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परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया

उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज रंगदारी के एक कथित मामले में यहां एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया. इस सप्ताह सिंह के खिलाफ ऐसा यह दूसरा आदेश है.

मुंबई कोर्ट ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह
मुंबई कोर्ट ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह
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Published : Oct 30, 2021, 7:10 PM IST

मुंबई: उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज रंगदारी के एक कथित मामले में यहां एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया. इस सप्ताह सिंह के खिलाफ ऐसा यह दूसरा आदेश है. मंगलवार को, पड़ोसी ठाणे की एक अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के एक और मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि उसने एनबीडब्ल्यू जारी करने के लिए मुंबई की अदालत का दरवाजा खटखटाया क्योंकि सिंह ने जांच में शामिल होने के लिए उसके समन का जवाब नहीं दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिंह को दो बार समन जारी किया गया था, एक बार यहां उनके आधिकारिक आवास पर और दूसरा उनके चंडीगढ़ पते पर. अदालत ने कारोबारी विनय सिंह और कथित गैंगस्टर रियाज भाटी के खिलाफ भी वारंट जारी किया. गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज मामले में सिंह के अलावा बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे भी आरोपी है. शिकायतकर्ता, बिल्डर-होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि सिंह और अन्य ने उससे जबरन वसूली की कोशिश की थी.

ये भी पढ़े- भारत में कोविड टीके की तीसरी खुराक जरूरी है या नहीं, जानें विशेषज्ञों की राय

दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक एसयूवी मिली थी जिसमें विस्फोटक थे और मामले में सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था. सिंह ने बाद में महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

आईपीएस अधिकारी को महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, और अकोला के एक पुलिस अधिकारी द्वारा उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने हाल में बम्बई उच्च न्यायालय से कहा था कि उसे सिंह के ठिकाने की जानकारी नहीं है.

मुंबई: उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज रंगदारी के एक कथित मामले में यहां एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया. इस सप्ताह सिंह के खिलाफ ऐसा यह दूसरा आदेश है. मंगलवार को, पड़ोसी ठाणे की एक अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के एक और मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि उसने एनबीडब्ल्यू जारी करने के लिए मुंबई की अदालत का दरवाजा खटखटाया क्योंकि सिंह ने जांच में शामिल होने के लिए उसके समन का जवाब नहीं दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिंह को दो बार समन जारी किया गया था, एक बार यहां उनके आधिकारिक आवास पर और दूसरा उनके चंडीगढ़ पते पर. अदालत ने कारोबारी विनय सिंह और कथित गैंगस्टर रियाज भाटी के खिलाफ भी वारंट जारी किया. गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज मामले में सिंह के अलावा बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे भी आरोपी है. शिकायतकर्ता, बिल्डर-होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि सिंह और अन्य ने उससे जबरन वसूली की कोशिश की थी.

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दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक एसयूवी मिली थी जिसमें विस्फोटक थे और मामले में सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था. सिंह ने बाद में महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

आईपीएस अधिकारी को महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, और अकोला के एक पुलिस अधिकारी द्वारा उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने हाल में बम्बई उच्च न्यायालय से कहा था कि उसे सिंह के ठिकाने की जानकारी नहीं है.

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