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सीएम,डिप्टी सीएम और स्पीकर के बाद अब बुंदेलखंड को मंत्रिमंडल का इंतजार,किसकी खुलेगी किस्मत

Who will minister from Bundelkhand: भाजपा का गढ़ माने जाने वाले बुंदेलखंड को नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं. यहां के दिग्गजों को सीएम ,डिप्टी सीएम जैसा कोई पद नहीं मिलने पर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है लेकिन अब सभी की निगाहें मंत्रिमंडल पर टिकी हैं. बुंदेलखंड के 6 जिलों की बात करें तो हर जिले से मंत्री पद के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है तो किसकी चमकेगी किस्मत.पढ़िए ये खास खबर

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अब बुंदेलखंड को मंत्रिमंडल का इंतजार,किसकी खुलेगी किस्मत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2023, 10:31 PM IST

सागर। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले बुंदेलखंड को नई सरकार से काफी उम्मीदें थी और बुंदेलखंड में ऐसे कई दिग्गज नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद से लेकर उपमुख्यमंत्री और स्पीकर पद के दावेदार हो सकते थे. लेकिन बुंदेलखंड के दिग्गजों और उनके समर्थकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया. इन चारों पदों में से यहां के दिग्गज स्पीकर का पद भी हासिल नहीं कर पाए. अब बुंदेलखंड की सारी उम्मीदें मोहन यादव मंत्रिमंडल पर टिक गयी हैं.

किसकी किस्मत चमकेगी: जहां तक बुंदेलखंड के 6 जिलों की बात करें, तो हर जिले में मंत्री पद से दमदार दावेदार हैं. किस्मत किसकी खुलती है,ये आने वाला वक्त बताएगा, हांलाकि मुख्यमंत्री सहित हुई चार पदों की घोषणा से साफ हो गया है कि वरिष्ठ नेताओं को अब मार्गदर्शक मंडल में भेजा जाएगा और ज्यादातर उनकी किस्मत चमकेगी, जो अब तक मंत्री पद का स्वाद नहीं चख पाए हैं.

सागर के दिग्गजों की उम्मीदों पर फिरा पानी: बुंदेलखंड के एक मात्र संभागीय मुख्यालय सागर की बात करें, तो सागर में भाजपा ने 8 में 7 सीटें जीती हैं जिनमें कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी भूपेन्द्र सिंह और सिंधिया के खास गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. माना जा रहा था कि इन तीनों में से किसी एक नेता को मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री या स्पीकर पद हासिल हो सकता है.

गोपाल भार्गव 9वीं बार जीते: लगातार 9 वीं बार चुनाव लड़े गोपाल भार्गव ने अपने प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री पद का दावा लगातार किया. लेकिन 2003 से लगातार 2023 तक मंत्री रहे गोपाल भार्गव को आखिरकार इन चारों पदों में से कोई पद हासिल नहीं हुआ.मंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं.

भूपेन्द्र सिंह का दावा मजबूत: शिवराज के करीबी भूपेंद्र सिंह पहली बार 2013 में मंत्री बने, फिर कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 2020 में मंत्री बने,इस बार फिर मंत्री पद के दावेदार हैं. अगर मोहन यादव मंत्रीमंडल में शिवराजसिंह का कोटा रहा, तो सबसे मजबूत दावा भूपेन्द्र सिंह का होगा.

गोविंद राजपूत का दावा: ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत कमलनाथ और शिवराज सरकार में परिवहन एवं राजस्व मंत्री रहे. सिंधिया के करीबी होने के कारण इनका दावा मतबूत माना जा रहा है और परिस्थिति में भी इनके पक्ष में नजर आ रही है क्योकिं ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक सिर्फ 6 विधायक चुनाव जीत पाएं हैं. इन 6 लोगों में गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया के करीबी होने के कारण मंत्री बन सकते हैं. वहीं 2023 चुनाव के बाद सागर के दो और विधायक मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. जिनमें सागर से शैलेंद्र जैन चौथी बार विधायक बने हैं और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. वहीं नरयावली से प्रदीप लारिया चौथी बार विधायक बने हैं और अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं.

