हैदराबाद /लखनऊ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में रहस्यमय बीमारी से लोग लगातार मर रहे हैं. इसे लेकर योगी सरकार अलर्ट हो गई है. फिरोजाबाद में पिछले 15 दिनों से वायरल और डेंगू बुखार से मरने वालों की संख्या 47 हो गई है. 240 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. वहीं मथुरा में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 50 से ज्यादा अभी भर्ती हैं. इसी तरह से सहारनपुर में 60 से ज्यादा लोग भर्ती बताए जा रहे हैं, जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है. बागपत में भी बीमारी का असर है. 22 लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
दूसरी तरफ, प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी में वायरल फीवर से 100 से अधिक लोगों की जान जाने की खबर पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
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The news of over 100 lives being lost to a viral fever in UP needs immediate attention.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Has the UP government not learnt any lessons from the horrific consequences of its disastrous Covid management in the 2nd wave? 1/2
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उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'क्या यूपी सरकार ने दूसरी लहर में अपने विनाशकारी कोविड प्रबंधन के भयावह परिणामों से कोई सबक नहीं सीखा है?'
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All possible resources should be directed towards providing healthcare to the affected and taking adequate precautions to prevent the disease from spreading. 2/2
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के स्वास्थ्य महानिदेशक वेदव्रत सिंह ने बताया है कि कई लोगों के सैंपल टेस्ट करवाए जा रहे हैं. लखनऊ का केजीएमयू अस्पताल जल्द ही इस पर रिपोर्ट देगा.
कुछ जगहों से खबरें आ रहीं है कि डेंगू और वायरल बुखार में जिस तरह के लक्षण दिखते हैं, वैसे ही लक्षण बीमार व्यक्तियों में पाए गए हैं. कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि यह लैक्टोसपैरोसिस बीमारी की तरह दिख रहा है. यह बीमारी मुख्य रूप से चूहे और सूअर के मूत्र के कारण फैलती है. कोई भी व्यक्ति इसके संपर्क में आता है, तो वह इससे संक्रमित हो जाता है. इनके लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं. यह बीमारी लेप्टोस्पायरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. बरसात के मौसम में यह बीमारी अधिक संक्रामक हो जाती है.
स्वास्थ्य महानिदेशक के हवाले से खबर दी गई है कि डॉक्सीसाइक्लिन दवाई से यह बीमारी ठीक होती है. लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का उपयोग न करें.
फिरोजाबाद से खबरें हैं कि जिलाधिकारी ने मामले में लापरवाही बरतने पर तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है.
इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की 11 सदस्यीय दल फिरोजबाद पहुंच गया है और बुखार के कारणों का पता लगा रहा है. सदर विधायक मनीष असीजा का दावा है कि मरने वालों की संख्या 61 है.
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक स्वास्थ्य (आगरा मंडल) डॉक्टर ए के सिंह ने बताया कि बुधवार शाम तक 41 लोगों की मौत का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद था. उनके अनुसार देर रात्रि तक चार और लोगों की मौत हुई, जिससे रात्रि तक आंकड़ा 45 पहुंच गया था. सिंह का कहना है कि आज दो और बच्चों की डेंगू बुखार से मौत हुई है जिससे जनपद में अब तक डेंगू एवं वायरल बुखार से पीड़ित लोगों का मौत का आंकड़ा आज बृहस्पतिवार दोपहर तक 47 तक पहुंच गया है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ साथ 18 सदस्यीय चिकित्सकीय टीम एवं 11 सदस्यीय आईसीएमआर की टीम ने पीड़ित इलाकों में चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ बुखार के कारणों का भी पता लगाने का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में आईसीएमआर की टीम ने विभिन्न क्षेत्रों से लारवा एकत्रित किए हैं जिनकी जांच की जा रही है, अभी तक आईसीएमआर की टीम की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है.
टीम के सदस्य क्षेत्र में घूम कर बुखार से पीड़ित लोगों से बातचीत कर रही है और उनके लक्षणों के आधार पर उनके नमूले लेकर कर उसके कारणों का भी पता लगा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 अगस्त को फिरोजाबाद पहुंचे थे और बीमारी से पीड़ित लोगों का हाल जानने के साथ-साथ इसे नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे.
राज्य संचारी रोग निदेशक का क्या कहना है
राज्य संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेई के मुताबिक अब तक कुल 44 मौतें बुखार पीड़ितों की फिरोजाबाद में हुई. इसमें 2 में डेंगू की पुष्टि हुई. अन्य मरीजों की जांच भी नहीं हुई थी. मथुरा में 26 बुखार के मरीजों में स्क्रब टाइफस मिला. फिरोजाबाद में बीमारी भयावह हो गई है. अभी भी 297 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं. इन मरीजों की जांच जारी है. डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक बुखार का कारण डेंगू, मलेरिया, स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पेरोसिस पाया जा रहा है.