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Narada Jayanti : सृष्टि के पहले पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती पर करें पूजा-विशेष उपाय और स्पेशल फैक्ट

देवर्षि नारद की जयंती इस बार आज 6 मई को है. देवर्षि नारद ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं. नारद जयंती हर साल ज्येष्ठ माह में कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. देवर्षि नारद को सृष्टि का प्रथम पत्रकार माना जाता है. उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में खरताल वाद्य यंत्र है. Narad Jayanti .

devarshi narad special facts
देवर्षि नारद जयंती
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Published : May 6, 2023, 11:00 AM IST

नारद जयंती:आज यानी गुरुवार 6 मई को नारद जयंती है. देवर्षि नारद ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं. देवता होने के कारण ये देवर्षि कहलाते हैं. Narad Jayanti पत्रकारों द्वारा विशेषकर मनाया जाता है. नारद जी विद्वान होने के साथ-साथ अत्यंत तपस्वी भी हैं. नारद जी हमेशा चलते रहते हैं. नारद जी भगवान विष्णु के अनन्य भक्त हैं. हमेशा श्री हरि नारायण की पूजा करना ही उनका ध्येय है. उनकी वीणा को महती के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि नारद जी के श्राप के कारण भगवान राम को माता सीता से वियोग का सामना करना पड़ा था. Narad Jayanti .

नारद जी की भक्ति का रहस्य
कहा जाता है कि वीणा बजाते हुए हरिगुण गाते-बजाते हुए नारद जी ने अपने भक्ति संगीत से तीनों लोकों को मुग्ध कर देते हैं. नारद जी ने ही उर्वशी का विवाह पुरुरवा से कराया. नारदजी ने वाल्मीकि को रामायण लिखने और व्यासजी से भागवत की रचना के लिए प्रेरित किया. वे व्यास, वाल्मीकि और शुकदेव के गुरु हैं. नारद जी ने ध्रुव को भक्ति मार्ग का उपदेश दिया. उनके द्वारा रचित भक्तिसूत्र अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

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देवर्षि नारद जयंती

नारायण नाम का जाप, विष्णु, शिव और लक्ष्मी की करें पूजा
नारद जयंती का दिन भगवान की भक्ति प्राप्त करने का यह सबसे अच्छा दिन है. इस दिन नारायण नाम का जाप करें. श्री विष्णु सहस्त्रनाम और श्री रामचरितमानस का पाठ करें. प्यासों को पानी पिलाएं.मान्यता है कि इस दिन विष्णु पूजन के साथ लक्ष्मी पूजा भी करनी चाहिए. श्री सूक्त और गीता का पाठ करें. अन्न और वस्त्र दान करें. नारद जी ने माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दिन श्री रामचरितमानस, शिव पार्वती विवाह की कथा उन कन्याओं द्वारा पढ़ी और सुनी जाती है जिनका विवाह निश्चित नहीं होता है. भगवान शिव भी नारद की भक्ति से प्रसन्न होते हैं.

इन कार्यों को करने से मिलेगा पुण्य
इस दिन दुर्गासप्तशती का पाठ करने, मां सरस्वती की पूजा करने से आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. इस दिन किसी ब्राह्मण को पीला वस्त्र दान करें. यह महीना बहुत गर्म होता है, इसलिए हर जगह पानी की व्यवस्था करें और छाते का दान करें. अस्पताल में कमजोर मरीजों को ठंडा पानी पिलाएं और फल बांटें. आज का दिन सभी नौ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. नव ग्रहों के बीज मंत्र का जाप कर हवन करें. Narad Jayanti remedies date time significance

इसे भी देखें.. Lunar Eclipse : चंद्रग्रहण का एक महीने तक रहेगा प्रभाव,7 ग्रह प्रभावित होंगे इस चंद्रग्रहण में, इन उपायों से होगी तन-मन-धन की सुरक्षा

नारद जयंती:आज यानी गुरुवार 6 मई को नारद जयंती है. देवर्षि नारद ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं. देवता होने के कारण ये देवर्षि कहलाते हैं. Narad Jayanti पत्रकारों द्वारा विशेषकर मनाया जाता है. नारद जी विद्वान होने के साथ-साथ अत्यंत तपस्वी भी हैं. नारद जी हमेशा चलते रहते हैं. नारद जी भगवान विष्णु के अनन्य भक्त हैं. हमेशा श्री हरि नारायण की पूजा करना ही उनका ध्येय है. उनकी वीणा को महती के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि नारद जी के श्राप के कारण भगवान राम को माता सीता से वियोग का सामना करना पड़ा था. Narad Jayanti .

नारद जी की भक्ति का रहस्य
कहा जाता है कि वीणा बजाते हुए हरिगुण गाते-बजाते हुए नारद जी ने अपने भक्ति संगीत से तीनों लोकों को मुग्ध कर देते हैं. नारद जी ने ही उर्वशी का विवाह पुरुरवा से कराया. नारदजी ने वाल्मीकि को रामायण लिखने और व्यासजी से भागवत की रचना के लिए प्रेरित किया. वे व्यास, वाल्मीकि और शुकदेव के गुरु हैं. नारद जी ने ध्रुव को भक्ति मार्ग का उपदेश दिया. उनके द्वारा रचित भक्तिसूत्र अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

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देवर्षि नारद जयंती

नारायण नाम का जाप, विष्णु, शिव और लक्ष्मी की करें पूजा
नारद जयंती का दिन भगवान की भक्ति प्राप्त करने का यह सबसे अच्छा दिन है. इस दिन नारायण नाम का जाप करें. श्री विष्णु सहस्त्रनाम और श्री रामचरितमानस का पाठ करें. प्यासों को पानी पिलाएं.मान्यता है कि इस दिन विष्णु पूजन के साथ लक्ष्मी पूजा भी करनी चाहिए. श्री सूक्त और गीता का पाठ करें. अन्न और वस्त्र दान करें. नारद जी ने माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दिन श्री रामचरितमानस, शिव पार्वती विवाह की कथा उन कन्याओं द्वारा पढ़ी और सुनी जाती है जिनका विवाह निश्चित नहीं होता है. भगवान शिव भी नारद की भक्ति से प्रसन्न होते हैं.

इन कार्यों को करने से मिलेगा पुण्य
इस दिन दुर्गासप्तशती का पाठ करने, मां सरस्वती की पूजा करने से आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. इस दिन किसी ब्राह्मण को पीला वस्त्र दान करें. यह महीना बहुत गर्म होता है, इसलिए हर जगह पानी की व्यवस्था करें और छाते का दान करें. अस्पताल में कमजोर मरीजों को ठंडा पानी पिलाएं और फल बांटें. आज का दिन सभी नौ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. नव ग्रहों के बीज मंत्र का जाप कर हवन करें. Narad Jayanti remedies date time significance

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