लखनऊ : यूपी और गुजरात एटीएस ने देश में फैले अवैध धर्मांतरण गैंग के कारनामों में बड़ा खुलासा किया है. आईजी एटीएस की मानें तो अवैध धर्मांतरण में देश विरोधी गतिविधियों के लिए ₹27.30 करोड़ की विदेशों से फंडिंग की गई.
गरीब, असहाय और कमजोरों की मदद के नाम पर वसूली गई चैरिटी फंड में 59.94 लाख नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल दंगाइयों को छुड़ाने की पैरवी में खर्च किए गए. यह रकम गुजरात के वडोदरा से गिरफ्तार सलाहुद्दीन उर्फ जैनुद्दीन शेख की संस्था अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (AFMI) में ली गई थी.
हवाला के जरिए भेजी 8 करोड़ की रकम
यूपी एटीएस को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर चल रहे अवैध धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग का इनपुट मिला था. पड़ताल में पता चला कि 2017 से संचालित एएफएमआई को ज्यादातर फंडिंग दुबई से की जा रही थी. इस संस्था को दुनिया के कई देशों से पांच साल में 27.30 करोड़ रुपये मिले. इसमे 19.30 करोड़ संस्था के खाते में आए और आठ करोड़ रुपये हवाला के जरिये भेजे गए.
सलाहुद्दीन ने चैरिटी फंड को इन पांच साल में अवैध रूप से मस्जिदों का निर्माण करवाने और गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन करवाने के लिए 5.91 करोड़ रुपये नोएडा में संचालित उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर यानी आईडीसी को दिया था. उमर गौतम ने इन रुपयों का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण गैंग संचालित करने, शाहीनबाग में भीड़ जुटाने और दंगाइयों को छुड़ाने खर्च किया.
शाहीनबाग में भीड़ जुटाने और दंगाइयों को छुड़ाने में खर्च की विदेशी रकम
आईजी एटीएस जीके गोस्वामी के अनुसार अवैध धर्मांतरण गैंग के सरगना व दिल्ली के रहने वाले उमर गौतम और सलाहुद्दीन की संस्थाएं हाल ही में हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में हिंसा भड़काने में पुरजोर ताकत लगाए थी. सलाहुद्दीन की संस्था को मिले विदेशी फंड से आरोपियों को छुड़ाने में वकील की फीस और अन्य खर्च के लिए 59.94 लाख रुपये दिए गए थे. दिल्ली के शाहीनबाग में हुए प्रदर्शन में भीड़ जुटाने के लिए यह रुपये खर्च कर रहे थे. इस दौरान हुए दंगे में आगजनी और तोड़फोड़ के बाद गिरफ्तार आरोपियों को छुड़ाने का पूरा खर्च इन्होंने ही उठाया था.
घरेलू सामान खरीदने का फर्जी बिल भी बना डाला
आईजी के अनुसार देश विरोधी गतिविधियों में खर्च किये गये रकम को मदद के लिए खर्च दिखाया गया. एएफएमआई के खाते में आए 19.30 करोड़ खर्च रकम का घरेलू सामान खरीदने का फर्जी बिल बनवाया गया. इसके लिए व्यापारियों को कमीशन भी दिया गया. यह सारा लेनदेन चेक द्वारा किया गया और पेमेंट देने के बाद कैश ले लिया. अब एटीएस फर्जी बिल बनाने वाले व्यापारियों से भी पूछताछ करने का मन बना रही है. अब तक 1.65 करोड़ रुपये के फर्जी बिल की जानकारी सामने आई है.
अवैध धर्मांतरण का गुजरात में पहला मामला दर्ज
आईजी ने बताया कि अवैध धर्मांतरण व देश विरोधी गतिविधियों में विदेशी फंडिंग के मामले में गुजरात में दो दिन पूर्व पहला मामला दर्ज किया गया. अवैध धर्मांतरण गैंग के सरगना व दिल्ली के निवासी उमर गौतम और बड़ोदरा के सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख के खिलाफ गुजरात एटीएस थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया है. मौलाना उमर गौतम को फंड मुहैया करवाता था. पांच साल के दरम्यान गौतम सलाहुद्दीन से मिलने पांच बार वडोदरा गया था. दोनों आरोपी लखनऊ की जेल में हैं. इनकी रिमांड के लिए गुजरात एटीएस की एक टीम लखनऊ पहुंच चुकी है. दोनों को वडोदरा ले जाकर और साक्ष्य जुटाए जाएंगे. यूपी एटीएस जून में केस दर्ज कर अभी तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें छह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है.
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