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MP: मांडव से दुर्लभ खुरासानी इमली पेड़ों की 'तस्करी', वन विभाग ने अनुमति दी तो जिला प्रशासन ने रोक लगाई

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Published : May 11, 2023, 10:14 AM IST

Updated : May 11, 2023, 4:50 PM IST

मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडव में पाए जाने वाले अफ्रीकी महाद्वीप के दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की तस्करी जोरों पर है. इन पेड़ों को तस्करी करके हैदराबाद भेजा जा रहा है. बताया जाता है कि हैदराबाद की एजेंसी को वन विभाग ने ये पेड़ काटने की अनुमति दी है. मामला प्रकाश में आने के बाद धार जिला प्रशासन ने जांच के आदेश देकर पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है.

MP Tree Smuggling
धार के मांडव से दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की 'तस्करी
दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की 'तस्करी

इंदौर। दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की कटाई का मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आया है. ETV भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की पता चला कि इन पेड़ों की शिफ्टिंग तेलंगाना के रंगारेड्डी जिला स्थित यूनिक ट्री नामक नर्सरी चलाने वाले वीवी रामाडुगु द्वारा कराई जा रही है. इतना ही नहीं डेढ़ साल पहले इसी नर्सरी ने दावा किया था कि हैदराबाद में विकसित किए जाने वाले बॉटनिकल गार्डन में ये पेड़ लगाए जाएंगे, लेकिन उक्त नर्सरी व्यावसायिक और रेजिडेंशियल लैंडस्कैपिंग के क्षेत्र में सक्रिय पाई गई है.

8 पेड़ काटने की अनुमति दी : नर्सरी संचालकों द्वारा करीब डेढ़ साल पहले स्थानीय स्तर पर मांडव एसडीओ(वन) के जरिए मांडव में निजी भूमि पर लगे 8 पेड़ों को काटने की अनुमति प्राप्त की गई थी. ग्रामीणों का आरोप है कि इस एजेंसी ने 8 पेड़ के स्थान पर 14 पेड़ यहां से काटकर अथवा उखाड़कर हैदराबाद स्थित नर्सरी में शिफ्ट किए. इस बार फिर इसी नर्सरी के संचालक को वन विभाग के एसडीओ ने पेड़ काट कर ले जाने की अनुमति जारी की है. चौंकाने वाली बात यह है कि वन विभाग के ट्रांजिट परमिशन पर सिर्फ मांडव ही नहीं पास के गांव जीरापुरा, धर्मपुरी और धार से लगे कुछ इलाकों के पेड़ पहले ही उखाड़ कर चोरी छुपे ले जाए गए हैं.

khorasani tamarind trees Dhar
ये हैं मांडव से दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़

जिला प्रशासन को नहीं दी जानकारी : अब फिर मांडव में क्रेन पोकलेन मशीन और बड़े ट्राले के जरिए पेड़ों को उखाड़कर हैदराबाद भेजा जा रहा है. वन विभाग ने अनुमति की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी. मांडव में जब पेड़ काटने लगे तो ग्रामीणों ने आपत्ति की. इसके बाद यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया. लिहाजा, धार कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम रोशनी पाटीदार ने मामले की पड़ताल की तो पेड़ कटाई प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाई गई. उन्होंने मांडव में खुरासानी इमली के पेड़ की कटाई पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

ग्रामीणों में रोष : हैदराबाद में बॉटनिकल गार्डन के नाम पर पेड़ कटाई की एजेंसी यूनिक ट्री नामक नर्सरी चलाने वाले वीवी रामाडुगु के कर्मचारी रहमान द्वारा बताया गया कि उन्होंने पेड़ कटाई की अनुमति कलेक्टर धार के माध्यम से प्राप्त की है, जिसमें वन विभाग के एसडीओ ने अनुमति जारी की है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण धीरज चौधरी का कहना है कि ये बहुत दुर्लभ पेड़ हैं. इन पेड़ों की कटाई से यहां के लोगों में गुस्सा है. यहां ऐसे कई पेड़ काटे जा चुके हैं.

khorasani tamarind trees mandav
दुर्लभ खुरासानी इमली पेड़ों की ऐसे हो रही तस्करी

Also Read: ये खबरें भी पढ़ें...

इसलिए दुर्लभ हैं ये पेड़ : Adansonia digitata या अफ्रीकन बाओबाब नामक यह पेड़ अफ्रीका और साउथ अरेबिया मूल का है. इसका पृथ्वी पर इतिहास 2 हजार वर्ष प्राचीन है. इकलौता यही पेड़ है, जिसमें रेडियो कार्बन डेटिंग के गुण हैं. इसके अलावा इस पेड़ का रिहाइड्रेशन के लिहाज से अचूक गुण है. बताया जाता है कि अफ्रीका से ईरान होते हुए रांची, इंदौर में जो मजदूर यहां लाए गए, वह इसके फल का डिहाइड्रेशन से बचने के लिए उपयोग करते थे. क्योंकि अरब देशों से यहां तक आने में उन्हें भीषण गर्मी झेलनी होती थी. खुरासानी इमली के फल में कैल्शियम और अन्य तत्व होते हैं, जिसके कारण इसका औषधि महत्व है. यूरोपीय देशों में इसका एक किलो पाउडर 40 यूरो में बिक रहा है, जिसे ठंडे पानी में घोलकर भी पिया जाता है.

दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की 'तस्करी

इंदौर। दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की कटाई का मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आया है. ETV भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की पता चला कि इन पेड़ों की शिफ्टिंग तेलंगाना के रंगारेड्डी जिला स्थित यूनिक ट्री नामक नर्सरी चलाने वाले वीवी रामाडुगु द्वारा कराई जा रही है. इतना ही नहीं डेढ़ साल पहले इसी नर्सरी ने दावा किया था कि हैदराबाद में विकसित किए जाने वाले बॉटनिकल गार्डन में ये पेड़ लगाए जाएंगे, लेकिन उक्त नर्सरी व्यावसायिक और रेजिडेंशियल लैंडस्कैपिंग के क्षेत्र में सक्रिय पाई गई है.

8 पेड़ काटने की अनुमति दी : नर्सरी संचालकों द्वारा करीब डेढ़ साल पहले स्थानीय स्तर पर मांडव एसडीओ(वन) के जरिए मांडव में निजी भूमि पर लगे 8 पेड़ों को काटने की अनुमति प्राप्त की गई थी. ग्रामीणों का आरोप है कि इस एजेंसी ने 8 पेड़ के स्थान पर 14 पेड़ यहां से काटकर अथवा उखाड़कर हैदराबाद स्थित नर्सरी में शिफ्ट किए. इस बार फिर इसी नर्सरी के संचालक को वन विभाग के एसडीओ ने पेड़ काट कर ले जाने की अनुमति जारी की है. चौंकाने वाली बात यह है कि वन विभाग के ट्रांजिट परमिशन पर सिर्फ मांडव ही नहीं पास के गांव जीरापुरा, धर्मपुरी और धार से लगे कुछ इलाकों के पेड़ पहले ही उखाड़ कर चोरी छुपे ले जाए गए हैं.

khorasani tamarind trees Dhar
ये हैं मांडव से दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़

जिला प्रशासन को नहीं दी जानकारी : अब फिर मांडव में क्रेन पोकलेन मशीन और बड़े ट्राले के जरिए पेड़ों को उखाड़कर हैदराबाद भेजा जा रहा है. वन विभाग ने अनुमति की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी. मांडव में जब पेड़ काटने लगे तो ग्रामीणों ने आपत्ति की. इसके बाद यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया. लिहाजा, धार कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम रोशनी पाटीदार ने मामले की पड़ताल की तो पेड़ कटाई प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाई गई. उन्होंने मांडव में खुरासानी इमली के पेड़ की कटाई पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

ग्रामीणों में रोष : हैदराबाद में बॉटनिकल गार्डन के नाम पर पेड़ कटाई की एजेंसी यूनिक ट्री नामक नर्सरी चलाने वाले वीवी रामाडुगु के कर्मचारी रहमान द्वारा बताया गया कि उन्होंने पेड़ कटाई की अनुमति कलेक्टर धार के माध्यम से प्राप्त की है, जिसमें वन विभाग के एसडीओ ने अनुमति जारी की है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण धीरज चौधरी का कहना है कि ये बहुत दुर्लभ पेड़ हैं. इन पेड़ों की कटाई से यहां के लोगों में गुस्सा है. यहां ऐसे कई पेड़ काटे जा चुके हैं.

khorasani tamarind trees mandav
दुर्लभ खुरासानी इमली पेड़ों की ऐसे हो रही तस्करी

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इसलिए दुर्लभ हैं ये पेड़ : Adansonia digitata या अफ्रीकन बाओबाब नामक यह पेड़ अफ्रीका और साउथ अरेबिया मूल का है. इसका पृथ्वी पर इतिहास 2 हजार वर्ष प्राचीन है. इकलौता यही पेड़ है, जिसमें रेडियो कार्बन डेटिंग के गुण हैं. इसके अलावा इस पेड़ का रिहाइड्रेशन के लिहाज से अचूक गुण है. बताया जाता है कि अफ्रीका से ईरान होते हुए रांची, इंदौर में जो मजदूर यहां लाए गए, वह इसके फल का डिहाइड्रेशन से बचने के लिए उपयोग करते थे. क्योंकि अरब देशों से यहां तक आने में उन्हें भीषण गर्मी झेलनी होती थी. खुरासानी इमली के फल में कैल्शियम और अन्य तत्व होते हैं, जिसके कारण इसका औषधि महत्व है. यूरोपीय देशों में इसका एक किलो पाउडर 40 यूरो में बिक रहा है, जिसे ठंडे पानी में घोलकर भी पिया जाता है.

Last Updated : May 11, 2023, 4:50 PM IST
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