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मडवर्क आर्टिस्ट मजीखान मुतवा को मिला कृपाल सिंह शेखावत 2023 अवॉर्ड

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 9:08 PM IST

Mudwork artist Majikhan Mutwa : मडवर्क कलाकार मजीखान मुतवा को शिल्प डिजाइन में नवाचार के लिए कृपाल सिंह शेखावत 2023 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

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कच्छ: गुजरात, कच्छ के पारंपरिक मडवर्क कारीगर माजीखान मुतवा को वर्ष 2023 के लिए शिल्प डिजाइन में नवाचार के लिए कृपालसिंह शेखावत पुरस्कार मिला है. यह अवॉर्ड विशेष रूप से कला शिल्प में डेब्यू के साथ-साथ कला को आगे बढ़ाने के लिए शिल्पकार द्वारा किए गए प्रयासों को सम्मान देना है. इस वर्ष कृपाल सिंह शेखावत अवॉर्ड फंक्शन राजस्थान के जयपुर में आयोजित किया गया. माजी खान मुतवा को 350 साल पुरानी पारंपरिक मडवर्क कला को जीवित रखने के साथ-साथ उसमें नवीनता लाने के लिए चुना गया.

The Kripal Singh Shekhawat 2023 Award
मडवर्क आर्टिस्ट मजीखान मुतवा

बता दें कि जी-20 में वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित: कच्छ के सीमावर्ती क्षेत्र सिनियारो गांव के पारंपरिक मडवर्क कलाकार माजीखान मुतवा ने कच्छ की 350 साल पुरानी कच्छ की मिट्टी से बनी मडवर्क कला को जी-20 में वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया, जब सीमावर्ती क्षेत्र के लोग अपना घर बनाते थे तब वे अपना घर पूरी तरह से मिट्टी से बनाते थे और उस पर प्लास्टर और शीशे का काम करते थे. तभी से पारंपरिक मिट्टी का काम शुरू हुआ. मडवर्क में मिट्टी से अलग-अलग डिजाइन बनाकर घर को बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है.

The Kripal Singh Shekhawat 2023 Award
मडवर्क कलाकार मजीखान मुतवा को मिलता अवॉर्ड

10वीं पास हैं माजिखान
माजिखान मुतवा केवल 10वीं कक्षा पास हैं, उन्होंने गूगल पर सर्च करके कला के बारे में सीखा. मजीखान का जीवन सरल नहीं रहा है और वह एक बैंक के एटीएम में सुरक्षा गार्ड के रूप में भी काम कर चुके हैं. एटीएम में नौकरी के दौरान वह एक कलाकार से प्रेरित हुए और उनकी रुचि इस पारंपरिक कला शिल्प में हुई. इस कला को मजीखान ने अप्रैल 2013 में रोजगार विकल्प के रूप में चुना था और वर्ष 2013 से 2015 तक उन्होंने इस कला के माध्यम से रोजगार पाने के लिए काफी संघर्ष किया. हालांकि, कई बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन मजीखान ने हिम्मत नहीं हारी और अन्य कारीगरों के संपर्क में आए और आगे बढ़े. इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें मिट्टी का काम मिलने लगा और आज उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.

कच्छ के माजी खान मुतवा को अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म से भी अच्छा समर्थन मिला. इसके अलावा उन्हें गूगल की नेशनल मीट के लिए भी चुना गया था. उन्होंने कारीगर क्लिनिक से जुड़ने के बाद 'उत्कृष्ट कारीगर उद्यमी' का गोल्ड अवार्ड भी जीता है. उनके नाम 2 विश्व रिकॉर्ड हैं. जुलाई 2023 में राष्ट्रपति भवन में बनी नई गैलरी में भी माजी खान द्वारा मडवर्क कलेक्शन रखा गया है. गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में आयोजित भारत मंडपम में देशभर की विभिन्न कलाओं और शिल्प की कलाकृतियों को देखने पहुंचे. जिसमें कच्छ के बन्नी के सिनियारो गांव के मिट्टी के कारीगर माजी खान मुतवा को देखकर नरेंद्र मोदी ने उनसे कच्छी भाषा में पूछा, 'कच्ची माडू की आयो?'. जी 20 शिखर सम्मेलन में, 20 से अधिक विभिन्न देशों की हस्तियों ने भारत के कच्छ की कला को देखा और समझा.

