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मुस्लिम कारीगरों ने बनायी अयोध्या में राम मंदिर की चौखट

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Published : Jul 16, 2022, 9:24 PM IST

रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तेजी से हो रहा है. चलिए जानते हैं कि मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं हो रहीं हैं?

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अयोध्या में राम मंदिर

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में प्रभु श्री रामलला का मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर निर्माण में बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से रामलला का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. वहीं, रामलला के मंदिर में गर्भगृह को लेकर 14 दरवाजे होंगे. अब इन दरवाजों को लगाए जाने के लिए मकराना मार्बल चौखट और बाजू बनाए जाएंगे. इनकी नक्काशी मुस्लिम समाज के लोगों ने की है. यह चौखट बाजू रामजन्म कार्यशाला में आकर रख चुके हैं. अब मंदिर निर्माण के साथ इन्हीं चौखट बाजू से रामलला के मंदिर का गर्भगृह द्वार और 13 अन्य द्वार की चौखट बनाए जाएंगे. हालांकि इसके लिए लकड़ी का भी चयन किया जाना है.

समय-समय पर ट्रस्ट के पदाधिकारी कर रहे हैं निर्माण कार्य की समीक्षा

हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि बहराइच के जंगलों से शीशम और साखू तथा पड़ोसी जनपद गोंडा के मनकापुर के जंगलों से सागौन के सैंपल मंगाए गए हैं. कार्यदाई संस्था और इंजीनियर इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं कि किस लकड़ी से रामलला के मंदिर के दरवाजे बनवाए जाएंगे.

जानकारी देते हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा.

इसे भी पढ़ेंः तय समय के अंदर ही गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे रामलला: गोविंद देव गिरी महाराज

दरअसअल, रामलला के मंदिर आंदोलन के दरमियां 1990 से ही राम जन्म की कार्यशाला बनाई गई. जहां पर बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को तराश कर के मंदिर निर्माण के लिए रखा गया था. अहिल्या रूपी पत्थरों का वनवास लगभग तीन दशक बाद खत्म हुआ. रामलला का बहुप्रतीक्षित भव्य मंदिर बनना शुरू हो चुका है और 2024 जनवरी में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए. ऐसे में मंदिर की भव्यता को लेकर लगातार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्य कर रहा है.

समय-समय पर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में कार्यदाई संस्था के लोग मंदिर निर्माण को लेकर मंथन करते हैं. जिसमें इंजीनियर और वैज्ञानिकों की भी राय ली जाती है. ट्रस्ट की मंशा है कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद बनाए जा रहे हैं. रामलला का मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहे, इसमें वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्राकृतिक आपदाओं से भी मंदिर सुरक्षित रहेगा. अब मंदिर के निर्माण कार्य में लगाए जाने वाले सामान भी उच्च गुणवत्ता वाले हैं.

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अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में प्रभु श्री रामलला का मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर निर्माण में बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से रामलला का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. वहीं, रामलला के मंदिर में गर्भगृह को लेकर 14 दरवाजे होंगे. अब इन दरवाजों को लगाए जाने के लिए मकराना मार्बल चौखट और बाजू बनाए जाएंगे. इनकी नक्काशी मुस्लिम समाज के लोगों ने की है. यह चौखट बाजू रामजन्म कार्यशाला में आकर रख चुके हैं. अब मंदिर निर्माण के साथ इन्हीं चौखट बाजू से रामलला के मंदिर का गर्भगृह द्वार और 13 अन्य द्वार की चौखट बनाए जाएंगे. हालांकि इसके लिए लकड़ी का भी चयन किया जाना है.

समय-समय पर ट्रस्ट के पदाधिकारी कर रहे हैं निर्माण कार्य की समीक्षा

हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि बहराइच के जंगलों से शीशम और साखू तथा पड़ोसी जनपद गोंडा के मनकापुर के जंगलों से सागौन के सैंपल मंगाए गए हैं. कार्यदाई संस्था और इंजीनियर इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं कि किस लकड़ी से रामलला के मंदिर के दरवाजे बनवाए जाएंगे.

जानकारी देते हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा.

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दरअसअल, रामलला के मंदिर आंदोलन के दरमियां 1990 से ही राम जन्म की कार्यशाला बनाई गई. जहां पर बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को तराश कर के मंदिर निर्माण के लिए रखा गया था. अहिल्या रूपी पत्थरों का वनवास लगभग तीन दशक बाद खत्म हुआ. रामलला का बहुप्रतीक्षित भव्य मंदिर बनना शुरू हो चुका है और 2024 जनवरी में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए. ऐसे में मंदिर की भव्यता को लेकर लगातार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्य कर रहा है.

समय-समय पर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में कार्यदाई संस्था के लोग मंदिर निर्माण को लेकर मंथन करते हैं. जिसमें इंजीनियर और वैज्ञानिकों की भी राय ली जाती है. ट्रस्ट की मंशा है कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद बनाए जा रहे हैं. रामलला का मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहे, इसमें वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्राकृतिक आपदाओं से भी मंदिर सुरक्षित रहेगा. अब मंदिर के निर्माण कार्य में लगाए जाने वाले सामान भी उच्च गुणवत्ता वाले हैं.

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