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जम्मू-कश्मीर : पड़ोसी मुसलमानों ने किया कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार - neighbours perform last rites of kashmiri pandit

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में मुसलानों ने कश्मीर पंडित के अंतिम संस्कार में भाग लिया और भाईचारे की मिसाल पेश की. स्थानीय मुसलमानों ने अर्थी को कंधा दिया और दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था भी की.

कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार
कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार
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Published : Feb 25, 2021, 9:46 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 11:06 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर के मुसलमानों ने एक बार फिर भाईचारे की मिसाल पेश की है और संदेश दिया है कि घाटी के लोग मिलजुल कर रहना चाहते हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में पड़ोसी मुसलमानों ने गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार करने में मदद की.

जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम को कुलगाम के काकरन गांव में सुरिंदर सिंह राजपूत का निधन हो गया. सुरिंदर सिंह उन चुनिंदा कश्मीरी पंडितों में शामिल थे, जो 1984 से यहां रहते थे.

ड़ोसी मुसलमानों ने किया कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार

जैसे ही राजपूत के निधन की खबर गांव में फैली, मुस्लिम समुदाय के लोग उसका अंतिम संस्कार करने में मदद करने के लिए एक साथ आए. स्थानीय मुसलमानों ने भी उनके ताबूत को कंधा दिया और उनके दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की.

पढ़ें- गुजरात नगर निगम चुनाव में जीतने वाली AIMIM की इकलौती गैर मुस्लिम पार्षद बीना परमार

स्थानीय लोग परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने के लिए सुरिंदर सिंह के घर गए. ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए, एक स्थानीय ने कहा कि राजपूत का निधन हमारे के लिए क्षति है. वह मेरे लिए एक बड़े भाई की तरह थे. मैं अक्सर उनसे मिलने जाता था और विभिन्न मुद्दों पर अपनी सलाह लेता था.

स्थानीय लोगों ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते हमारा यह कर्तव्य था और हमने राजपूत का अंतिम संस्कार करके अपने कर्तव्य का निर्वहन किया.

श्रीनगर : कश्मीर के मुसलमानों ने एक बार फिर भाईचारे की मिसाल पेश की है और संदेश दिया है कि घाटी के लोग मिलजुल कर रहना चाहते हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में पड़ोसी मुसलमानों ने गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार करने में मदद की.

जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम को कुलगाम के काकरन गांव में सुरिंदर सिंह राजपूत का निधन हो गया. सुरिंदर सिंह उन चुनिंदा कश्मीरी पंडितों में शामिल थे, जो 1984 से यहां रहते थे.

ड़ोसी मुसलमानों ने किया कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार

जैसे ही राजपूत के निधन की खबर गांव में फैली, मुस्लिम समुदाय के लोग उसका अंतिम संस्कार करने में मदद करने के लिए एक साथ आए. स्थानीय मुसलमानों ने भी उनके ताबूत को कंधा दिया और उनके दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की.

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स्थानीय लोग परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने के लिए सुरिंदर सिंह के घर गए. ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए, एक स्थानीय ने कहा कि राजपूत का निधन हमारे के लिए क्षति है. वह मेरे लिए एक बड़े भाई की तरह थे. मैं अक्सर उनसे मिलने जाता था और विभिन्न मुद्दों पर अपनी सलाह लेता था.

स्थानीय लोगों ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते हमारा यह कर्तव्य था और हमने राजपूत का अंतिम संस्कार करके अपने कर्तव्य का निर्वहन किया.

Last Updated : Feb 25, 2021, 11:06 PM IST
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