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आईटी छापों के दस्तावेज में कई बड़े चेहरे बेनकाब, 64 लोगों से पूछताछ संभव

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल मामले में कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए हैं. लिस्ट में दिग्विजय सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर और बिसाहूलाल सहित 50 से ज्यादा दिग्गजों के नाम शामिल हैं. आयकर विभाग की एक सूची सामने आई है, जिसमें 64 विधायकों के नाम और उनके आगे राशि लिखी हुई है.

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Published : Dec 19, 2020, 4:19 PM IST

भोपाल : लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां पड़े छापों के मामले में आयकर विभाग की एक सूची सामने आई है. इस सूची में 64 विधायकों के नाम और उनके आगे राशि लिखी हुई है. इसके अलावा कई विभागों के नाम भी इस लिस्ट में लिखे हुए हैं, लेकिन विभागों के मंत्रियों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं.

इसके अलावा कई कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. जिनसे पैसा लिया गया था, तो वहीं तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम के सामने 25-25 लाख रुपये लिखा हुआ है.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

सूची में सरकारी विभागों के नाम, लेकिन मंत्रियों के नहीं
आयकर विभाग की जो सूची सामने आई है, उसमें कई सरकारी विभागों के नाम भी लिखे हुए हैं. जहां से पैसा आया था, लेकिन इनके आगे विभागों के मंत्रियों के नाम नहीं लिखे हुए हैं, जिनमें खास तौर पर पीडब्ल्यूडी विभाग जिसके तत्कालीन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

इस विभाग के आगे 720 लाख रुपये लिखे गए हैं. तो वहीं नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग के तत्कालीन मंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह थे, इस विभाग के आगे भी राशि के रूप में 720 लाख रुपये लिखे गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा विभाग का नाम भी इस सूची में शामिल है, लेकिन तत्कालीन मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम सूची में नहीं है.

दिग्विजय सिंह समेत 64 लोगों से हो सकती है पूछताछ
कमलनाथ सरकार के समय आयकर विभाग के छापों में जो दस्तावेज जब्त किए गए थे. उनमें कई बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है. पहले ही चुनाव आयोग तीन आईपीएस अधिकारियों और एक राज्य सेवा के अधिकारी के नामों का खुलासा कर चुकी है. तो वहीं अब इनकम टैक्स विभाग की एक सूची सामने आई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सज्जन सिंह समेत 64 विधायक और नेता शामिल हैं.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

सूची में सभी विधायकों आईपीएस अफसरों और कारोबारियों के नाम के आगे राशि लिखी हुई है, जिसमें तीन आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार के नाम के आगे 25-25 लाख रुपये की राशि लिखी हुई है.

एक रसीद में बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर हैं, जिसमें लिखा गया है कि पांच लाख रुपये चुनाव खर्च के लिए प्राप्त हुए. वहीं दस्तावेजों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद सिंह के हस्ताक्षर के साथ ही अलग-अलग समय पर तीन करोड़ रुपये की राशि लिखी हुई है. इस मामले में जल्द ही ईओडब्ल्यू एफआईआर भी दर्ज कर सकता है. माना जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जल्द ही लेन-देन को लेकर पूछताछ की जा सकती है.

सूची में कंपनियों और कारोबारियों के नाम
आयकर विभाग की सूची में विधायकों नेताओं और विभागों के अलावा कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी लिखे हुए हैं और उनके आगे राशि भी लिखी हुई है, जिसमें शिवा माइनिंग, मोंटाना, डीजीयाना, नितिन रेड्डी, कार्निवल ग्रुप, पिओ अनिल जी, एम शिखरवार, सिंचाई टाटा, हिमांशू आरकेएम दिल्ली, प्रिज्म सीमेंट, वंडर सीमेंट, लखन तिवारी, एएमआर मोंटाना, एमपी बिरला, दिलीप रघुवंशी और राजेंद्र गुप्ता ट्राइडेंट के नाम शामिल हैं. इन सभी नामों के आगे 200 रुपये से लेकर 5,850 रुपये तक की राशि लिखी हुई है.

पढ़ें- सिक्किम में ड्रग की बड़ी खेप पकड़ी गई, पुलिस अधिकारी समेत पांच गिरफ्तार

64 विधायकों को बांटे गए 4.4 करोड़ रुपये
आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा के संजीव सिंह और रामबाई समेत 64 विधायकों को 4.4 करोड रुपये बांटे गए थे. यह राशि पांच लाख रुपये से लेकर 75 लाख रुपये तक है. बताया जा रहा है कि लोकसभा उम्मीदवारों को भी तीन करोड़ 20 लाख रुपये दिए गए थे. इसके अलावा जिन लोगों को पैसा पहुंचाया गया था, उनसे हस्ताक्षर के साथ जानकारी मांगी गई थी. इन लोगों ने लिखित में दिया था कि पैसा पहुंच गया है. इनमें बिसाहूलाल सिंह, मधु भगत, राजाराम त्रिपाठी और संजीव कुशवाहा के साथ कई लोग शामिल हैं.

कलेक्शन के बाद यहां भेजा गया पैसा
अलग-अलग विभागों और कंपनियों समेत कारोबारियों से पैसा कलेक्शन करने के बाद कई स्थानों पर भेजा गया था. जिनमें दिल्ली में 18 करोड़, भोपाल में 40.50 करोड़, जबलपुर में 15 करोड़, ललित चालानी के पास 39.58 करोड़, धर्मास को 11.50 करोड़, केके को तीन करोड़ रुपये और एआईसीसी को 20 करोड़ रुपये भेजे गए.

