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'पेजर में विस्फोट किया जा सकता है तो EVM हैक क्यों नहीं हो सकता', CEC ने दिया जवाब

CEC Rajiv Kumar : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक बार फिए ईवीएम पर उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

If Pagers Can Be Hacked Why Not EVM EC Responds
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (ANI)

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की ऐलान किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर उठाए सवालों को खारिज कर दिया. राजीव कुमार ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए उस सवाल का भी जवाब दिया कि अगर पेजर में विस्फोट हो सकता है, ईवीएम को क्यों नहीं हैक किया जा सकता है.

सीईसी कुमार ने कहा कि दोनों डिवाइस में अंतर हैं. पेजर कनेक्टेड होते हैं, जबकि ईवीएम कनेक्टेड नहीं होता है. उन्होंने कहा कि ईवीएम से किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग होती है, जो 5 और 6 महीने पहले होती है. कमिशनिंग के समय ईवीएम में बैटरी डाली जाती है. मतदान से 5-6 दिन पहले ईवीएम में चुनाव चिह्न फीड किए जाते हैं. साथ ही नई बैटरी डाली जाती है. बैटरी पर भी पोल एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार के सवाल का जवाब देना हमारी जिम्मेदारी होती है. ईवीएम का संग्रह, बाहर निकालना, पोलिंग बूथ पर ले जाना, सील करना... हर समय पर राजनीतिक दल के एजेंट मौजूद रहते हैं.

ईवीएम के जरिये मतदान कराने पर बोलते हुए सीईसी राजीव कुमार ने कहा, "यह पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है. पिछले 15-20 चुनावों को देखें. यह अलग-अलग परिणाम दे रहा है. ऐसा नहीं हो सकता कि यह गलत हो, जब परिणाम आपकी पसंद के न हों..."

बता दें, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मंगलवार को मांग की थी कि मतदान बैलेट पेपर से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा, तो भाजपा सरकार और चुनाव आयोग 'कुछ भी कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के इजराइल से बहुत अच्छे संबंध हैं...
उन्होंने कहा कि अगर इजराइल पेजर में हेराफेरी करके लोगों को मार सकता है, तो कुछ भी हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजराइल के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. महाराष्ट्र में विपक्ष को ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट से मतदान पर जोर देने के लिए दबाव डालना चाहिए. नहीं तो महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार और चुनाव आयोग कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने दावा किया, "ईवीएम का बड़ा खेल कहीं भी हो सकता है. इसलिए भाजपा चुनाव से पहले यह खेल खेलती है."

यह भी पढ़ें- Maharashtra Jharkhand Elections 2024: महाराष्ट्र में एक, झारखंड में दो चरणों में वोटिंग, 23 नवंबर को आएंगे नतीजे

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की ऐलान किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर उठाए सवालों को खारिज कर दिया. राजीव कुमार ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए उस सवाल का भी जवाब दिया कि अगर पेजर में विस्फोट हो सकता है, ईवीएम को क्यों नहीं हैक किया जा सकता है.

सीईसी कुमार ने कहा कि दोनों डिवाइस में अंतर हैं. पेजर कनेक्टेड होते हैं, जबकि ईवीएम कनेक्टेड नहीं होता है. उन्होंने कहा कि ईवीएम से किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग होती है, जो 5 और 6 महीने पहले होती है. कमिशनिंग के समय ईवीएम में बैटरी डाली जाती है. मतदान से 5-6 दिन पहले ईवीएम में चुनाव चिह्न फीड किए जाते हैं. साथ ही नई बैटरी डाली जाती है. बैटरी पर भी पोल एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार के सवाल का जवाब देना हमारी जिम्मेदारी होती है. ईवीएम का संग्रह, बाहर निकालना, पोलिंग बूथ पर ले जाना, सील करना... हर समय पर राजनीतिक दल के एजेंट मौजूद रहते हैं.

ईवीएम के जरिये मतदान कराने पर बोलते हुए सीईसी राजीव कुमार ने कहा, "यह पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है. पिछले 15-20 चुनावों को देखें. यह अलग-अलग परिणाम दे रहा है. ऐसा नहीं हो सकता कि यह गलत हो, जब परिणाम आपकी पसंद के न हों..."

बता दें, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मंगलवार को मांग की थी कि मतदान बैलेट पेपर से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा, तो भाजपा सरकार और चुनाव आयोग 'कुछ भी कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के इजराइल से बहुत अच्छे संबंध हैं...
उन्होंने कहा कि अगर इजराइल पेजर में हेराफेरी करके लोगों को मार सकता है, तो कुछ भी हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजराइल के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. महाराष्ट्र में विपक्ष को ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट से मतदान पर जोर देने के लिए दबाव डालना चाहिए. नहीं तो महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार और चुनाव आयोग कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने दावा किया, "ईवीएम का बड़ा खेल कहीं भी हो सकता है. इसलिए भाजपा चुनाव से पहले यह खेल खेलती है."

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