भोपाल। कांग्रेस द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र में शिवराज सरकार के घोटालों की पूरी फेहरिस्त है. आरोप पत्र में सरकार पर 50% कमीशन रेट के भी आरोप लगाए गए हैं. बता दें कि इसी को लेकर शिवराज सरकार ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ 40 से ज्यादा जिलों में एफआईआरदर्ज कराई है. इसके बाद रीवा के एक ठेकेदार की 50 परसेंट कमीशन वाले वायरल वीडियो के बाद कांग्रेस फिर से बीजेपी पर हमलावर हो गई. शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र में कई घोटालों का प्रमुखता से जिक्र किया गया है. ऐसे में ये साफ हो गया है कि कांग्रेस ने घोटालों व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है.
15 हजार करोड़ का पोषण आहार घोटाला : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 49 लाख लाभार्थी कटने के बाद भी शिवराज सरकार में 14100 करोड रुपए खर्च कर डाले. लगभग 11 हजार मैट्रिक टन पोषण आहार बस कागज में बांटा गया. 237 करोड रुपए का 38304 टन खराब पोषण आहार लाखों बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिया गया. कागज पर कुल 1.51 करोड़ लोगों को खाना बांटा गया था. कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने बताया कि प्रदेश के 41205 आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल मिलना शुरू हो गया है लेकिन जांच में पता चला कि सिर्फ 6327 आंगनवाड़ी केंद्रों में ही नल से जल मिल रहा है. सरकार ने 11000 करोड़ रुपए का भुगतान एक गुजराती ठेकेदार को कर दिया.
12 हजार करोड़ का मिडडे मील घोटाला : इस घोटाले में शिवराज सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल पर बताया कि शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या 36 लाख है. जबकि वास्तव में यह संख्या सिर्फ 43 हजार ही थी. शिवराज सरकार ने इस योजना में इतना घोटाला किया कि केंद्र सरकार ने मार्च 2022 में यह योजना ही बंद कर दी. कांग्रेस ने अपने आरोप पत्र में बताया कि मिड डे मील घोटाले के तहत मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की औसत उपस्थिति मात्र 26 प्रतिशत रही और भाजपा सरकार ने 86% से 95% बच्चों को खाना खिला दिया. 2008 से 2022 तक सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घटती गई लेकिन शिवराज सरकार में मिड डे मील का खर्च बढ़ता ही गया.
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आरोप पत्र में घोटाले ही घोटाले : इसके साथ ही कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर 600 करोड़ का गणवेश घोटाला, 2000 करोड़ सर्व शिक्षा अभियान घोटाला, 100 करोड़ स्मार्ट क्लास घोटाला, 2000 करोड़ व्यापमं घोटाला, 3000 करोड़ कौशल विकास घोटाला, 3000 करोड़ कौशल विकास घोटाला, नर्सिंग घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाले जैसे करीब 225 से ज्यादा घोटालों का आरोप पत्र में जिक्र किया है.
सीएम शिवराज को ठगराज बताया : कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह और घोषणा पत्र समिति की अध्यक्ष पारस सकलेचा के साथ आरोप पत्र जारी किया. कमलनाथ ने कहा "शिवराज सिंह चौहान को मैं लोकसभा से जानता हूं. तब मैं उन्हें बड़े प्यार से शिवराज बुलाता था. तब वह शिवराज थे, आज शिवराज नहीं रहे, ठगराज बन गए हैं. शिवराज ने युवाओं, कर्मचारियों से लेकर हर वर्ग को ठगा है. उनकी नियत और नीति ही ठगने की है. हमारे महाकाल मंदिर, गौ माता को भी नहीं छोड़ा. आज हर व्यक्ति प्रदेश का या तो भ्रष्टाचार का शिकार है या फिर भ्रष्टाचार का गवाह है."
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बोले - मैं 2023 का कमलनाथ हूं : जब सवाल किया गया कि सरकार में आने के बाद क्या इन आरोप पत्रों में उल्लेखित किए गए घोटालों की सरकार जांच कराएगी और कार्रवाई होगी तो कमलनाथ ने कहा कि अब कमलनाथ 2018 का मॉडल नहीं है, बल्कि 2023 का मॉडल है. पिछली बार मैं इस रास्ते पर नहीं चला था. मेरी प्राथमिकता थी कि मध्य प्रदेश के किसानों, युवाओं सहित सभी वर्गों के लिए कुछ किया जाए.
वीडी शर्मा ने किया पलटवार : वहीं, कांग्रेस के आरोप पत्र के जवाब में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया. वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ तो खुद करप्शन नाथ के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ 2023 के मॉडल नहीं, बल्कि 1984 के सिख दंगों के मॉडल हैं. कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में जनहितैषी योजनाएं बंद कर दी गईं. वल्लभ भवन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था.