नई दिल्ली : नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पैटन (Nagaland deputy chief minister Y Patton) ने कहा, 'थुइंगलेंग मुइवा (Thuingaleng Muivah) दिल्ली पहुंच गए हैं और वह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने से पहले केंद्र के वार्ताकार एके मिश्रा से मिलेंगे.' (Naga peace talks)
पैटन ने हालांकि कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक मिश्रा के साथ मुइवा की बातचीत के नतीजे पर निर्भर करेगी. उन्होंने कहा कि नगालैंड की सरकार दशकों से चले आ रहे भारत-नगा राजनीतिक विवाद (Indo-Naga political imbroglio) का जल्द से जल्द समाधान चाहती है.
पैटन ने कहा, 'बहुत लंबा समय हो गया है, दशकों से बात चल रही है अब समय आ गया है कि दोनों पक्षों को शांति समझौते को अंतिम रूप देने के लिए आम सहमति बनानी चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि शांति प्रक्रिया का कोई समाधान नहीं होने पर क्या नगालैंड में राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे, पैटन ने कहा, 'समय आने दें हम जल्द ही निर्णय लेंगे.'
गौरतलब है कि नगालैंड में राजनीतिक दल इससे पहले शांति समझौते को अंतिम रूप नहीं देने पर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं.
मुइवा की दिल्ली में मौजूदगी और मिश्रा से मुलाकात के कार्यक्रम से अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही भारत-नगा राजनीतिक विवाद का हल निकल सकता है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशकों पुराने संकट का जल्द समाधान निकालने के लिए निजी पहल की थी. दरअसल, पीएमओ के निर्देश का पालन करते हुए मिश्रा ने फास्ट ट्रैक आधार पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इस साल अप्रैल में मुइवा ने मिश्रा के साथ नगालैंड में एनएससीएन-आईएम के हेब्रोन कैंप में बात की थी. पिछले साल सितंबर से मिश्रा ने तीन बार नागालैंड का दौरा किया और एनएससीएन-आईएम नेताओं, मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Chief Minister Neiphiu Rio) और विभिन्न अन्य हितधारकों के साथ कई बैठकें कीं.
जब से भारत सरकार और एनएससीएन-आईएम ने 1997 में युद्धविराम की घोषणा की, तब से दोनों पक्षों के बीच 80 से अधिक दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, अलग झंडा और अलग संविधान के दो विवादास्पद मुद्दों पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है.
ऐसा माना जाता है कि मुइवा के साथ अपनी बैठक के दौरान मिश्रा सहमत स्थिति के स्टेटस पेपर और फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के सक्षमता क्लॉज दोनों को मिलाकर एक 'कॉमन ड्राफ्ट' पेश कर सकते हैं. 2015 में भारत सरकार और NSCN-IM ने फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में अन्य हितधारकों के साथ सहमत स्थिति पर हस्ताक्षर किए.
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