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रेलवे ने अब तक 4.32 लाख कर्मचारियों का टीकाकरण किया : रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष

कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियाें के टीकाकरण काे लेकर सजग है. रेलवे द्वारा स्टाफ के टीकाकरण का अभियान भी शुरू कर दिया गया है.

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Published : May 17, 2021, 9:41 PM IST

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रेलवे पूरे देश में अपनी सेवा जारी रखे हुए है, इसके साथ ही रेलवे स्टाफ का टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है.

रेलवे के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि रेलवे के सभी क्षेत्रों में अब तक लगभग 4.32 लाख रेलकर्मियों को टीका लगाया जा चुका है. रेलवे विभिन्न राज्य सरकारों के संपर्क में है. उनसे जल्द इस दिशा में कदम उठाने और शेष कर्मचारियों को टीका लगाने काे कहा है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा, 'रेलवे ने अब तक 4.32 लाख कर्मचारियों का टीकाकरण किया है. हम शेष कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. पहले चरण में 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के स्टाफ के साथ मेडिकल स्टाफ व आरपीएफ शामिल थे. अब 18 से 45 आयु वर्ग के स्टाफ के टीकाकरण पर जाेर दिया जा रहा है.

रेलवे अधिकारी ने आगे कहा, काेविड काे देखते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी चलाए जा रहे हैं. हम राज्य सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि जल्दी से रेलवे से जुड़े लोगों को टीका लगाने का काम पूरा किया जाए.

रेलवे यूनियन ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र लिखा है. सरकार को फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है. पत्र में कहा गया है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो बिना टीकाकरण वाले कर्मचारी ड्यूटी नहीं करेंगे.

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डीजे नारायण ने भी स्पष्ट किया कि रेलवे यह निर्णय नहीं ले सकता है कि किसे फ्रंट लाइन वर्कर्स माना जाए. यह सरकार की तरफ से गठित समिति द्वारा तय किया जा रहा है.

कोविद -19 संकट पर रेलवे की तैयारियों के बारे में बताते हुए शर्मा ने कहा, 'हमने टीकाकरण केंद्र खोले हैं. रेलवे के पास अपने कर्मचारियों के लिए 100 से अधिक टीकाकरण केंद्र हैं, जहां तक सुविधाओं का सवाल है, पहले हमारे पास केवल 2539 कोविड बेड थे जो अब 6972 हाे चुके हैं. 63 वेंटिलेटर थे जिन्हें अब बढ़ाकर 296 कर दिया गया है. यहां बेड के साथ ऑक्सीजन सांद्रता और दवा की भी सुविधा है.

इसे भी पढ़ें : कोरोना टीके से पहले लें ये दवाएं तो मिल सकती है खून जमने से निजात : विशेषज्ञ

रेलवे ने बताया कि मार्च 2020 से अब तक 1,952 कर्मचारियों की काेराेना की वजह से माैत हुई है वहीं राेजाना औसतन 1000 रेलकर्मी कोविड से संक्रमित हो रहे हैं.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रेलवे पूरे देश में अपनी सेवा जारी रखे हुए है, इसके साथ ही रेलवे स्टाफ का टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है.

रेलवे के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि रेलवे के सभी क्षेत्रों में अब तक लगभग 4.32 लाख रेलकर्मियों को टीका लगाया जा चुका है. रेलवे विभिन्न राज्य सरकारों के संपर्क में है. उनसे जल्द इस दिशा में कदम उठाने और शेष कर्मचारियों को टीका लगाने काे कहा है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा, 'रेलवे ने अब तक 4.32 लाख कर्मचारियों का टीकाकरण किया है. हम शेष कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. पहले चरण में 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के स्टाफ के साथ मेडिकल स्टाफ व आरपीएफ शामिल थे. अब 18 से 45 आयु वर्ग के स्टाफ के टीकाकरण पर जाेर दिया जा रहा है.

रेलवे अधिकारी ने आगे कहा, काेविड काे देखते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी चलाए जा रहे हैं. हम राज्य सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि जल्दी से रेलवे से जुड़े लोगों को टीका लगाने का काम पूरा किया जाए.

रेलवे यूनियन ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र लिखा है. सरकार को फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है. पत्र में कहा गया है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो बिना टीकाकरण वाले कर्मचारी ड्यूटी नहीं करेंगे.

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डीजे नारायण ने भी स्पष्ट किया कि रेलवे यह निर्णय नहीं ले सकता है कि किसे फ्रंट लाइन वर्कर्स माना जाए. यह सरकार की तरफ से गठित समिति द्वारा तय किया जा रहा है.

कोविद -19 संकट पर रेलवे की तैयारियों के बारे में बताते हुए शर्मा ने कहा, 'हमने टीकाकरण केंद्र खोले हैं. रेलवे के पास अपने कर्मचारियों के लिए 100 से अधिक टीकाकरण केंद्र हैं, जहां तक सुविधाओं का सवाल है, पहले हमारे पास केवल 2539 कोविड बेड थे जो अब 6972 हाे चुके हैं. 63 वेंटिलेटर थे जिन्हें अब बढ़ाकर 296 कर दिया गया है. यहां बेड के साथ ऑक्सीजन सांद्रता और दवा की भी सुविधा है.

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रेलवे ने बताया कि मार्च 2020 से अब तक 1,952 कर्मचारियों की काेराेना की वजह से माैत हुई है वहीं राेजाना औसतन 1000 रेलकर्मी कोविड से संक्रमित हो रहे हैं.

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