दमोह से भी हैं उम्मीदें: दमोह के भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि जिले की चारों विधानसभा जीतने के बाद किसी एक विधायक को मंत्री बनने का मौका जरूर मिलेगा. दमोह से मौजूदा विधायकों में सिर्फ जयंत मलैया हैं ,जो मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में जिले के चारों विधायकों का मंत्री पद पर दावा माना जा रहा है. जिले की दमोह विधानसभा से 76 वर्षीय जयंत मलैया 8 दफा विधानसभा चुनाव जीत चुके है और दो बार चुनाव हारे हैं. प्रदेश सरकार में कई दफा मंत्री रह चुके हैं. तीसरी बार हटा विधानसभा से चुनाव जीतीं अनुसूचित वर्ग की उमादेवी खटीक भी मंत्री पद की प्रमुख दावेदार मानी जा रही है. पथरिया विधानसभा से लखन पटेल दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. जबेरा विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने धर्मेंद्र लोधी भी मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं.

क्या पन्ना की चमकेगी किस्मत: बुंदेलखंड के पन्ना जिले की तीन सीटों में से तीनों पर भाजपा ने जीत हासिल की है. पन्ना से चुनाव जीते पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं लेकिन वो दो बार अलग-अलग समय पर शिवराज मंत्रीमंडल में मंत्री रह चुके हैं. वहीं पवई से चुनाव जीते प्रहलाद लोधी की बात करें तो वे दूसरी बार चुनाव जीते हैं. वहीं गुन्नौर विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीते राजेश वर्मा अनुसूचित वर्ग से आते हैं जो मंत्री पद के दावेदार हैं.

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टीकमगढ़ और निवाड़ी से भी दावेदार: टीकमगढ़ जिले की तीन सीटों में से भाजपा को सिर्फ एक सीट जतारा हासिल हुई है. जहां से पूर्व मंत्री हरीशंकर खटीक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जतारा से चुनाव जीते हैं. निवाड़ी जिले की दो सीटों में से भाजपा ने सिर्फ निवाड़ी सीट पर जीत हासिल की है. जहां से अनिल जैन विधायक चुने गए हैं अनिल जैन अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं और तीसरी बार विधायक बने हैं.

छतरपुर से चमकेगी किसकी किस्मत: छतरपुर जिले की 6 विधानसभा में से भाजपा ने पांच विधानसभा में जीत हासिल की है. हांलाकि इन पांचों विधानसभा में मंत्री पद का कोई बड़ा दावेदार नहीं है. वहीं छतरपुर विधानसभा से चुनाव जीती पूर्व मंत्री ललिता यादव का दावा इसलिए कमजोर नजर आ रहा है क्योकिं मुख्यमंत्री ही यादव जाति का बन गया है.

सागर। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले बुंदेलखंड को नई सरकार से काफी उम्मीदें थी और बुंदेलखंड में ऐसे कई दिग्गज नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद से लेकर उपमुख्यमंत्री और स्पीकर पद के दावेदार हो सकते थे. लेकिन बुंदेलखंड के दिग्गजों और उनके समर्थकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया. इन चारों पदों में से यहां के दिग्गज स्पीकर का पद भी हासिल नहीं कर पाए. अब बुंदेलखंड की सारी उम्मीदें मोहन यादव मंत्रिमंडल पर टिक गयी हैं.

किसकी किस्मत चमकेगी: जहां तक बुंदेलखंड के 6 जिलों की बात करें, तो हर जिले में मंत्री पद से दमदार दावेदार हैं. किस्मत किसकी खुलती है,ये आने वाला वक्त बताएगा, हांलाकि मुख्यमंत्री सहित हुई चार पदों की घोषणा से साफ हो गया है कि वरिष्ठ नेताओं को अब मार्गदर्शक मंडल में भेजा जाएगा और ज्यादातर उनकी किस्मत चमकेगी, जो अब तक मंत्री पद का स्वाद नहीं चख पाए हैं.

सागर के दिग्गजों की उम्मीदों पर फिरा पानी: बुंदेलखंड के एक मात्र संभागीय मुख्यालय सागर की बात करें, तो सागर में भाजपा ने 8 में 7 सीटें जीती हैं जिनमें कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी भूपेन्द्र सिंह और सिंधिया के खास गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. माना जा रहा था कि इन तीनों में से किसी एक नेता को मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री या स्पीकर पद हासिल हो सकता है.

