ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय राजनीति का केंद्र बिंदु ग्वालियर है. यही कारण है कि 21 जुलाई को प्रियंका गांधी चुनावी अभियान की शुरुआत करने आ रही है. सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में प्रियंका गांधी सबसे पहले वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करेगी. उसके बाद चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगी. ऐसा पहला मौका है जब गांधी परिवार का पहला सदस्य वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पहली बार पहुंच रहा है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल है.
सिंधिया के गढ़ प्रियंका क्या करने वाली है: सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक के बड़े नेता डेरा डाले हुए हैं. क्योंकि 21 जुलाई को पहली बार सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में हुंकार भरने के लिए प्रियंका गांधी का दौरा है. इस दौरे को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से भव्य तैयारियां चल रही है. तमाम ऐसी बड़े नेता है जो दिन भर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैठकें आयोजित कर रहे हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के कई बड़े नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है कि प्रियंका गांधी के दौरे को एक ऐतिहासिक दौरा बनाया जाए. इसको लेकर जिले के बड़े नेता को जिम्मेदारी दी गई है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वह अपने साथ लोगों को लेकर आए, ताकि प्रियंका गांधी के द्वारा मध्य प्रदेश की भ्रष्ट सरकार और घोटालेबाज सरकार का चेहरा उजागर हो.
21 जुलाई को आएंगी प्रियंका: प्रियंका गांधी 21 जुलाई को ग्वालियर आएंगी. इस दौरान शहर के मेला ग्राउंड में स्थित एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगी. इसमें बताया जा रहा है कि एक लाख से अधिक की संख्या में भीड़ इकट्ठी होने वाली है. प्रियंका गांधी सुबह 10 बजे नई दिल्ली से प्रस्थान करेंगी और सुबह 11:00 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर उनका आगमन होगा, जहां पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता उनकी अगवानी करने के लिए पहुंचेगी. उसके बाद प्रियंका गांधी 11:30 पर वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल पर पहुंचेंगी, जहां पर वह समाधि पर माथा टेकेगी और उसके बाद पुष्पांजलि अर्पित करेंगी. प्रियंका गांधी समाधि स्थल से सीधे मेला ग्राउंड स्थित सभा स्थल पर पहुंचेगी, जहां पर एक विशाल आम जनसभा को संबोधित करेंगी.
सिंधिया को उनका इतिहास याद दिलाएंगी: प्रियंका गांधी के दौरे में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पहुंचना सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि ऐसा पहली बार देखने में आ रहा है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंच रहा है. इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि "प्रियंका गांधी समाधि स्थल पर पहुंचकर लक्ष्मीबाई का आशीर्वाद लेने और पुष्पांजलि अर्पित कर ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनका इतिहास याद दिलाएंगी. उनका कहना है कि कुछ परिवार ऐसे हैं जिनका वीरांगना से ताल्लुक नहीं है बल्कि अंग्रेजों से रहा है. यही इतिहास को मध्य प्रदेश की जनता को बताने के लिए प्रियंका गांधी आ रही हैं.
गांधी परिवार का वीरांगना से ताल्लुक नहीं अंग्रेजों से रहा: कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का कहना है कि "प्रियंका गांधी सबसे पहले वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंचेंगे और उनका आशीर्वाद लेने के बाद चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे. साथ ही उनका कहना है कि रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी वीरंगना है जिनको नमन करने के लिए हर कोई पहुंचता है लेकिन कुछ परिवार ऐसे हैं जिनका वीरांगना से ताल्लुक नहीं रहा बल्कि अंग्रेजों से रहा है.
राहुल और प्रियंका पर तंज: वहीं प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि "चुनाव आते ही राहुल और प्रियंका मंदिर मस्जिद घूम रहे हैं. लेकिन फिर भी यह सही है कि देर आए दुरुस्त आए. चुनाव के बहाने कम से कम वह वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लेने के लिए जा रहे है. हम उनका स्वागत करते है.