यह भी पढ़ें: G20 Summit : 'जीतू भैया' से समझिए जी20 का एजेंडा, लेजर शो, शिल्प बाजार और डिजिटल शो की देखिए झलक

कच्छ: गुजरात, कच्छ के पारंपरिक मडवर्क कारीगर माजीखान मुतवा को वर्ष 2023 के लिए शिल्प डिजाइन में नवाचार के लिए कृपालसिंह शेखावत पुरस्कार मिला है. यह अवॉर्ड विशेष रूप से कला शिल्प में डेब्यू के साथ-साथ कला को आगे बढ़ाने के लिए शिल्पकार द्वारा किए गए प्रयासों को सम्मान देना है. इस वर्ष कृपाल सिंह शेखावत अवॉर्ड फंक्शन राजस्थान के जयपुर में आयोजित किया गया. माजी खान मुतवा को 350 साल पुरानी पारंपरिक मडवर्क कला को जीवित रखने के साथ-साथ उसमें नवीनता लाने के लिए चुना गया.

The Kripal Singh Shekhawat 2023 Award
मडवर्क आर्टिस्ट मजीखान मुतवा

बता दें कि जी-20 में वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित: कच्छ के सीमावर्ती क्षेत्र सिनियारो गांव के पारंपरिक मडवर्क कलाकार माजीखान मुतवा ने कच्छ की 350 साल पुरानी कच्छ की मिट्टी से बनी मडवर्क कला को जी-20 में वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया, जब सीमावर्ती क्षेत्र के लोग अपना घर बनाते थे तब वे अपना घर पूरी तरह से मिट्टी से बनाते थे और उस पर प्लास्टर और शीशे का काम करते थे. तभी से पारंपरिक मिट्टी का काम शुरू हुआ. मडवर्क में मिट्टी से अलग-अलग डिजाइन बनाकर घर को बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है.

The Kripal Singh Shekhawat 2023 Award
मडवर्क कलाकार मजीखान मुतवा को मिलता अवॉर्ड

10वीं पास हैं माजिखान
माजिखान मुतवा केवल 10वीं कक्षा पास हैं, उन्होंने गूगल पर सर्च करके कला के बारे में सीखा. मजीखान का जीवन सरल नहीं रहा है और वह एक बैंक के एटीएम में सुरक्षा गार्ड के रूप में भी काम कर चुके हैं. एटीएम में नौकरी के दौरान वह एक कलाकार से प्रेरित हुए और उनकी रुचि इस पारंपरिक कला शिल्प में हुई. इस कला को मजीखान ने अप्रैल 2013 में रोजगार विकल्प के रूप में चुना था और वर्ष 2013 से 2015 तक उन्होंने इस कला के माध्यम से रोजगार पाने के लिए काफी संघर्ष किया. हालांकि, कई बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन मजीखान ने हिम्मत नहीं हारी और अन्य कारीगरों के संपर्क में आए और आगे बढ़े. इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें मिट्टी का काम मिलने लगा और आज उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.

कच्छ के माजी खान मुतवा को अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म से भी अच्छा समर्थन मिला. इसके अलावा उन्हें गूगल की नेशनल मीट के लिए भी चुना गया था. उन्होंने कारीगर क्लिनिक से जुड़ने के बाद 'उत्कृष्ट कारीगर उद्यमी' का गोल्ड अवार्ड भी जीता है. उनके नाम 2 विश्व रिकॉर्ड हैं. जुलाई 2023 में राष्ट्रपति भवन में बनी नई गैलरी में भी माजी खान द्वारा मडवर्क कलेक्शन रखा गया है. गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में आयोजित भारत मंडपम में देशभर की विभिन्न कलाओं और शिल्प की कलाकृतियों को देखने पहुंचे. जिसमें कच्छ के बन्नी के सिनियारो गांव के मिट्टी के कारीगर माजी खान मुतवा को देखकर नरेंद्र मोदी ने उनसे कच्छी भाषा में पूछा, 'कच्ची माडू की आयो?'. जी 20 शिखर सम्मेलन में, 20 से अधिक विभिन्न देशों की हस्तियों ने भारत के कच्छ की कला को देखा और समझा.

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