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेताओं के सूची में नाम
मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले कई कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए. इन नेताओं के नाम भी आयकर विभाग की सूची में शामिल हैं. जिनमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना, गिर्राज सिंह दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोलिया, प्रदुम लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कासदेकर, मनोज चौधरी समेत बसपा के राम भाई और संजीव सिंह कुशवाह शामिल हैं.

भोपाल : लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां पड़े छापों के मामले में आयकर विभाग की एक सूची सामने आई है. इस सूची में 64 विधायकों के नाम और उनके आगे राशि लिखी हुई है. इसके अलावा कई विभागों के नाम भी इस लिस्ट में लिखे हुए हैं, लेकिन विभागों के मंत्रियों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं.

इसके अलावा कई कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. जिनसे पैसा लिया गया था, तो वहीं तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम के सामने 25-25 लाख रुपये लिखा हुआ है.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

सूची में सरकारी विभागों के नाम, लेकिन मंत्रियों के नहीं
आयकर विभाग की जो सूची सामने आई है, उसमें कई सरकारी विभागों के नाम भी लिखे हुए हैं. जहां से पैसा आया था, लेकिन इनके आगे विभागों के मंत्रियों के नाम नहीं लिखे हुए हैं, जिनमें खास तौर पर पीडब्ल्यूडी विभाग जिसके तत्कालीन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

इस विभाग के आगे 720 लाख रुपये लिखे गए हैं. तो वहीं नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग के तत्कालीन मंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह थे, इस विभाग के आगे भी राशि के रूप में 720 लाख रुपये लिखे गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा विभाग का नाम भी इस सूची में शामिल है, लेकिन तत्कालीन मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम सूची में नहीं है.

दिग्विजय सिंह समेत 64 लोगों से हो सकती है पूछताछ
कमलनाथ सरकार के समय आयकर विभाग के छापों में जो दस्तावेज जब्त किए गए थे. उनमें कई बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है. पहले ही चुनाव आयोग तीन आईपीएस अधिकारियों और एक राज्य सेवा के अधिकारी के नामों का खुलासा कर चुकी है. तो वहीं अब इनकम टैक्स विभाग की एक सूची सामने आई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सज्जन सिंह समेत 64 विधायक और नेता शामिल हैं.

आईटी छापों में मिले दस्तावेज
आईटी छापों में मिले दस्तावेज

सूची में सभी विधायकों आईपीएस अफसरों और कारोबारियों के नाम के आगे राशि लिखी हुई है, जिसमें तीन आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार के नाम के आगे 25-25 लाख रुपये की राशि लिखी हुई है.

एक रसीद में बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर हैं, जिसमें लिखा गया है कि पांच लाख रुपये चुनाव खर्च के लिए प्राप्त हुए. वहीं दस्तावेजों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद सिंह के हस्ताक्षर के साथ ही अलग-अलग समय पर तीन करोड़ रुपये की राशि लिखी हुई है. इस मामले में जल्द ही ईओडब्ल्यू एफआईआर भी दर्ज कर सकता है. माना जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जल्द ही लेन-देन को लेकर पूछताछ की जा सकती है.

सूची में कंपनियों और कारोबारियों के नाम
आयकर विभाग की सूची में विधायकों नेताओं और विभागों के अलावा कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी लिखे हुए हैं और उनके आगे राशि भी लिखी हुई है, जिसमें शिवा माइनिंग, मोंटाना, डीजीयाना, नितिन रेड्डी, कार्निवल ग्रुप, पिओ अनिल जी, एम शिखरवार, सिंचाई टाटा, हिमांशू आरकेएम दिल्ली, प्रिज्म सीमेंट, वंडर सीमेंट, लखन तिवारी, एएमआर मोंटाना, एमपी बिरला, दिलीप रघुवंशी और राजेंद्र गुप्ता ट्राइडेंट के नाम शामिल हैं. इन सभी नामों के आगे 200 रुपये से लेकर 5,850 रुपये तक की राशि लिखी हुई है.

पढ़ें- सिक्किम में ड्रग की बड़ी खेप पकड़ी गई, पुलिस अधिकारी समेत पांच गिरफ्तार

64 विधायकों को बांटे गए 4.4 करोड़ रुपये
आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा के संजीव सिंह और रामबाई समेत 64 विधायकों को 4.4 करोड रुपये बांटे गए थे. यह राशि पांच लाख रुपये से लेकर 75 लाख रुपये तक है. बताया जा रहा है कि लोकसभा उम्मीदवारों को भी तीन करोड़ 20 लाख रुपये दिए गए थे. इसके अलावा जिन लोगों को पैसा पहुंचाया गया था, उनसे हस्ताक्षर के साथ जानकारी मांगी गई थी. इन लोगों ने लिखित में दिया था कि पैसा पहुंच गया है. इनमें बिसाहूलाल सिंह, मधु भगत, राजाराम त्रिपाठी और संजीव कुशवाहा के साथ कई लोग शामिल हैं.

कलेक्शन के बाद यहां भेजा गया पैसा
अलग-अलग विभागों और कंपनियों समेत कारोबारियों से पैसा कलेक्शन करने के बाद कई स्थानों पर भेजा गया था. जिनमें दिल्ली में 18 करोड़, भोपाल में 40.50 करोड़, जबलपुर में 15 करोड़, ललित चालानी के पास 39.58 करोड़, धर्मास को 11.50 करोड़, केके को तीन करोड़ रुपये और एआईसीसी को 20 करोड़ रुपये भेजे गए.

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेताओं के सूची में नाम
मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले कई कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए. इन नेताओं के नाम भी आयकर विभाग की सूची में शामिल हैं. जिनमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना, गिर्राज सिंह दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोलिया, प्रदुम लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कासदेकर, मनोज चौधरी समेत बसपा के राम भाई और संजीव सिंह कुशवाह शामिल हैं.

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