गोपाल भार्गव 9वीं बार जीते: लगातार 9 वीं बार चुनाव लड़े गोपाल भार्गव ने अपने प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री पद का दावा लगातार किया. लेकिन 2003 से लगातार 2023 तक मंत्री रहे गोपाल भार्गव को आखिरकार इन चारों पदों में से कोई पद हासिल नहीं हुआ.मंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं.

भूपेन्द्र सिंह का दावा मजबूत: शिवराज के करीबी भूपेंद्र सिंह पहली बार 2013 में मंत्री बने, फिर कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 2020 में मंत्री बने,इस बार फिर मंत्री पद के दावेदार हैं. अगर मोहन यादव मंत्रीमंडल में शिवराजसिंह का कोटा रहा, तो सबसे मजबूत दावा भूपेन्द्र सिंह का होगा.

गोविंद राजपूत का दावा: ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत कमलनाथ और शिवराज सरकार में परिवहन एवं राजस्व मंत्री रहे. सिंधिया के करीबी होने के कारण इनका दावा मतबूत माना जा रहा है और परिस्थिति में भी इनके पक्ष में नजर आ रही है क्योकिं ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक सिर्फ 6 विधायक चुनाव जीत पाएं हैं. इन 6 लोगों में गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया के करीबी होने के कारण मंत्री बन सकते हैं. वहीं 2023 चुनाव के बाद सागर के दो और विधायक मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. जिनमें सागर से शैलेंद्र जैन चौथी बार विधायक बने हैं और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. वहीं नरयावली से प्रदीप लारिया चौथी बार विधायक बने हैं और अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं.

दमोह से भी हैं उम्मीदें: दमोह के भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि जिले की चारों विधानसभा जीतने के बाद किसी एक विधायक को मंत्री बनने का मौका जरूर मिलेगा. दमोह से मौजूदा विधायकों में सिर्फ जयंत मलैया हैं ,जो मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में जिले के चारों विधायकों का मंत्री पद पर दावा माना जा रहा है. जिले की दमोह विधानसभा से 76 वर्षीय जयंत मलैया 8 दफा विधानसभा चुनाव जीत चुके है और दो बार चुनाव हारे हैं. प्रदेश सरकार में कई दफा मंत्री रह चुके हैं. तीसरी बार हटा विधानसभा से चुनाव जीतीं अनुसूचित वर्ग की उमादेवी खटीक भी मंत्री पद की प्रमुख दावेदार मानी जा रही है. पथरिया विधानसभा से लखन पटेल दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. जबेरा विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने धर्मेंद्र लोधी भी मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं.

क्या पन्ना की चमकेगी किस्मत: बुंदेलखंड के पन्ना जिले की तीन सीटों में से तीनों पर भाजपा ने जीत हासिल की है. पन्ना से चुनाव जीते पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं लेकिन वो दो बार अलग-अलग समय पर शिवराज मंत्रीमंडल में मंत्री रह चुके हैं. वहीं पवई से चुनाव जीते प्रहलाद लोधी की बात करें तो वे दूसरी बार चुनाव जीते हैं. वहीं गुन्नौर विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीते राजेश वर्मा अनुसूचित वर्ग से आते हैं जो मंत्री पद के दावेदार हैं.

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टीकमगढ़ और निवाड़ी से भी दावेदार: टीकमगढ़ जिले की तीन सीटों में से भाजपा को सिर्फ एक सीट जतारा हासिल हुई है. जहां से पूर्व मंत्री हरीशंकर खटीक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जतारा से चुनाव जीते हैं. निवाड़ी जिले की दो सीटों में से भाजपा ने सिर्फ निवाड़ी सीट पर जीत हासिल की है. जहां से अनिल जैन विधायक चुने गए हैं अनिल जैन अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं और तीसरी बार विधायक बने हैं.

छतरपुर से चमकेगी किसकी किस्मत: छतरपुर जिले की 6 विधानसभा में से भाजपा ने पांच विधानसभा में जीत हासिल की है. हांलाकि इन पांचों विधानसभा में मंत्री पद का कोई बड़ा दावेदार नहीं है. वहीं छतरपुर विधानसभा से चुनाव जीती पूर्व मंत्री ललिता यादव का दावा इसलिए कमजोर नजर आ रहा है क्योकिं मुख्यमंत्री ही यादव जाति का बन गया है.

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