जामताड़ा: मुंबई पुलिस ने सोमवार को जामताड़ा साइबर थाना पुलिस की मदद से करमाटांड़ थाना क्षेत्र में छापेमारी कर तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 13 मोबाइल फोन बरामद किया है. 1.77 लाख की साइबर ठगी के मामले में मुंबई पुलिस ने यह कार्रवाई की है. साइबर ठगों को गिरफ्तार करने के बाद मुंबई पुलिस साइबर अपराधियों को पहले न्यायालय में पेश किया इसके बाद कोर्ट के आदेश पर अपने साथ ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई है.
करमाटांड़ के कुरवा गांव से पकड़े गए तीनों साइबर अपराधीः जानकारी के अनुसार साइबर अपराधियों की तलाश में मुंबई (महाराष्ट्र) की कांदिवली थाना की पुलिस जामताड़ा पहुंची थी. मुंबई पुलिस ने जामताड़ा पुलिस के सहयोग से करमाटांड़ थाना क्षेत्र के कुरवा गांव में छापेमारी की. जहां से तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. पकड़े गए साइबर अपराधियों में गुलजार, शहीद और सरफराज शामिल हैं. बताया जाता है कि पुलिस ने जो 13 मोबाइल फोन बरामद किया है उसका उपयोग साइबर अपराधी ठगी के लिए करते थे.
मुंबई में 1.77 लाख की ठगी का है मामलाः बताते चलें कि मुंबई के कांदिवली थाना में है 1.77 लाख की ठगी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मुंबई पुलिस की टीम ने बताया कि कांदिवली थाना में कांड संख्या 243/ 23 भादवि की धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. केस के अनुसंधान के क्रम में अपराधियों का लोकेशन जामताड़ा मिला. मोबाइल लोकेशन के आधार पर तीनों साइबर अपराधी पकड़े गए.
कुरियर सर्विस के नाम पर की थी साइबर ठगीः पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने कुरियर सर्विस के नाम पर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. मुंबई पुलिस के अनुसार पकड़े गए साइबर अपराधियों ने कुरियर सर्विस के नाम पर फर्जी मैसेज भेज कर लिंक भेजा था और बैंक अकाउंट से राशि निकाल ली थी.हालांकि पूरे मामले पर मुंबई पुलिस ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
जामताड़ा साइबर पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कसने में विफलः जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस साइबर अपराधियों पर नकेल कसने में विफल साबित हो रही है. आए दिन यहां दूसरे राज्यों की पुलिस छापेमारी करने पहुंचती है और साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर ले जाती है. लेकिन स्थानीय पुलिस साइबर अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में स्थानीय लोग यहां साइबर थाना खोले जाने के उद्देश्य पर सवाल उठा रहे हैं. बताते चलें कि लगातार दो दिनों तक छापेमारी के बाद जामताड़ा पुलिस को यह सफलता मिली है.