग्रुप ए और दिल्ली में सेवा दे रहे दानिक्स अधिकारियों के तबादले नियुक्ति की सिफारिश करेंगी. जिस पर अंतिम मुहर उपराज्यपाल की लगाएंगे.
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