श्रीनगर : कश्मीर के मुसलमानों ने एक बार फिर भाईचारे की मिसाल पेश की है और संदेश दिया है कि घाटी के लोग मिलजुल कर रहना चाहते हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में पड़ोसी मुसलमानों ने गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार करने में मदद की.
जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम को कुलगाम के काकरन गांव में सुरिंदर सिंह राजपूत का निधन हो गया. सुरिंदर सिंह उन चुनिंदा कश्मीरी पंडितों में शामिल थे, जो 1984 से यहां रहते थे.
जैसे ही राजपूत के निधन की खबर गांव में फैली, मुस्लिम समुदाय के लोग उसका अंतिम संस्कार करने में मदद करने के लिए एक साथ आए. स्थानीय मुसलमानों ने भी उनके ताबूत को कंधा दिया और उनके दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की.
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स्थानीय लोग परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने के लिए सुरिंदर सिंह के घर गए. ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए, एक स्थानीय ने कहा कि राजपूत का निधन हमारे के लिए क्षति है. वह मेरे लिए एक बड़े भाई की तरह थे. मैं अक्सर उनसे मिलने जाता था और विभिन्न मुद्दों पर अपनी सलाह लेता था.
स्थानीय लोगों ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते हमारा यह कर्तव्य था और हमने राजपूत का अंतिम संस्कार करके अपने कर्तव्य का निर्वहन किया.