श्रीनगर: अमरनाथ गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर खराब मौसम के बावजूद, यात्रा के 28वें दिन 7,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा में पवित्र शिवलिंग के दर्शन किए, जबकि 2,050 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था शनिवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को शुरू होने के बाद से अब तक 3.77 लाख से अधिक लोग तीर्थयात्रा कर चुके हैं.
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In #Kashmir Valley, the #AmarnathYatra this year has achieved a momentous milestone, surpassing the total number of pilgrims from the previous year. Yesterday, a total of 9,150 Yatris had the privilege of performing darshan at the sacred Cave, contributing to the cumulative… pic.twitter.com/Q6H8QNw6HG
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'शनिवार को 2,050 यात्रियों का एक और जत्था एक सुरक्षा काफिले में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ.' अधिकारियों ने कहा, 'इनमें से 1,618 पुरुष, 357 महिलाएं, 12 बच्चे, 54 साधु और 9 साध्वियां शामिल हैं.' इस साल शुरू होने के बाद से अब तक यात्रा के दौरान 36 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.
गौरतलब है कि पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में तीन से चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इस साल की 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 31 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त होगी.
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इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने 22 जुलाई को अमरनाथ यात्रा की समीक्षा के लिए नुनवान और चंदनवारी बेस कैंप का दौरा किया तथा तीर्थयात्रियों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने नुनवान बेस कैंप में तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की और कतार प्रबंधन की व्यवस्था की समीक्षा की. उपराज्यपाल ने खराब मौसम की स्थिति में यात्रियों के लिए आरामदायक रहने, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, कनेक्टिविटी, स्वच्छता, पानी और अन्य सुविधाओं के लिए किए गए उपायों पर चर्चा की थी.
(आईएएनएस)